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राहुल गांधी ने RSS की तुलना मिस्र के मुस्लिम ब्रदरहुड से की, लंदन में बताया फासीवादी संगठन

राहुल गांधी ने लंदन के चैथम हाउस में बातचीत के दौरान RSS पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आरएसएस मुस्लिम ब्रदरहुड की तर्ज पर बना है. साथ ही कहा कि एक नैरेटिव चल रहा है कि 'कोई भी भाजपा को हरा नहीं सकता'. लेकिन भाजपा हमेशा के लिए सत्ता में नहीं रहने वाली है.

लंदन के चैथम हाउस में बातचीत करते राहुल गांधी लंदन के चैथम हाउस में बातचीत करते राहुल गांधी
लवीना टंडन
  • लंदन,
  • 07 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन के 10 दिन के दौरे पर हैं. वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने सोमवार देर शाम लंदन स्थित थिंक टैंक चैथम हाउस में कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. इस दौरान राहुल गांधी ने RSS पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि भारत में डेमोक्रेटिक कॉम्पटिशन का तरीका पूरी तरह से बदल गया है. इसका कारण RSS नामक एक संगठन है. यह एक कट्टरपंथी और फासीवादी संगठन है, जिसने भारत की लगभग सभी संस्थाओं पर कब्जा कर लिया है. 

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चैथम हाउस में राहुल गांधी ने कहा कि  RSS मुस्लिम ब्रदरहुड की तर्ज पर बना है. राहुल गांधी ने कहा कि एक कट्टरपंथी, फासीवादी संगठन ने भारत के सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है. मुझे इस बात ने झकझोर दिया कि वे हमारे देश के विभिन्न संस्थानों पर कब्जा करने में कितने सफल रहे हैं. प्रेस, न्यायपालिका, संसद और चुनाव आयोग सभी खतरे में हैं और किसी न किसी तरह से नियंत्रित हैं.

कांग्रेस नेता ने कहा कि वह 'बीजेपी को कोई हरा नहीं सकता' वाले नैरेटिव में विश्वास नहीं करते. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एक विचार है. हमने भाजपा की तुलना में कई वर्षों तक देश पर शासन किया है. एक नैरेटिव चल रहा है कि 'कोई भी भाजपा को हरा नहीं सकता'. लेकिन भाजपा हमेशा के लिए सत्ता में नहीं रहने वाली है.

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बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत में आप देख सकते हैं कि दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों के साथ क्या किया जा रहा है. ऐसा नहीं है कि कांग्रेस कह रही है. विदेशी प्रेस में हर समय ऐसे लेख आते हैं कि भारतीय लोकतंत्र में ये गंभीर समस्या है. 

राहुल बोले- मेरे फोन में पेगासस था

राहुल गांधी ने दावा किया कि आप किसी भी विपक्षी नेता से पूछ सकते हैं कि एजेंसियों का इस्तेमाल कैसे किया जाता है. मेरे फोन में पेगासस था. लेकिन ऐसा तब नहीं था जब कांग्रेस सत्ता में थी.  इस बीच लेबर पार्टी के वीरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि उन्होंने (राहुल गांधी) ने जो कहा कि उसका यहां के राजनेताओं के विचार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह राहुल का निजी राजनीतिक विचार है.

रूस-यूक्रेन युद्ध पर क्या बोले राहुल गांधी?

रूस-यूक्रेन युद्ध के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह यूक्रेन नीति पर सरकार से सहमत हैं. उन्होंने कहा कि मैं यूक्रेन के मुद्दे पर विदेश नीति से सहमत हूं. इसमें राष्ट्रीय हित भी है. मैं किसी भी तरह के युद्ध के खिलाफ हूं.

राहुल का बीजेपी पर निशाना

राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी  एक दिन जागते हैं और नोटबंदी करते हैं और रिजर्व बैंक को इसकी भनक तक नहीं लगती. उन्होंने कहा कि चीन के मामले पर पीएम शांत हैं. मुझे लगता है कि हमारे पास उत्पादन के लिए एक विजन होना चाहिए, लेकिन यह चीनी की तरह नहीं हो सकता है. राहुल गांधी ने कहा कि चीन हमारी जमीन में 2000 किमी पर बैठा है. 

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'21वीं सदी में दुनिया जुड़ी हुई है'

राहुल ने कहा कि मुझे पुल का विचार पसंद है, समृद्धि का पुल. हम टेबल पर बहुत कुछ लाते हैं और आप बहुत सारी टेबल लाते हैं और बातचीत करते हैं. क्योंकि 21वीं सदी में दुनिया काफी जुड़ी हुई हैं. उन्होंने कहा कि 3-4 लोगों द्वारा बेकिंग सिस्टम को पूरी तरह से कंट्रोल किया जा रहा है. भारत की लोकतांत्रिक संस्थाओं की लड़ाई भारत की जिम्मेदारी है और किसी की नहीं.

राहुल लगातार उठा रहे चीन का मुद्दा

इससे पहले राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र की संरचनाएं "क्रूर हमले" के अधीन हैं और देश की संस्थाओं पर व्यापक हमला हो रहा है. कैंब्रिज विश्वविद्यालय में गांधी ने कहा था कि भारतीय लोकतंत्र पर हमला हो रहा है. वहीं रविवार को लंदन में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि विपक्षी नेताओं को भारतीय संसद में चीनी आक्रामकता का मुद्दा उठाने की अनुमति नहीं है.

राहुल ने लंदन में कही ये बड़ी बातें

इससे पहले राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और भारतीय समुदाय को संबोधित किया था. राहुल ने कैम्बिज  यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में चीन की तारीफ की थी. उन्होंने कई उदाहरणों के जरिए बताया था कि चीन शांति का पक्षकार है. राहुल ने कहा था कि आप चीन में जिस तरह का इंफ्रास्ट्रक्चर देखते हो, रेलवे, एयरपोर्ट देखते हो, ये सबकुछ प्रकृति से जुड़ा हुआ है, नदी की ताकत है. चीन प्रकृति के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है. वहीं बात जब अमेरिका की आती है, वो खुद को प्रकृति से बड़ा मानता है. यही बताने के लिए काफी है कि चीन शांति में कितना ज्यादा दिलचस्पी रखता है.

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इसके अलावा राहुल ने चीन को लेकर ये भी कहा कि वहां पर सरकार एक कॉरपोरेशन की तरह काम करती है. उस वजह से हर जानकारी पर सरकार की पूरी पकड़ रहती है. उनके मुताबिक इस समय भारत और अमेरिका में ऐसी स्थिति नहीं है. राहुल ये भी मानते हैं कि इसी वजह से चीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में इतना आगे बढ़ गया है. 

हालांकि, बाद में लंदन में IJA के प्रोग्राम में राहुल ने चीन को लेकर कहा कि कांग्रेस की चीन को लेकर पॉलिसी बेहद साफ है. हम किसी को अंदर आने और धक्का देने की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन अभी वास्तविकता यह है कि चीनी हमारे क्षेत्र में प्रवेश कर गए हैं. सैनिक मारे गए हैं और प्रधानमंत्री ने इसका खंडन किया है.

जम्मू-कश्मीर को लेकर क्या बोले राहुल गांधी?


राहुल गांधी ने अपने संबोधन में पुलवामा हमले का भी जिक्र किया था. उन्होंने जम्मू-कश्मीर को 'तथाकथित हिंसक जगह' बताया था. राहुल ने कहा था कि कश्मीर इंसर्जेंसी प्रोन स्टेट है और तथाकथित हिंसक जगह. मैं उस जगह भी गया था जहां हमारे 40 जवानों को मार दिया गया था. राहुल ने बताया था कि जब वे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू कश्मीर पहुंचे थे तो उन्हें सुरक्षाबलों ने यात्रा न करने की सलाह न दी थी. 

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क्या है मुस्लिम ब्रदरहुड?

मुस्लिम ब्रदरहुड को कई देश आतंकी संगठन भी मानते हैं. मुस्लिम ब्रदरहुड मिस्र का सबसे पुराना और सबसे बड़ा इस्लामी संगठन है. इसे इख्वान अल- मुस्लमीन के नाम से भी जाना जाता है. इसकी स्थापना 1928 में हसन अल-बन्ना ने की थी. मुस्लिम ब्रदरहुड का एक मुख्य मकसद है कि देश का शासन इस्लामी कानून यानी शरिया के आधार पर चलाना है. अरब देशों में सक्रिय इस संगठन पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगता रहा है. यही नहीं अल कायदा को मुस्लिम ब्रदरहुड का आतंकी चेहरा माना जाता रहा है. समय समय पर दोनों के लिंक सामने आते रहे हैं. आतंकी संगठन अल कायदा के पूर्व प्रमुख और 9/11 अमेरिकी हमले के मास्‍टरमाइंड ओसामा बिन लादेन भी पहले मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्‍य हुआ करता था.

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