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रूस को लेकर मोदी सरकार के साथ आए राहुल गांधी, चीन पर कही ये बात

पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका दौरे पर हैं. इस यात्रा के दौरान अपने संबोधन में राहुल गांधी केंद्र की मोदी सरकार लगातार हमला बोल रहे हैं. लेकिन गुरुवार को उन्होंने मोदी सरकार के एक निर्णय का पुरजोर समर्थन किया है.

पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका यात्रा पर हैं. (फोटो-पीटीआई) पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका यात्रा पर हैं. (फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2023,
  • अपडेटेड 8:41 PM IST

छह दिवसीय अमेरिका दौरे पर गए पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत-रूस रिश्ते को लेकर कहा है कि रूस के साथ हमारा एक रिश्ता रहा है जिसे नकारा नहीं जा सकता है. उन्होंने आगे कहा कि रूस के साथ संबंधों को लेकर हमारी प्रतिक्रिया भी उसी तरह होती जो बीजेपी की रही है.

अमेरिका के वॉशिंगटन में नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत में प्रेस और धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यकों के सामने आने वाली समस्याओं के साथ-साथ अर्थव्यवस्था से भी जुड़े कई सवालों के जवाब दिए. इससे पहले सैन फ्रैंसिस्कों में राहुल गांधी ने मोदी सरकार की जमकर आलोचना की थी. 

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केंद्र की मोदी सरकार के रुख का समर्थन

राहुल गांधी गुरुवार को वॉशिंगटन प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे. इस दौरान उनसे पूछा गया, " यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से भारत-रूस रिश्ते को कांग्रेस किस तरह से आकलन करेगी?" इस सवाल पर मोदी सरकार के रुख का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि वह भी इस मुद्दे पर इसी तरह की प्रतिक्रिया देते, जिस तरह की प्रतिक्रिया बीजेपी की रही है. रूस के साथ हमारा एक रिश्ता है. हम कुछ चीजों के लिए उन पर निर्भर हैं. हमें भी अपने हितों के बारे में सोचना होगा. इसलिए मेरा भी वही रुख भी होगा जो भारत सरकार का है.

भारत और अमेरिका के रिश्ते पर टिप्पणी करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अमेरिका से रिश्ते भी महत्वपूर्ण हैं. रक्षा संबंध होना महत्वपूर्ण है. लेकिन मुझे ऐसा लगता है कि हमें अन्य सहयोग क्षेत्रों पर भी विचार करने की जरूरत है.  

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रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही भारत रूस की निंदा करने से परहेज करता रहा है. शुरुआत से ही इस मुद्दे पर भारत का न्यूट्रल स्टैंड रहा है. पश्चिमी देशों की ओर से लगातार दबाव बनाए जाने के बाद भी भारत ने अभी तक यूक्रेन में जारी रूसी हमले की निंदा नहीं की है. इसके अलावा भारत ने अभी तक एक बार भी रूस के खिलाफ लाए गए किसी प्रस्ताव में भी भाग नहीं लिया है.  भारत ने सीधे तौर पर रूस की निंदा करने के बजाय इस युद्ध को कूटनीति और बातचीत से सुलझाने का आह्वान किया है.

चीन के साथ रिश्ते आसान नहींः राहुल गांधी

अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी कैंपस में एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चीन भारत को डरा-धमका नहीं सकता है. इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब होते जा रहे हैं और सहज नहीं हैं. 

दरअसल, स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में संबोधन के दौरान एक भारतीय छात्र ने राहुल गांधी से पूछा, "अगले पांच से दस सालों में भारत और चीन के बीच रिश्ते को कैसे आगे बढ़ते हुए देखते हैं. इस पर उन्होंने कहा, "यह अभी मुश्किल है. मेरा मतलब है, चीन ने हमारे कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है. ऐसे में दोनों देशों के बीच रिश्ता आसान नहीं है."

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भारत और चीन के बीच पिछले तीन साल से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध बना हुआ है. जून 2020 में पूर्वी लद्धाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद से ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्ते तनावपूर्ण हैं. मार्च 2023 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी एक कार्यक्रम में कहा था कि चीन संग भारत के रिश्ते बहुत कठिन दौर से गुजर रहे हैं

भारत में अल्पसंख्यकों और प्रेस की स्वतंत्रता पर भी टिप्पणी 

राहुल गांधी से जब यह पूछा गया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाएगी? इसका जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा, भारत में पहले से ही एक मजबूत व्यवस्था है. बस वो सिस्टम कमजोर हो गया है. आपके पास संस्थानों का एक ऐसा स्वतंत्र समूह होना चाहिए जो स्वतंत्र रूप से काम करे. आमतौर पर भारत में हमेशा से यह रहा है. यह एक अपवाद है जो अभी भारत में हो रहा है. अगर आप यह कहते हैं कि अगर कांग्रेस आई तो क्या करेगी तो मैं यह कहूंगा कि उस सिस्टम को जल्दी बहाल किया जाएगा.

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता बहुत ही जरूरी है. यह सिर्फ प्रेस की आजादी ही नहीं है. बल्कि यह एक मल्टीपल एक्सिस वाला पॉलिटिकल एक्सेस है. यह संस्थागत ढांचे की वह संरचना है जो भारत और भारत के लोगों को बोलने की अनुमित देती है. लेकिन अब यह दबाव में आ रही है. 

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मुस्लिम लीग को बताया सेक्युलर पार्टी

केरल में कांग्रेस गठबंधन का हिस्सा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि मुस्लिम लीग पूरी तरह से सेक्युलर पार्टी (धर्मनिरपेक्ष पार्टी) है. इसमें कुछ भी नॉन सेक्युलर नहीं है. 

इसके अलावा विपक्षी एकता पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष काफी एकजुट है और जमीन पर अच्छा काम हो रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि एक छिपा हुआ करंट पैदा हो रहा है और यह अगले लोकसभा चुनाव में लोगों को आश्चर्यचकित करेगा. कर्नाटक में कांग्रेस को मिली जीत का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि प्रतीक्षा करें और अगले तीन या चार राज्यों का चुनाव देखें. उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि अगले दो साल में कांग्रेस पार्टी बहुत ही अच्छा करेगी. 
 

 

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