
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति का कहना है कि वह बहुत गर्व महसूस करते हैं कि डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से कमला हैरिस को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुना गया है.
इलिनोइस से डेमोक्रेटिक सांसद कृष्णमूर्ति (51) ने ही अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों के ग्रुप को समोसा कॉकस का नाम दिया था. उन्होंने आज तक के साथ विशेष बातचीत में बताया कि कमला हैरिस को लेकर वह बहुत गौरवान्वित हैं. लेकिन अभी चुनाव जीतने के लए लंबा सफर तय करना होगा.
यह पूछने पर कि इस चुनाव में क्या प्रमुख मुद्दे हैं? जिन पर चुनाव लड़ा जा रहा है. इसके जवाब में उन्होंने बताया कि सीमा विवाद, महंगाई, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर लोग वोट करने जा रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही हमें इस धारणा को भी तोड़ना है कि डेमोक्रेट्स उतने स्ट्रॉन्ग नहीं हैं, जितने ट्रंप स्ट्रॉन्ग हैं. इस धारणा को खत्म करने की जरूरत है.
यह चुनाव जीतने के लिए अभी हमें लंबा रास्ता तय करना है. हमें उन सभी मुद्दों को हल करना होगा, जो लोगों के लिए जरूरी हैं. कृष्णमूर्ति ने कहा कि चीन इस साल नवंबर में होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीतता देखना चाहता है.
चीन एक वैश्विक चुनौती है
राजा कृष्णमूर्ति ने चीन के बढ़ते प्रभुत्व को दुनिया के लिए खतरा बताया है. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि चीन न सिर्फ अपने पड़ोसी देशों के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर एक चुनौती है. वह आर्थिक से लेकर रक्षा तमाम मोर्चों पर आक्रामक रुख बनाए हुए हैं.
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर भारत के साथ संबंधों पर पड़ेगा असर
कृष्णूमर्ति ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने से भारत-अमेरिकी संबंधों पर असर पड़ सकता है. जबकि कमला हैरिस के कार्यकाल में दोनों देशों के संबंध और मजबूत होंगे. उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में कमला हैरिस को वोट करना होगा. वह बहुत मेहनत कर रही हैं और देश को यकीनन आगे लेकर जाएंगी.
राजा कृष्णमूर्ति ने ही गढ़ा था समोसा कॉकस
अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों को समोसा कॉकस माना जाता है. मौजूदा समय में इस कॉकस के सात सदस्य हैं. कृष्णमूर्ति का कहना है कि कमला हैरिस समोसा कॉकस की महत्वपूर्ण सदस्य है.
अमेरिकी राजनीति में 'समोसा कॉकस' शब्द की काफी चर्चा होती है. 2016 में इसकी चर्चा तब हुई थी जब पहली बार अमेरिकी संसद में 5 भारतीय मूल के सांसद चुने गए थे जिसमें भारतीय मूल के अमेरिकी नेता और हाउस ऑफ रिप्रेंजेटेटिव के सदस्य राजा कृष्णमूर्ति भी थे. उन्होंने ही इस ‘समोसा कॉकस’ शब्द को गढ़ा था. जिसे संसद के अंदर भारतीय मूल के सांसदों और प्रतिनिधियों का समूह कहा गया. अभी इस समूह में सात सदस्य हैं.