
इजरायल और हमास के बीच जारी संघर्ष बीते 6 दिनों से अस्थायी रूप से रूका हुआ है. संघर्ष विराम के पांचवे दिन हमास ने कई बंधक इजरायल को सौंपे और बदले में इजरायल ने कुछ फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ा. हमास के कब्जे से छूटकर लौटे बंधकों में से एक ने अपने अनुभव साझा करते हुए बड़ा खुलासा किया है. हाल ही में गाजा से रिहा किए गए बंधकों में से एक ने बताया कि उसे यूएनआरडब्ल्यूए शिक्षक ने एक अटारी में लगभग 50 दिनों तक बंधक बनाकर रखा था.
शिक्षक और डॉक्टर ने किया था कैद
रिहा किए गए शख्स की कहानी चैनल 13 के पत्रकार अल्मोग बोकर द्वारा एक्स पर साझा की गई है. बंधक ने यह भी कहा कि जिस शिक्षक ने उसे बंधक बनाया था वह 10 बच्चों का पिता था. बंधक ने बताया कि उसे बमुश्किल भोजन या चिकित्सा सेवाएं प्रदान की गई थी और शिक्षक द्वारा उसे बंद करके रखा गया था.
इसके अलावा, पत्रकार बोकर की रिपोर्ट में एक अन्य बंधक का भी हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि उसे गाजा के एक डॉक्टर ने बंधक बना लिया था जो बच्चों के मरीजों का इलाज करता था.
स्कूल पर उठते रहे हैं सवाल
इसी महीने की शुरुआत की एक रिपोर्ट में, वेस्ट बैंक के नब्लस (Nablus) में यूएनआरडब्ल्यूए द्वारा संचालित स्कूल ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक वीडियो पोस्ट किया. इस वीडियो में एक युवा छात्र गाजा में हमास के "जिहाद योद्धाओं" की जीत का आह्वान कर रहा है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गाजा में यूएनआरडब्ल्यूए स्कूलों के शिक्षकों द्वारा सोशल मीडिया पर हमलों की तारीफ करने के कई उदाहरण सामने आए हैं. इसके अलावा हमास के लड़ाकों और यूएनआरडब्ल्यूए स्कूलों के बीच संबंध पाए गए थे. रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 100 से अधिक हमास लड़ाके यूएनआरडब्ल्यूए संचालित स्कूलों से स्नातक हुए थे.