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प्रिंस चार्ल्स की बेवफाई के बाद राजकुमारी डायना ने पहनी सालों पुरानी ड्रेस, क्यों कहा गया- बदला हुआ पूरा!

पति के साथ तस्वीरें खिंचाने के लिए फ्लैट चप्पलें पहनती, या एक सीढ़ी नीचे खड़ी होती प्रिंसेज डायना ने साल 1994 की रात लंदन में ऑफ-शोल्डर ड्रेस पहनी. उसके साथ काले रंग की ऊंची एड़ियां. गले में मोती और मेनिक्योर्ड लाल नाखून. ब्रिटिश राजघराने के लिहाज से डायना एकदम अलग अंदाज में थीं. ड्रेस को रेवेंज ड्रेस कहा गया. ये राजकुमारी का अपने पति के धोखे पर लिया गया बदला था.

राजकुमारी डायना ने ये कॉकटेल ड्रेस साल 1991 में बनवाई थी. (Getty Images) राजकुमारी डायना ने ये कॉकटेल ड्रेस साल 1991 में बनवाई थी. (Getty Images)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:49 PM IST

प्रिंसेज डायना का गहरे बैंगनी रंग का बॉल गाउन नीलामी के लिए तैयार हो रहा है. बेहद खूबसूरत राजकुमारी के सीधे-सतर कंधे दिखाता ये गाउन शाही परिवार के आम ड्रेसकोड से अलग था. लेकिन खुद डायना कहां राजघराने के बंधे-बंधाए खांचे में फिट बैठती थीं. आदतों से लेकर कपड़ों के मामले में वे अलग रहीं- आम और इसलिए ही सबसे खास. जिस रोज उनके पति प्रिंस चार्ल्स (अब ब्रिटेन के राजा) ने अपने अफेयर का खुलासा सबके सामने लिया, प्रिसेंस रोते हुए सिर धुनने की बजाए शान से एक काला गाउन पहनकर निकलीं. कंधों से काफी नीचे और घुटनों से भी ऊपर ये गाउन जल्द ही 'रेवेंज ड्रेस' कहलाने लगा. 

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डिजाइनर ने किया था खुलासा
'प्रिंसेज डायना'ज ड्रेसेस: द ऑक्शन' डॉक्युमेंट्री में मशहूर डिजाइनर क्रिस्टीना स्टेमबोलिअन ने कहा था कि उन्होंने इस ड्रेस का स्केच तीन साल पहले प्रिंसेज के साथ बैठकर बनाया था. लेकिन तब डायना के पास उसे पहनकर सबके सामने आने की हिम्मत शायद नहीं थी. पति के धोखे और फिर खुलकर सारी दुनिया के सामने अपने अफेयर की बात करने की घटना ने डायना के भीतर का डर सोखकर उसकी जगह गुस्सा भर दिया होगा. तभी वे राजघराने का सेट पैटर्न तोड़ सकीं. 

शाही घराने में है अलिखित ड्रेस कोड
कोई भी ब्रिटिश औरत जो काली ड्रेस वीकेंड या पार्टियों में आमतौर पर पहने दिख जाती, ब्रिटेन के शाही परिवार की बहू के लिए वो सपना था. ये सपना साल 1991 में देखा गया था. लंदन की ऑक्सफोर्ड स्ट्रीट के फैशन मार्केट में टहलती हुई डायना क्रिस्टीना के बुटीक पहुंचीं. कुछ कपड़े खरीदने के बाद डायना ने कुछ अलग की डिमांड की, जिसे वे किसी बेहद खास मौके पर पहन सकें. बेहद खास! 

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डरी हुई थीं राजकुमारी
क्रिस्टीना बताती हैं- हम बैठे और देर तक मिलकर स्केच बनाया. आखिर में जो बना, वो काफी खुली हुई ड्रेस थी, जिसमें डायना के फिजिक की सारी खूबियां उभरकर दिखतीं. रंग भी एक मसला था. वो क्रीम कलर चाहती थीं, मैं ब्लैक या वाइट, जो कि उनकी खूबसूरती से मेल खाए. स्केच देखकर राजकुमारी खुश तो थीं, लेकिन डरी हुई भी. उन्होंने साथ आए अपने भाई से पूछा- क्या ये पहनना ठीक रहेगा? भाई ने कहा कि जो तुम्हारे दिल को ठीक लगे, वो ठीक रहेगा. डायना ने ऑर्डर दे दिया.

डायना और प्रिंस चार्ल्स के संबंधों में शादी के कुछ समय बाद ही तनाव की खबरें आने लगी थीं. (AP)

तीन साल बीत गए
लेडी डायना ने ढेरों कपड़े पहने लेकिन वो ब्लैक ड्रेस वॉर्डरोब में कहीं खोई रही. ये बात जून 1994 की है. तब टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान प्रिंस चार्ल्स ने शादी में अपने नाखुश होने की बात मानी. उन्होंने कहा कि शादी की शुरुआत में वे वफादार थे, लेकिन फिर रिश्ता टूटने लगा. फिर आया वो वाक्य- 'येस! आई चीटेड ऑन डायना.' 

लंदन में फोटोग्राफरों से घिरी डायना मुस्कुरा रही थीं
इसी रात लंदन में एक आर्ट शो के दौरान राजघराने की बहू ने तीन साल पुरानी ड्रेस निकालकर पहनी. बाद में राजघराने के कई लोगों ने बताया कि इंटरव्यू सुनने के बाद प्रिंसेज ने उस मौके पर पहनने के लिए छांटी हुई ड्रेस हटा दी, और उसकी जगह ब्लैक ड्रेस निकलवाई. उसे ही पहनकर वे सर्पेंटाइन गैलरी पहुंची, जहां एक-दो नहीं, फोटोग्राफरों की भीड़ उनका इंतजार कर रही थी. ब्लैक ड्रेस के साथ डायना बेझिझक फोटो खिंचवाती रहीं.

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उस समय तक काले कपड़े किसी की मौत जैसे दुख में ही पहने जाते थे. पश्चिम में आज भी ये चलन है, लेकिन राजघराने की महिला के लिए वैसी पोशाक एक तरह से परंपरा तोड़ने की तरह थी. ड्रेस तुरंत ही ब्रिटेन में रेवेंज ड्रेस कहलाने लगी. 

पश्चिम में काले कपड़ों का इतिहास
जो कपड़े डायना ने पहने थे, उसे लिटिल ब्लैक ड्रेस (LBD) भी कहते हैं. फैशन हिस्टॉरियन्स के मुताबिक 16वीं से 19वीं सदी तक इस तरह की ड्रेस औरतें मातम के मौकों पर पहना करतीं. काला रंग सोग का प्रतीक था. वो ड्रेस हालांकि ज्यादा लंबी हुआ करती. पहले विश्व युद्ध से कुछ पहले इस ड्रेस का शॉर्ट वर्जन कॉकटेल ड्रेस की तरह  आया. फ्रांस की आभिजात्य महिलाएं इसे शाम की पार्टियों में पहनतीं.

बाद में पहले विश्व युद्ध के दौरान इसका इस्तेमाल बदल गया. सारे पुरुष युद्ध पर चले गए थे और महिलाएं दफ्तर जाने लगीं थीं. तो वे इस पार्टी ड्रेस को भी एक जैकेट के साथ ऑफिस के कपड़ों की तरह काम में लाने लगीं. इस तरह से सोग के रंग की परिभाषा बदल गई. 

 

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