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ब्रिटेन की PM लिज ट्रस पर कुर्सी छोड़ने का दबाव, ऋषि सुनक फिर रेस में, बोरिस जॉनसन सबसे मजबूत दावेदार

ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के एक YouGov सर्वे में पाया गया कि अगर दोबारा चुनाव का विकल्प मिलता है तो अब 55 फीसदी 42 वर्षीय ऋषि सुनक को वोट देंगे जबकि केवल 25 फीसदी लोग लिज ट्रस का समर्थन करेंगे. इस सर्वे में कहा गया है कि पार्टी के सदस्यों को लिज ट्रस के चुनाव पर पछतावा है.  

ऋषि सुनक (फाइल फोटो) ऋषि सुनक (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 2:31 AM IST

ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी में अगर अभी चुनाव होते हैं तो भारतीय मूल के पूर्व चांसलर ऋषि सुनक प्रधानमंत्री लिज ट्रस को हरा देंगे. ताजा सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, टोरी के सदस्यों का मानना है कि उन्होंने गलत नेतृत्व का चुनाव कर लिया है और इसके लिए उन्हें पछतावा भी है. 

ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों के एक YouGov सर्वे में पाया गया कि अगर दोबारा चुनाव का विकल्प मिलता है तो अब 55 फीसदी 42 वर्षीय ऋषि सुनक को वोट देंगे जबकि केवल 25 फीसदी लोग लिज ट्रस का समर्थन करेंगे. इस सर्वे में कहा गया है कि पार्टी के सदस्यों को लिज ट्रस के चुनाव पर पछतावा है.

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YouGov ने यह भी पाया कि बहुमत (55 प्रतिशत) सदस्यों को लगता है कि ट्रस को कई यू-टर्न के बाद पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा दे देना चाहिए और केवल 38 प्रतिशत का मानना ​​​​है कि उन्हें अपने पद पर बने रहना चाहिए.  

बोरिस जॉनसन सबसे प्रबल दावेदार 

इस समय ब्रिटेन में प्रधानमंत्री के रूप में नए नामों में बोरिस जॉनसन के अलावा भारतवंशी ऋषि सुनक, जेरेमी हंट और पेनी मोर्डेंट भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. 10 डाउनिंग स्ट्रीट में शीर्ष पद संभालने के लिए सबसे लोकप्रिय उम्मीदवार पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन हैं, जिनके पक्ष में 63 फीसदी लोग हैं. उन्हें 32 फीसदी लोगों ने शीर्ष उम्मीदवार के रूप में रखा है, जबकि ऋषि सुनक को 23 फीसदी लोग शीर्ष पद पर देखना चाहते हैं. YouGov सर्वे में कहा गया है कि अगर लिज ट्रस में दबाव में आकर इस्तीफा देती हैं तो टोरी के सदस्य बोरिस जॉनसन को उनकी जगह वापस लाना चाहते हैं.  

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15 फीसदी लोगों को लगता है- ट्रस अच्छा कर रही हैं 

इसके साथ ही कंजरवेटिव पार्टी के इस सर्वे में ये भी पता चला है कि 83 प्रतिशत लोगों का कहना है कि लिज ट्रस प्रधानमंत्री के रूप में खराब प्रदर्शन कर रही हैं, जिनमें से 72 फीसदी लोगों ने उन्हें भी वोट किया था. उनको वोट देने वाले सिर्फ 15 फीसदी लोगों को लगता है कि वह अच्छा कर रही हैं. 

ट्रस का मिनी-बजट गले की फांस बना 

लिज ट्रस सरकार ने हाल ही में संसद में मिनी-बजट पेश किया था. इस बजट में उन्होंने टैक्स बढ़ोतरी और महंगाई पर रोक लगाने वाले कदम उठाए थे. लेकिन जल्द ही इन फैसलों को सरकार ने वापस ले लिया. लिज ट्रस ने जब प्रधानमंत्री का पद संभाला था, तब कमरतोड़ महंगाई का सामना कर रही ब्रिटेन की जनता को उनसे बहुत उम्मीदें थीं. इसकी एक प्रमुख वजह यह भी थी कि ट्रस ने अपने चुनावी अभियान में जनता से लोक-लुभावन वादे किए थे. 

उन्हें सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने वाला एक प्रमुख चुनावी वादा टैक्स में कटौती करना था. लिज ट्रस ने सत्ता में आने के बाद टैक्स में कटौती की लेकिन वह दो अक्टूबर को अपने चुनावी वादे से मुकर गईं. उन्होंने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के फैसले को फैसला वापस ले लिया. उनके इस फैसले से पार्टी के अंदर ही बगावत के सुर सुनाई दे रहे हैं.  

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