
ब्रिटेन में इस समय प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. विपक्ष लगातार उन पर हमलावर है. हमले का कारण कंज़र्वेटिव पार्टी के चीफ़ नदीम ज़हावी हैं जिन पर टैक्स हेराफेरी का आरोप लगा है. उन आरोपों के बीच पीएम ऋषि सुनक ने भी स्वतंत्र जांच के आदेश दे दिए हैं. लेकिन इस बीच पीएम कार्यलय के ही एक प्रवक्ता ने बड़ा दावा किया है. कहा गया है कि अभी तक एक बार भी उनकी तरफ से देश के टैक्स ऑफिस को कभी भी जुर्माना नहीं दिया गया है.
ब्रिटेन का हेराफेरी वाला विवाद
एक प्रवक्ता ने तो यहां तक कहा है कि अभी तक एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया जब पीएम ऋषि सुनक द्वारा HMRC को जुर्माना दिया गया हो. अब ये सब खुलासे उस समय हुए हैं जब ब्रिटेन में टैक्स चोरी को लेकर बड़ा बवाल चल रहा है. असल में कंज़र्वेटिव पार्टी के चीफ़ नदीम ज़हावी को लेकर दावा किया गया है कि उन्होंने एक कंपनी के को फाउंडर होते हुए भी अपने हिस्से का टैक्स जमा नहीं किया. आरोप है कि कंपनी में नदीम के जितने भी शेयर थे, अधिकारियों के सामने उन्होंने उन्हें अपने माता-पिता का बताया. ऐसा कर वे टैक्स देने से बच गए. अब बाद में जब इसका खुलासा हुआ तो ब्रिटेन की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया. विपक्ष ने मांग कर दी कि तुरंत नदीम ज़हावी को उनके पद से बर्खास्त किया गया.
अब मामला तो ये कई दिनों तक तूल पकड़ता रहा, लेकिन पीएम ऋषि सुनक ने काफी बाद में चुप्पी तोड़ी. अभी हाल ही में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि इस विवाद में पारदर्शिता की कमी है और कई सवालों के जवाब अभी मिलने बाकी हैं. उन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए उनकी तरफ से स्वतंत्र जांच की बात कर दी गई है. उन्होंने कहा है कि मेरे लिए जवाबदेही बहुत जरूरी है. इस मामले में भी कई सवाल हैं जिनके जवाब मिलने जरूरी है. इसी वजह से मैंने अपने स्वतंत्र सलाहकार से कहा है कि वे इस मामले की जांच करें.
जिन पर आरोप, उनकी सफाई
वैसे इस पूरे विवाद पर खुद नदीम ज़हावी की तरफ से भी सफाई पेश की गई है. एक तरफ उन्होंने पीएम द्वारा करवाई जा रही जांच का स्वागत किया है तो वहीं उन पर लगे आरोपों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मामले की क्योंकि जांच शुरू हो चुकी है, ऐसे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता. लेकिन इतना जरूर है कि मेरी तरफ से टैक्स की कोई चोरी नहीं हुई है, ये सिर्फ एक लापरवाही है. उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया कि ऐसे विवादों की वजह से लोगों के बीच में ये धारणा बन जाती है कि हर नेता की जिंदगी ऐसी ही होती है. लोगों का विश्वास कमजोर पड़ जाता है.