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इराक की संसद के पास लगातार दागे गए 9 रॉकेट, हमले में कई जवान और नागरिक जख्मी

बगदाद में विस्फोट की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. गुरुवार को एक बार फिर ग्रीन जोन में रॉकेट से हमला किया गया. हालांकि अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी किसी भी संगठन ने नहीं ली है. पिछले दो महीने में कई बार इस इलाके में हमला को चुका है. ग्रीन जोन में इराक की संसद के अलावा कई देशों के ऑफिस और सरकारी दफ्तर बने हुए हैं.

राजधानी बगदाद और आसपास के इलाकों में हुआ हमला राजधानी बगदाद और आसपास के इलाकों में हुआ हमला
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

इराक की राजधानी बगदाद और उसके आसपास के ग्रीन जोन में गुरुवार को रॉकेट से हमला कर दिया गया. जानकारी के मुताबिक इन इलाकों में 9 रॉकेट दागे गए हैं, जिससे सुरक्षा बल के कई जवान और आम नागरिक घायल हो गए हैं.

जानकारी के मुताबिक बगदाद के ग्रीन जोन में इराक की संसद के पास एक रॉकेट हमले की सूचना मिली है. ग्रीन जोन में कई सरकारी भवन और विदेशी मिशन हैं. इराकी सेना के अनुसार ग्रीन जोन पर बमबारी की गई है. फिलहाल इराकी सेना ने हमले में घायल हुए लोगों की संख्या का सटीक ब्योरा नहीं दिया. 

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राष्ट्रपति चुनाव के लिए होने वाले सत्र से पहले हमला हुआ

जानकारी के मुताबिक रॉकेट हमला ठीक उसी समय हुआ जब इराक की संसद नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक सत्र शुरू करने वाली थी. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि सत्र को रोकने के लिए यह हमला किया गया है. यह पहली बार नहीं है जब संसद भवन को रॉकेट के हमलों ने निशाना बनाया है.

सितंबर में भी ग्रीन जाने में दागे गए थे रॉकेट

पिछले महीने भी तीन रॉकेटों ने ग्रीन जोन को अपना निशाना बनाया था क्योंकि उस समय भी संसद का सत्र बुलाया गया था. रॉयटर्स के अनुसार, बुधवार को इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में खोर मोर गैस क्षेत्र में कम से कम आठ रॉकेट दागे गए थे. हालांकि इस हमले में न तो कोई हताहत हुआ और न ही कोई ऑपरेशन प्रभावित हुआ.

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अगस्त में ऑस्ट्रेलियाई राजनयिकों को बनाया था निशाना

बगदाद में अगस्त में ऑस्ट्रेलियाई राजनयिकों को निशाना बनाकर एक विस्फोट किया गया था. बगदाद में उस स्थान पर विस्फोटक लगाया गया था जहां से ऑस्ट्रेलियाई राजनयिक का काफिला गुजरने वाला था. हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है.

ऑस्ट्रेलिया का राजनयिक मिशन प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र और प्रतिद्वंद्वी शिया पार्टियों के ईरान समर्थित गुट के बीच मध्यस्थता करने के प्रयास कर रहा है और इन प्रयासों के बीच यह विस्फोट हुआ है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी इन समूहों के बीच समझौता कराने में असफल रहे हैं.

 

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