
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शुक्रवार को 'Navigating Geopolitical Shift' विषय पर बातचीत के लिए भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने शिरकत की. इस दौरान रूस और अमेरिका के बीच बढ़ रही नजदीकी के सवाल पर अलीपोव ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शांति का पक्ष रखा है. रूस और अमेरिका के बीच सकारात्मक चर्चा भी हुई है. लेकिन अभी एक लंबा सफर है जिसे तय करना बाकी है.
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के अमेरिका दौरे और ट्रंप से बहस पर उन्होंने कहा कि जेलेंस्की इस बैठक के लिए तैयार नहीं दिखे थे. वो शांति नहीं चाहते हैं. अलीपोव ने कहा कि एक तरफ यूक्रेन है जो नाटो की सदस्यता और दूसरे देशों से हथियार चाहता है. लेकिन हम युद्ध जीतने की स्थिति में रहने के बावजूद भी शांति चाहते हैं.
ट्रंप-पुतिन की जल्द होगी मीटिंग!
इस दौरान अलीपोव ने कहा कि ट्रंप और पुतिन के बीच बैठक को लेकर हम तैयार हैं. यहां तक की हम अमेरिका-यूक्रेन और रूस की त्रिस्तरीय बैठक के लिए भी तैयार हैं. रूसी राजदूत ने युद्द का जिक्र करते हुए कहा कि 3 साल के युद्ध में यूक्रेन पूरी तरह से टूट चुका है. वो दूसरे देशों पर निर्भर है. हम ऐसा यूक्रेन चाहते हैं जिससे रूस को खतरा न हो. डोनबास एरिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ये हमारा अहम हिस्सा है.
भारत- चीन संबंधों पर क्या बोले रूसी राजदूत
रूसी राजदूत अलीपोव ने भारत-रूस संबंधों की ऐतिहासिक जड़ों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि हमारे संबंध बहुत पुराने और ठोस हैं. भारत की विदेश नीति में अपने लोगों प्राथमिकता झलकती है. हमारे लिए अपने मापदंड हैं.
यह भी पढ़ें: दिल्ली में AQI कब सुधरेगा, कूड़े के पहाड़ कब घटेंगे? रेखा गुप्ता ने सब कुछ बताया
इस दौरान चीन भारत संबंधों पर अलीपोव ने कहा कि हम शांति चाहते हैं. हम तनाव नहीं चाहते. रूस-चीन और भारत दुनिया के 3 बड़े शक्तिशाली देश हैं. इनके बीच अगर अच्छे संबंध रहें तो दुनिया में इसका बोलबाला रहेगा. रूसी राजदूत ने कहा कि हम चीन और भारत में अच्छा रिश्ता चाहते हैं. हमारी कोशिश है कि दोनों के बीच अच्छा और मजबूत रिश्ता हो. हेल्दी कॉम्पिटिशन हो. हम दोनों के बेहतर संबंधों के लिए हमेशा तैयार हैं.