
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच दूसरे देशों द्वारा लगाई जा रही पाबंदियां सबसे बड़ा मुद्दा है. अमेरिका से लेकर ब्रिटेन तक, कई देशों ने रूस के खिलाफ सख्त एक्शन लिया है. अब उस एक्शन पर रूस का पलटवार देखने को मिल गया है. रूस की तरफ से राष्ट्रपति जो बाइडेन, हिलेरी क्लिंटन समेत कई अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ कई पाबंदियां लगा दी गई हैं. अब ये किस तरह की पाबंदियां रहने वाली हैं, इसको लेकर ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.
रूस का पलटवार, तनाव बढ़ा
जानकारी के लिए बता दें कि जब से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ा गया है, अमेरिका से लेकर यूरोपीय संघ के देशों तक, सभी ने रूसी अर्थव्यवस्था को जबरदस्त झटका दिया है. कई तरह की पाबंदियां लगा गईं. फिर चाहे एयरस्पेस बंद करना हो या फिर रूस से आ रहे तेल के आयात को रोकना हो. इस कार्रवाई की वजह से रूसी अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंची है और उसे भारी नुकसान का अनुमान है. खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी कह चुके हैं कि पुतिन की वजह से रूस की अर्थव्यवस्था बुरी तरह बर्बाद हो गई है और वे खुद आइसोलेट हो चुके हैं.
लेकिन इन प्रतिबंधों का जवाब रूस ने भी प्रतिबंधों से ही दिया है. उसकी तरफ से सीधे राष्ट्रपति बाइडेन के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है. अभी तक अमेरिका ने इस कार्रवाई पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. वैसे चेतावनी तो लगातार अमेरिका दे ही रहा है. गंभीर परिणाम वाली बात भी कही जा रही है लेकिन रूस ना पहले झुका था और ना ही अभी झुकने के मूड में है. वो इस समय जवाबी कार्रवाई में ज्यादा विश्वास जता रहा है. इसी वजह से यूक्रेन संग भी ये युद्ध 20 दिन तक खिच चुका है. बातचीत की टेबल पर दोनों देश कई बार आ गए हैं, लेकिन जमीन पर ज्यादा सफलता मिलती नहीं दिख रही.
जेलेंस्की का क्या रुख है?
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने नेटो में ना शामिल होने वाली बात जरूर कह दी है, लेकिन उनके तेवर नरम नहीं पड़े हैं. उनकी सेना अभी भी रूस का डटकर सामना कर रही है. खुद जेलेंस्की कह चुके हैं कि वे अंत तक हार नहीं मानने वाले हैं और रूस को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा. इसी वजह से 20 दिन बाद भी रूस राजधानी कीव पर अपना कब्जा नहीं जमा पाया है. दावे जरूर हो रहे हैं कि जल्द ही बड़ी कार्रवाई होगी, लेकिन जमीन पर यूक्रेन, रूसी सेना को लगातार परेशान कर रहा है.