
Russia Ukraine War: मारियुपोल से लेकर कीव, खारकीव और डोनेत्स्क से लेकर लुहान्स्क तक रूस का शायद ही ऐसा कोई शहर बचा हो, जिस पर रूस ने बमबारी नहीं की. यूक्रेन के लोकल मीडिया और सरकारी अधिकारी, जो तस्वीरें जारी कर रहे हैं, उसमें भी वहां के लोगों की हालत दयनीय नजर आ रही है. इस बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि सोमवार को रूस की सेना ने स्कूल की बिल्डिंग को निशाना बनाकर बमबारी की है.
यूक्रेन के मुताबिक रूसी सेना ने मारियुपोल शहर में एक स्कूल की बिल्डिंग पर जोरदार बमबारी की. यहां 400 युद्ध पीड़ितों ने शरण ले रखी थी. रूस की मिसाइल्स ने जैसे ही बिल्डिंग को हिट किया. इमारत भरभराकर गिर पड़ी. इर हमले में बिल्डिंग में मौजूद 400 लोगों के दबने की आशंका जताई जा रही है.
बता दें कि मारियुपोल अजोव सागर के पास यूक्रेन की एक पोर्ट सिटी (बंदरगाह) है. इसे चारों तरफ से रूस के सैनिकों ने घेर रखा है. रूस ने इस शहर को बाकी यूक्रेन से कट कर दिया गया है. यहां कुछ लोग बंकर में छिपे हुए हैं, जिन्हें भारी बमबारी का सामना करना पड़ रहा है.
मारियुपोल में वॉर क्राइम कर रहा रूस- जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की के मुताबिक रूस मारियुपोल में वॉर क्राइम को अंजाम दे रहा है. वहां के लोगों के साथ नाइंसाफी की जा रही है. जेलेंस्की ने कहा कि रूस के इस अत्याचार को दुनिया हमेशा याद रखेगी.
थियेटर में भी इसी अंदाज में की गई थी एयरस्ट्राइक
बता दें कि इससे पहले रूस ने एक थियेटर पर एयरस्ट्राइक की थी. इस हमले के बाद करीब 1000 हजार से ज्यादा लोग मलबे में दब गए थे. इसमें से 130 लोगों को बाहर निकाल लिया गया था.
सदियों तक रूस की बर्बरता याद रखेगी जनता
युद्ध से त्रस्त यूक्रेन की जनता के लिए जेलेंस्की ने एक वीडियो भी जारी किया था. वीडियो में उन्होंने कहा था कि मारियुपोल जैसे शांतिपूर्ण शहर में रूस की बर्बरता इतिहास में दर्ज होती जा रही है. आने वाली कई सदियों तक इसे याद रखा जाएगा.
बमबारी के बीच कीव में फंसे 20 बच्चे
रूस की बमबारी के बीच यूक्रेन के दावा किया है कि सरोगेसी से जन्में 20 यूक्रेनी बच्चे राजधानी कीव के अस्थायी आश्रय स्थल में फंस गए हैं. इन बच्चों के माता-पिता जंग के चलते इन्हें लेने नहीं आ पा रहे हैं. ऐसे में इन बच्चों की सरोगेट मदर के लिए इन्हें पालना मुश्किल हो गया है. इनके माता पिता युद्ध के थमने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि बच्चों को लेकर घर जा सकें. ये बच्चें नवजात हैं. इसलिए कुछ बच्चों की देखभाल के लिए यहां नर्सें भी तैनात हैं.