Advertisement

Oil Crisis: 'रूस ने तेल पर उठाया ये कदम तो पूरी दुनिया में मच जाएगी खलबली'

वैश्विक एनालिस्ट फर्म जेपी मॉर्गन ने अपनी एक रिपोर्ट में आशंका जताई है कि प्रतिबंधों की वजह से रूस कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती कर सकता है. रूस का यह कदम बाकी दुनिया के लिए एक झटका होगा.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (photo: reuters) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (photo: reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:55 PM IST
  • जेपी मॉर्गन ने चेताया- रूस घटा सकता है तेल का उत्पादन
  • तेल की कीमतें 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना

रूस, यूक्रेन युद्ध की वजह से पहले ही वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है लेकिन रूस के एक कदम से ये दाम और बढ़ जाएंगे.

दरअसल, वैश्विक एनालिस्ट फर्म जेपी मॉर्गन चेस एंड कंपनी के एनालिस्ट ने चेतावनी दी है कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दाम 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकते हैं. 

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट का कहना है कि अमेरिका और यूरोपीय देशों के जुर्माने की वजह से रूस कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती कर सकता है. इससे वैश्विक स्तर पर तेल की कीमत 380 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. 

Advertisement

G-7 देशों ने हाल ही में रूस से कच्चे तेल के आयात को लेकर एक नई नीति पर बात की थी, जिसे लेकर फैसला किया गया था कि वे रूस के तेल के आयात को सशर्त मंजूरी देंगे. शर्त यह होगी कि इसके बदले रूस को चुकाई जाने वाली कीमत पहले से निर्धारित होगी. 

जेपी मॉर्गन के एनालिस्ट का कहना है कि G-7 देशों का यह फैसला यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन की आर्थिक स्थिति पर चोट करने का था लेकिन रूस की माली हालत फिलहाल मजबूत स्थिति है.

जेपी मॉर्गन की नताशा केनेवा सहित कई एनालिस्ट ने अपने क्लाइंट को लिखे नोट में कहा है कि रूस कच्चे तेल के उत्पादन में रोजाना की दर से पचास लाख बैरल की कटौती कर सकता है और इससे उसकी अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

Advertisement

रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि, बाकी दुनिया के लिए रूस के इस फैसले के नतीजे खलबली मचाने वाले हो सकते हैं. कच्चे तेल के उत्पादन में प्रतिदिन की दर से 30 लाख बैरल की कमी से लंदन बेंचमार्क पर तेल की कीमत 190 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है. कच्चे तेल का उत्पादन प्रतिदिन पचास लाख बैरल घटने से इसकी कीमत 380 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका और यूरोपीय देशों के इस फैसले से पूरी संभावना है कि रूस चुप नहीं बैठेगा और तेल का निर्यात घटाकर बदला लेगा. अगर रूस तेल का निर्यात घटाने के लिए उत्पादन ही कम कर देता है तो इससे तहलका मच जाएगा. फिलहाल तेल बाजार का रुझान रूस के पक्ष में है. 

रॉयटर्स के सर्वे के मुताबिक, पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने सहयोगी देशों के तहत हुए समझौते के तहत जून में तेल उत्पादन में इजाफा नहीं किया. 

सर्वे के मुताबिक, ओपेक ने जून में प्रतिदिन की दर से 2.852 लाख बैरल तेल का उत्पादन किया. हालांकि, यह उत्पादन मई के मुकाबले प्रतिदिन की दर से 100,000 बैरल कम रहा. ओपेक ने जून में तेल का उत्पादन लगभग 275,000 बैरल प्रतिदिन बढ़ाने की योजना बनाई थी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement