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यूक्रेन से युद्ध के बीच आसमान में 12 घंटे मंडराते रहे रूसी न्यूक्लियर बॉम्बर

रूस के ये विमान परमाणु हमला करने में सक्षम हैं. इसलिए रूसी सेना का ये कदम भड़काऊ माना जा रहा है. रूस के ये विमान ऐसे वक्त में उड़ान भर रहे हैं जब नाटो फोर्सेज और यूक्रेन से रूस का टेंशन अपने चरम पर है. इसके अलावा नाटो ने भी सैन्य अभ्यास शुरू कर दिया है.

रूस का बमबर्षक विमान Tu-95MS (फाइल फोटो) रूस का बमबर्षक विमान Tu-95MS (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 3:39 PM IST

रूस और यूक्रेन के बीच 8 महीने से जारी लड़ाई अब उस मोर्चे पर आ गई है जहां अब परमाणु युद्ध का खतरा मंडरा रहा है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उसके दो Tu-95MS स्ट्रैटेजिक बॉम्बर विमानों ने 12 घंटों तक प्रशांत महासागर पर उड़ान भरी है. रूसी विमानों ने Bering sea और Okhotsk sea के ऊपर भी उड़ान भरी है. 

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बता दें कि रूस के ये विमान परमाणु हमला करने में सक्षम हैं. रूस के ये विमान ऐसे वक्त में उड़ान भर रहे हैं जब नाटो फोर्सेज और यूक्रेन से रूस का टेंशन अपने चरम पर है. 

रूसी रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि विमान को मिग-31 लड़ाकू विमानों द्वारा एस्कॉर्ट किया गया था. इन विमानों ने हवा में ही ईंधन भरी. रूस का कहना है कि उसके विमानों ने अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र के नियमों के अनुरूप उड़ान भरी है और वे न्यूट्रल वाटर में मौजूद थे. 

बता दें कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 21 सितंबर को चेतावनी दी थी कि वे रूस की क्षेत्रीय अखंडता की हर हाल में रक्षा करने को तैयार हैं. अगर जरूरत पड़ी तो वे परमाणु हथियारों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.  

अगले ही दिन पुतिन ने घोषणा की थी कि रूस यूक्रेन के चार क्षेत्रों को अपने क्षेत्र में मिला रहा है और उसे अपने परमाणविक छतरी में मिला रहा है.  रूस के इस कदम की अतंरराष्ट्रीय समुदाय ने निंदा की थी. रूस के इस कदम का मतलब है कि यूक्रेन का हिस्सा रहे ये क्षेत्र पुतिन के परमाणविक छतरी के दायरे में आ गए हैं. 

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पश्चिमी ताकत रूस के इस कदम से चिंतित तो हैं लेकिन इनका कहना है कि उन्हें विश्वास है कि पुतिन द्वारा किए जा रहे अभ्यास और धमकी में अंतर है. 

इस बीच नाटो ने सोमवार को उत्तर-पश्चिमी यूरोप में अपने लंबे समय से प्रस्तावित वार्षिक परमाणु अभ्यास की शुरुआत कर दी है. नाटो सैन्य बलों का ये अभ्यास रूस की सीमा से 1000 किलोमीटर की दूरी पर हो रहा है. इस युद्धाभ्यास में अमेरिकी लंबी दूरी के बी-52 बमवर्षक भी हिस्सा ले रहे हैं.  

 

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