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'रूस ने यूक्रेन पर रातभर बरसाए रॉकेट, 10 लाख छाया घरों में अंधेरा', वलोडिमिर जेलेंस्की का दावा

वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस लगातार हमारे देश को आतंकित कर रहा है. रात में, दुश्मन ने एक बड़े पैमाने पर 36 रॉकेट हमले किए. इन रॉकेटों में से अधिकांश को मार गिराया गया. यूक्रेन के राष्ट्रपति पद के उप प्रमुख Kyrylo Tymoshenko ने कहा कि रूसी हमलों के बाद से यूक्रेन में दस लाख से अधिक घरों में बिजली नहीं है.

वलोडिमिर जेलेंस्की वलोडिमिर जेलेंस्की
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 8:47 AM IST

रूस और यूक्रेन के बीच की लड़ाई किसी मुकाम पर पहुंचती नहीं दिख रही है. इस साल 24 फरवरी को शुरू हुई ये लड़ाई अब आठवें महीने में पहुंचने वाली है. इस बीच दोनों सेनाओं को बड़ा नुकसान हुआ है. यूक्रेन और रूस दोनों ने जंग में अरबों डॉलर झोंक दिया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि शनिवार को रूस ने रात भर यूक्रेन पर "भारी हमले" किए.  ऊर्जा के बुनियादी ढांचे पर हमले की खबर के बाद जेलेंस्की ने ये बयान दिया है. इस हमले के चलते पूरे देश में बिजली चली गई थी.

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वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा कि रूस लगातार हमारे देश को आतंकित कर रहा है. रात में, दुश्मन ने एक बड़े पैमाने पर 36 रॉकेट हमले किए. इन रॉकेटों में से अधिकांश को मार गिराया गया. यूक्रेन के राष्ट्रपति पद के उप प्रमुख Kyrylo Tymoshenko ने कहा कि रूसी हमलों के बाद से यूक्रेन में दस लाख से अधिक घरों में बिजली नहीं है.

Kyrylo Tymoshenko ने सोशल मीडिया पर बताया कि "अब तक, खमेलनित्स्की क्षेत्र में 672,000, मायकोलाइव क्षेत्र में 188,400, वोलिन क्षेत्र में 102,000, चर्कासी क्षेत्र में 242,000, रिव्ने क्षेत्र में 174,790, किरोवोग्राद क्षेत्र में 61,913 और ओडेसा क्षेत्र में 10,500 घरों की बिजली गुल है."  

भारत ने रूस के खिलाफ वोट क्यों नहीं डाला? 

दोनों देशों में बदलते हालतों के बीच हाल में यूएन में एक बार फिर रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर वोटिंग हुई थी. उस वोटिंग में भारत ने हिस्सा ही नहीं लिया. असल में रूस ने दावा किया था कि उसने यूक्रेन के चार क्षेत्र डोनेत्स्क, खेरसान, लुहांस्क और जेपोरीजिया में जनमत संग्रह कराया है और यहां के लोग रूस में मिलना चाहते हैं.

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व्लादिमीर पुतिन के इस फैसले को पश्चिमी देशों ने अवैध कब्जे के रूप में देखा और इसके खिलाफ यूएन में एक प्रस्ताव लाया गया. ये एक निंदा प्रस्ताव था जिसे 193 में 143 देशों का समर्थन हासिल हुआ. इतने देशों के प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करने की वजह से इसे स्वीकार कर लिया गया. लेकिन हमेशा की तरह भारत ने यहां भी रूस के खिलाफ खुलकर कुछ नहीं बोला और वोटिंग से दूरी बनाई.

 

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