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क्रेमलिन पर ड्रोन अटैक पर रूस का बदला, यूक्रेन के खेरसोन में रेलवे स्टेशन-सुपरमार्केट पर बरसाए बम, 21 की मौत

खारसेन में ये हमले ऐसे वक्त पर हुए, जब यूक्रेन पर रूस ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है. ऐसे में रूस की ओर से किए गए इन हमलों को बदले के तौर पर देखा जा रहा है. 

यूक्रेन के खारसेन में बमबारी यूक्रेन के खारसेन में बमबारी
aajtak.in
  • खारसेन,
  • 04 मई 2023,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

रूस ने एक बार फिर यूक्रेन पर हमले तेज कर दिए हैं.  यूक्रेन पर ये हमले ऐसे वक्त पर तेज किए गए, जब एक दिन पहली ही रूस ने यूक्रेन पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है. ऐसे में रूस की ओर से किए गए इन हमलों को बदले के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, यूक्रेन ने क्रेमलिन पर हुए ड्रोन हमले में उसका हाथ होने से इनकार किया है. 

यूक्रेनी सेना के मुताबिक, रूस ने खारसेन और कीव पर हमला किया. खारसेन में रेलवे स्टेशन और सुपरमार्केट को रूस की ओर से निशाना बनाया गया. इन हमलों में 21 लोगों की मौत हो गई. जबकि 48 लोग घायल हुए हैं. वहीं, कीव में रूस की ओर से 24 ड्रोन दागे गए. इनमें से यूक्रेनी सेना ने 18 मार गिराए. 

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रूस ने कीव पर दागे 24 ड्रोन- यूक्रेन

इसी बीच यूक्रेन की एयरफोर्स ने दावा किया है कि रूस ने बुधवार रात को कीव पर 24 ड्रोन हमले किए. इनमें से 18 को यूक्रेनी एयरफोर्स ने मार गिराया. मई में तीसरी बार रूस ने कीव पर हमला किया है. 

रूस और यूक्रेन के बीच पिछले साल फरवरी से युद्ध जारी है. इस युद्ध के चलते यूक्रेन में भारी तबाही मची है. इसी बीच बुधवार को रूस ने दावा कियाी था कि  पुतिन को जान से मारने के लिए क्रेमलिन पर ड्रोन से हमले किए गए. इसके लिए रूस ने सीधे तौर पर यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया था.

रूस का कहना है कि क्रेमलिन पर दो फाइटर ड्रोन से अटैक किया गया था. इन दोनों ड्रोन का मकसद क्रेमलिन की उस इमारत को निशाना बनाना था, जहां राष्ट्रपति पुतिन रहते हैं. इसी परिसर में रूस की संसद भी है.

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जानकारी के मुताबिक, रूस के रडार वारफेयर सिस्टम ने इन दोनों ड्रोन को उस समय टारगेट किया, जब ये क्रेमलिन परिसर के ठीक ऊपर पहुंच गए थे. इस दौरान इन दोनों ड्रोन पर स्ट्राइक की गई, जिससे ये क्रैश होकर रूसी पार्लियामेंट की इमारत पर क्रैश हो गए. सीनेट की इसी बिल्डिंग से पुतिन का ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस महज 300 मीटर की दूरी पर है.

रूस ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि पुतिन की हत्या के लिए यूक्रेन ने इन दोनों ड्रोन को भेजा था. ये कोई मामूली ड्रोन नहीं बल्कि फाइटर ड्रोन थे. दरअसल फाइटर ड्रोन उन ड्रोन्स को कहते हैं, जो खतरनाक मिसाइल या फिर दूसरे एक्सप्लोसिव डिवाइस से लैस होते हैं. इनमें ऐसे ब्लेड्स लगे होते हैं, जो टारगेट को आसानी से खत्म कर सकते हैं. हालांकि, हमले में इस्तेमाल हुए ड्रोन को लेकर अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है. रूस ने अभी तक सिर्फ यही बताया है कि जिन ड्रोन को नष्ट किया गया था. वे दोनों फाइटर ड्रोन थे.

हमले की 2 थ्योरी आईं सामने

इस पूरे मामले को लेकर दो थ्योरी सामने आई हैं. पहली ये कि यूक्रेन ने वाकई रूस के राष्ट्रपति पुतिन की हत्या करने की साजिश रची. इसके लिए दो फाइटर ड्रोन लॉन्च किए गए. इस हमले के पीछे रूस के पास ठोस वजह भी है कि रूस ने उसके 30 फीसदी क्षेत्रफल पर कब्जा किया हुआ है. रूस की वजह से यूक्रेन बीते 434 दिनों से युद्ध लड़ रहा है. इसलिए हो सकता है कि उसने पुतिन को मारने की साजिश रची हो ताकि वह इस युद्ध को जीत सके

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वहीं, दूसरी थ्योरी है कि ये हमला खुद रूस ने ही करवाया है ताकि इससे वह यूक्रेन और पश्चिमी देशों पर दबाव बना सके और एक तरह से खुलकर कार्रवाई कर सके. वह किसी भी तरह से यूक्रेन पर जीत दर्ज करना चाहता है. 

हो सकता है कि रूस ने खुद ही क्रेमलिन पर हमला कराया हो ताकि दुनिया को यह बताया जा सके कि यूक्रेन पश्चिमी देशों के साथ मिलकर पुतिन की हत्या करना चाहता है. वह इस बात को आधार बनाकर यूक्रेन के खिलाफ बड़े पैमाने पर खुली कार्रवाई करना चाहता है. दरअसल अगर रूस, यूक्रेन पर कोई बड़ा हमला करता है तो यही कहा जाएगा कि यूक्रेन ने पुतिन की हत्या करने की साजिश रची थी और रूस ने एक तरह से बदला लिया है. इस तरह से ये हमला रूस के लिए एक बैकअप की तरह काम करेगा.

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