
रूस के न्यूक्लियर प्रोग्राम के चीफ इगोर किरिलोव की मॉस्को के एक धमाके में मौत हो गई है. वह राष्ट्रपति पुतिन के बेहद करीबी माने जाते थे. यह धमाका राष्ट्रपति भवन से मात्र सात किलोमीटर की दूरी पर हुआ है. यूक्रेन की सिक्योरिटी सर्विस ने दावा किया है कि उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, इगोर किरिलोव अपने अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे कि तभी पास ही पार्क एक स्कूटर में ब्लास्ट हो गया. इस घटना में इगोर किरिलोव के साथ-साथ उनके असिस्टेंट की भी मौत हो गई है.
बता दें कि यह धमाका राष्ट्रपति भवन से महज सात किलोमीटर की दूरी पर हुआ है. कहा जा रहा है कि धमाके के लिए 300 ग्राम टीएनटी का इस्तेमाल किया गया था. इस संबंध में आपराधिक हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है.
इसी साल अक्टूबर में ब्रिटेन ने इगोर पर बैन लगाते हुए उन पर यूक्रेन में रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की निगरानी का आरोप लगाया था.
सोशल मीडिया पर वायरल इस घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि इमारत का मलबा पड़ा हुआ है और खून से सने हुए दो शव मलबे के बीच पड़े हुए हैं. पुलिस ने घटनास्थल की घेराबंदी कर दी है.
कहा जा रहा है कि ये धमाका इतना तेज था कि इससे इमारत आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हो गई. किरिलोव की मौत के बाद रूसी संसद के डिप्टी स्पीकर ने कहा है कि इस घटना को बेहद सोच-समझकर प्लानिंग के तहत अंजाम दिया गया है. उनकी हत्या का बदला लिया जाएगा.
एक सूत्र ने सीएनएन को बताया कि किरिलोव एक युद्ध अपराधी थे और यूक्रेन के टारगेट पर थे. उन्होंने यूक्रेनी सेना पर प्रतिबंधित केमिकल का इस्तेमाल करने के आदेश दिए थे. यह अंत है, उस शख्स ने जिसने यूक्रेनियों को मारा है. हालांकि, रूस ने इन आरोपों से इनकार किया है.
मालूम हो कि इगोर को अप्रैल 2017 में न्यूक्लियर फोर्सेज का प्रमुख बनाया गया था. वह इससे पहले देश के रेडिएशन, केमिकल और जैविक हथियारों जैसे डिपार्टमेंट के प्रमुख भी रह चुके हैं.