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भारत को ट्रंप सरकार ने दिया अल्टीमेटम तो रूस ने अमेरिका को सुनाई खरी-खरी

भारत के साथ तेल कारोबार को लेकर रूस ने अमेरिका पर कड़ी टिप्पणी करते हुए बड़ा बयान दिया है. रूस ने कहा है कि अमेरिका की जो भारत और रूस के तेल व्यापार को बंद करने की चाहत है, वह न सिर्फ अनैतिक बल्कि नुकसानदायक भी है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि, एनर्जी सेक्टर में किसी भी तरह के प्रतिबंधों को रूस खारिज करता है.

व्लादिमीर पुतिन व्लादिमीर पुतिन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

भारत पर रूसी तेल की खरीद बंद करने के लिए अमेरिका लगातार दबाव बनाता रहा है. यूक्रेन से युद्ध की वजह से रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगाने वाला अमेरिका चाहता है कि भारत रूस की जगह उससे तेल खरीदे. अमेरिका ने कहा था कि जो रूसी तेल के टैंकर भारत के लिए निकल चुके हैं, उन्हें खाली कराने का समय सिर्फ 27 फरवरी तक का है. उसके बाद प्रतिबंध लागू हो जाएंगे. 

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अब रूस ने अमेरिका को खरी-खोटी सुनाई है. रूस ने कहा है कि, अमेरिका की भारत और रूस के बीच तेल खरीद पर रोक लगाने की जो मांग है, वह पूरी तरह अनैतिक और नुकसानदायक है.

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि, हमें पता चला कि हाल ही में अमेरिका ने भारत से 27 फरवरी तक रूसी तेल के टैंकरों को खाली करने की मांग की थी.

मारिया जखारोवा ने आगे कहा कि, हम जानते हैं कि रूस पर अवैध प्रतिबंध लगाने वाले पश्चिम देशों के समूह में भारत शामिल नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि, एनर्जी सेक्टर में जबरन थोपे जा रहे ऐसे एकतरफा प्रतिबंधों को रूस खारिज करता है.

भारत को रूस से दूर करने की कोशिश कर रहा अमेरिका!

यूक्रेन युद्ध की वजह से पिछले कुछ समय से अमेरिका रूस और भारत के संबंधों को कमजोर करने की कोशिश में लगा हुआ है. हालांकि, भारत ने इस मामले में लगातार खुद को न्यूट्रल ही दिखाया.

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भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद कई चीजों में रूस से आयात-निर्यात चालू रखा. भारत को जैसे ही मौका मिला, वैसे ही भारत ने रूस से कच्चा तेल भारी मात्रा में खरीदना शुरू कर दिया. तत्कालीन बाइडन प्रशासन ने इस चीज पर सवाल भी उठाए लेकिन भारत ने साफ कर दिया कि उसे जहां से फायदा होगा, वह वहां से कारोबार करेगा.

पश्चिम देशों के प्रतिबंधों के बावजूद भारत और रूस लगातार अपने आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की ओर आगे बढ़ रहे हैं. दोनों का साल 2030 तक द्विपक्षीय कारोबार को 100 अरब डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है. दोनों देश बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बेहतर वैकल्पिक मार्ग भी तलाश रहे हैं, जिससे कारोबार में तेजी लाई जा सके.

जनवरी में आई एक रिपोर्ट लेकिन दोनों देशों के मीठे संबंधों में खटास घोलने वाली जरूर थी. इस रिपोर्ट में कहा गया कि, अमेरिका ने रूसी तेल पर जो प्रतिबंध लगाए हैं, उससे रूस के तेल निर्यात पर काफी असर पड़ेगा. सप्लाई से जुड़ी परेशानियां आने लगेंगी और इसका प्रभाव भारत के तेल आयात पर भी देखने को मिल सकता है. 

हालांकि, तेल खरीद पर भारत का पक्ष हमेशा साफ रहा है. भारत उन सभी व्यापारियों के लिए खुला है जो उसे सस्ता तेल बेचेंगे. भारत काफी देशों से तेल आयात करता है जिसमें अमेरिका, रूस, सऊदी अरब, यूएई और इराक सबसे बड़े सप्लायर हैं. अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से रूस से तेल खरीद में थोड़ी मुश्किलें जरूर आई लेकिन भारत ने खरीदारी जारी रखी.

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