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यूक्रेन को अमेरिका पहुंचा रहा सैन्य मदद, गुस्से में रूस ने काफिले पर किया एयरस्ट्राइक

रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है. यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका उसे सैन्य मदद पहुंचा रहा है, जो रूस को पसंद नहीं है. इसी सिलसिले में आज रूस ने सैन्य मदद वाले काफिले पर हमला किया है.

रूस ने काफिले पर हमला किया है फाइल फोटो रूस ने काफिले पर हमला किया है फाइल फोटो
aajtak.in
  • कीव,
  • 05 मई 2022,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST
  • कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं
  • यूक्रेन की मदद करने वालों पर निशाना

रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 70वां दिन है लेकिन अबतक कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं है. इस बीच पुतिन की सेना गुस्से से लाल है और यूक्रेन की मदद करने वालों को भी निशाना बना रही है. जानकारी मिली है कि अमेरिका की तरफ से यूक्रेन को जो मदद पहुंचाई जा रही है उसपर हवाई हमले किये जा रहे हैं. हालांकि, ये हमला फेल रहा है. पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि रूसी सेना का लक्ष्य पश्चिमी यूक्रेन में महत्वपूर्ण 'बुनियादी ढांचे' को तहस-नहस करना था, जिसमें बिजली सुविधाएं और परिवहन केंद्र भी शामिल हैं. लेकिन ये एयरस्ट्राइक असफल रहा है. 

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रूस ने नेटो को दी चेतावनी
रूस के रक्षा मंत्री Sergei Shoigu का कहना है कि अगर नेटो ने यूक्रेन को कोई भी हथियार सप्लाई किया तो अब हमला सीधे उन वाहनों पर होगा जिनसे हथियार भेजे जा रहे हैं. रूस इससे पहले भी नेटो को चेतावनी दे चुका है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने नेटो को इस युद्ध से दूर रहने की नसीहत दी है. ऐसे में उन तमाम धमकियों के बीच अब रूस के रक्षा मंत्री ने फिर नेटो को ही सावधान कर दिया है. मौजूदा समय में डेनमार्क, जर्मनी जैसे देश यूक्रेन को हथियार से लेकर दूसरे जरूरी संसाधन भेज रहे हैं.

रूसी जनरलों को टारगेट
गौरतलब है कि रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिका, ब्रिटेन समेत दुनिया के तमाम देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं. अमेरिका के एक सीनियर अफसर का दावा है कि US रूस की यूनिट के मूवमेंट के बारे में यूक्रेन को खुफिया जानकारी उपलब्ध करा रहा है, इससे यूक्रेन को रूसी जनरलों को टारगेट करने और उन्हें मारने में मदद मिली है. यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के करीब 12 फ्रंट लाइन जनरलों को युद्ध में मार गिराया है.

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व्लादिमीर पुतिन छोड़ेंगे राष्ट्रपति की कुर्सी!
इस बीच ऐसी खबरे हैं कि कुछ दिनों के लिए व्लादिमीर पुतिन राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़ सकते हैं. इसको लेकर कोई औपचारिक ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन पुतिन की तबीयत की वजह से अटकलों का बाजार गर्म है. उनकी जगह सुरक्षा परिषद के सचिव निकोलाई पैट्रुशेव ये जिम्मेदारी संभाल सकते हैं. निकोलाई पैट्रुशेव पर पुतिन सबसे ज्यादा भरोसा करते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि व्लादिमीर पुतिन को अपने कैंसर का इलाज करवाना है. इसके लिए उन्हें एक ऑपरेशन करवाना पड़ेगा। विदेशी मीडिया के अनुसार, पैट्रुशेव को इस बारे में पहले ही सबकुछ बताया जा चुका है.

 

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