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Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन युद्ध के एक साल की फैक्टशीट... कितना नुकसान? किस इलाके पर किसका कब्जा? जानें सबकुछ

रूस और यूक्रेन की जंग को आज एक साल पूरे हो गए हैं. 24 फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. इस एक साल में जंग किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. न कोई जीता है. न कोई हारा है. लेकिन इस जंग का असर सिर्फ इन दो देशों ही नहीं, बल्कि दुनियाभर पर पड़ा है और पड़ रहा है.

रूस और यूक्रेन में 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है. (फाइल फोटो-AP) रूस और यूक्रेन में 24 फरवरी 2022 से जंग चल रही है. (फाइल फोटो-AP)
Priyank Dwivedi
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:08 AM IST

'हमने बहुत कोशिश की. लेकिन हमारी सारी कोशिश नाकाम हो गई. रूस और हमारे लोगों की रक्षा करने के लिए उन्होंने हमारे पास कोई और विकल्प नहीं छोड़ा, सिवाय उस विकल्प के जिसे हम आज इस्तेमाल करने को मजबूर हैं. इन परिस्थितियों में हमें साहसिक और तत्काल कार्रवाई करनी होगी. डोनबास के नागरिकों ने रूस से मदद मांगी है.'

ये बातें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करते समय कही थीं. पुतिन ने इसे 'सैन्य अभियान' बताया था. पुतिन का कहना था कि उनका मकसद यूक्रेन को डिमिलटराइज करना है, न कि उस पर कब्जा करना. 

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राष्ट्रपति पुतिन के इस ऐलान के बाद रूस की सेना के दो लाख सैनिक यूक्रेन में घुस गए थे. कुछ ही घंटों बाद यूक्रेन की राजधानी कीव तक रूस के बम पहुंच गए थे. 

पुतिन के ऐलान के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी टीवी पर आए और जनता को संबोधित किया. जेलेंस्की ने कहा, 'वो कहते हैं कि ये जंग यूक्रेन के लोगों को आजाद कर देगी, लेकिन यूक्रेन के लोग तो आजाद हैं.' उन्होंने आगे ये भी कहा था कि अगर वो हमला करते हैं, तो हम उनका सीधा सामना करेंगे, पीठ नहीं दिखाएंगे.

पुतिन ने जब जंग का ऐलान किया था, तब लगा था कि कुछ ही दिन में यूक्रेन हार जाएगा. लेकिन ये जंग खींचती गई और आज उसे एक साल हो गया. इस एक साल में न कोई जीता है. न कोई हारा. शहर के शहर तबाह हो गए हैं. हजारों लोग मारे जा चुके हैं. जो बच गए हैं, वो शरणार्थी बनकर जिंदगी काट रहे हैं. रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है. यूक्रेन भी सीना तानकर खड़ा है. इस जंग ने न सिर्फ दोनों देशों को प्रभावित किया, बल्कि दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा प्रभाव डाला है.

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रूस की बमबारी ने यूक्रेन को तबाह कर दिया. (फाइल फोटो-AP)

कैसे आगे बढ़ी पुतिन की सेना?

- जंग के ऐलान से तीन दिन पहले पुतिन ने यूक्रेन के डोनबास प्रांत के डोनेत्स्क और लुहांस्क को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया था. यहां 2014 से कथित तौर पर रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा था.

- पुतिन के ऐलान के बाद करीब दो लाख रूसी सैनिक यूक्रेन की ओर बढ़ गए थे. उत्तर में बेलारूस से कीव की ओर रूसी सेना बढ़ी.

- उत्तर पूर्व में रूस की तरफ से कीव के लिए सेना ने चढ़ाई की. पूर्व में डोनबास के रास्ते खारकीव की ओर रूसी सैनिक आगे बढ़ी. तो वहीं, दक्षिण में क्रीमिया के रास्ते ओडेसा, जापोरिज्जिया और मारियूपोल की तरफ रूसी सैनिक आए.

- बीते एक साल में रूस ने यूक्रेन के प्रमुख शहरों और बंदरगाहों पर कब्जा कर लिया है. वहीं, यूक्रेन के सैनिक जवाबी कार्रवाई में अपने खोए हुए इलाकों को फिर से पाने में कामयाब रहे हैं. नीचे दो मैप दिए गए हैं, उनसे समझिए जंग के एक साल में कैसे इलाके कब्जाए गए.

दोनों ओर के कितने सैनिकों की मौत?

- पश्चिमी देशों के अधिकारियों का मानना है कि इस जंग में रूस के 1.80 लाख और यूक्रेन के 1 लाख सैनिक या तो मारे गए होंगे या घायल हुए होंगे.

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- यूक्रेन ने 23 फरवरी 2023 तक रूस के 1,45,850 सैनिकों के मारे जाने का दावा किया है. हालांकि, यूक्रेन ने अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा कभी साझा नहीं किया.

- रूस ने पिछले साल सितंबर में सैन्य मौतों का आधिकारिक आंकड़ा दिया था. तब रूस ने बताया था कि इस जंग में उसके करीब 6 हजार सैनिक मारे जा चुके हैं. 

- हालांकि, रूस की न्यूज वेबसाइट मॉस्को टाइम्स ने बताया है कि 17 फरवरी 2023 तक रूस के 14,709 सैनिक मारे जा चुके हैं.

रूस के हमले में तबाह यूक्रेन का इलाका. (फाइल फोटो-AP)

आम लोगों पर क्या असर पड़ा?

- जंग का सबसे बड़ा खामियाजा आम नागरिकों को ही भुगतना पड़ता है. संयुक्त राष्ट्र ने 21 फरवरी को इस जंग में आम नागरिकों को हुए नुकसान का आंकड़ा साझा किया था.

- संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, एक साल में इस जंग में यूक्रेन में 8,006 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है. इनके अलावा 13 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

- इतना ही नहीं, इस जंग में 487 बच्चों की भी मौत हो चुकी है और 954 बुरी तरह घायल हो चुके हैं. जान गंवाने वालों में 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिलाएं हैं.

- इसके अलावा, एक साल में जंग की वजह से 80 लाख लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है. वो यूरोपीय देशों में शरणार्थी के तौर पर जीवन जी रहे हैं.

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- 28 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर रूस चले गए हैं. वहीं, 15 लाख से ज्यादा लोग पोलैंड और 11 लाख से ज्यादा ने जर्मनी में शरण ले ली है. 

घर-स्कूल-अस्पताल... सबकुछ तबाह

- इस जंग ने यूक्रेन को पूरी तरह तबाह कर दिया है. कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि 24 फरवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक रूसी हमलों में यूक्रेन का 138 अरब डॉलर का इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह हो गया है. भारतीय करंसी में ये रकम 11 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा बैठती है.

- कीव स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के मुताबिक, दिसंबर 2022 तक रूसी हमलों में 1,49,300 रिहायशी इमारतें या तो पूरी तरह तबाह हो चुकीं हैं या फिर डैमेज हो गईं हैं. तीन हजार से ज्यादा शैक्षणिक संस्थान तबाह हो गए हैं. लगभग डेढ़ हजार कल्चर, स्पोर्ट्स और रिलीजियस संस्थानों को नुकसान पहुंचा है. 11 सौ से ज्यादा अस्पताल बर्बाद हो चुके हैं.

रूस के हमले में तबाह हुई यूक्रेन की एक रिहायशी इमारत. (फाइल फोटो-AP)

दुनिया पर कैसे असर पड़ा?

- दो देशों की इस जंग की वजह से दुनिया पर गहरा असर पड़ा है. वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है.

- आईएमएफ ने पिछले साल 2023 में ग्लोबल जीडीपी ग्रोथ 3.2 फीसदी होने का अनुमान लगाया था, जिसे अब घटाकर 2.9 फीसदी कर दिया गया है. 2024 में 3.4 फीसदी होने का अनुमान है.

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- OECD ने नवंबर 2022 में जो अनुमान जारी किया था, उसके मुताबिक 2022 में ग्लोबल इन्फ्लेशन रेट 9 फीसदी से ज्यादा रह सकती है. 2023 के आखिर तक इसके 6.6 फीसदी और 2024 तक 5.1 फीसदी तक कम होने का अनुमान है.

 

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