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Russia-Ukraine War: भारतीय नागरिक Kharkiv तुरंत खाली करें, एडवाइजरी जारी होते ही मिसाइल अटैक

रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के सातवें दिन विदेश मंत्रालय की ओर से एक नई एडवाइजरी जारी की गई है. खारकीव में फंसे भारतीय को तत्काल शहर छोड़ने को कहा गया है. बता दें कि खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.

aajtak.in
  • खारकीव,
  • 02 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST
  • खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर
  • खारकीव में एक भारतीय छात्र की हो चुकी है मौत

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के सातवें दिन विदेश मंत्रालय की ओर से एक नई एडवाइजरी जारी की गई है. एडवाइजरी के मुताबिक, खारकीव में मौजूद सभी भारतीयों को उनकी सुरक्षा के लिए तत्काल खारकीव शहर छोड़ना होगा. जानकारी के मुताबिक, एडवाइजरी जारी होने के बाद खारकीव में एक क्रूज मिसाइल सिटी काउंसिल की इमारत से टकरा गई.

विदेश मंत्रालय की ओर से बुधवार शाम को जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि खारकीव में हालात खराब हैं, लिहाजा जितने भी भारतीय छात्र और लोग वहां फंसे हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे तत्काल खारकीव शहर छोड़ दें.

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एडवाइजरी में विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारतीयों की सुरक्षा के लिए उन्हें खारकीव शहर छोड़ना जरूरी है. उन्हें सलाह दी जाती है कि वे खारकीव से Pesochin, Babaye और Bezlyudovka की ओर जल्द से जल्द आगे बढ़ें.

रूस की ओर से हमले के बाद क्षतिग्रस्त खारकीव का एक स्कूल.

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया गया है कि भारतीयों को यूक्रेन के समय के मुताबिक आज शाम 6 बजे तक Pesochin, Babaye और Bezlyudovka तक पहुंचना होगा. बता दें कि यूक्रेन के समय से भारत का समय साढ़े तीन घंटा आगे है. यानी खारकीव में रह रहे भारतीयों के पास फिलहाल शहर छोड़ने के लिए साढ़े तीन घंटे का समय है.

खारकीव में हो चुकी है भारतीय छात्र की मौत

बता दें कि खारकीव यूक्रेन का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यहां लगातार रूस की सेना हमले कर रही है. यहां रूसी हमले में एक भारतीय छात्र नवीन की मौत भी हो चुकी है. नवीन कर्नाटक का रहने वाला था. 

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इससे पहले भी भारतीय दूतावास की ओर से भारतीयों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी जारी की जा चुकी है. बता दें कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित भारत लाने के लिए केंद्र सरकार 'ऑपरेशन गंगा' रही है. 

'60 फीसदी छात्र छोड़ चुके यूक्रेन'

विदेश सचिव हर्षवर्धन शृंगला ने कहा कि जब हमने पहली एडवायजरी जारी की थी, तब यूक्रेन में 20 हजार भारतीय छात्र थे. इनमें से करीब 12 हजार छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं. यह कुल संख्या का 60 फीसदी है. बचे 40 फीसदी बच्चे यानी आठ हजार छात्रों में करीब आधे खारकीव और सूमी में हैं और बाकी या तो यूक्रेन की पश्चिमी सीमाओं तक पहुंच चुके हैं या उस ओर जा रहे हैं.  

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