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Russia के चार यारः वो देश जिन्होंने UN की महासभा में रूस के पक्ष में वोटिंग की

Russia Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र की महासभा में रूस-यूक्रेन जंग पर चर्चा हुई थी. इसमें रूसी सेना को वापस बुलाने का प्रस्ताव पेश हुआ, जिसके समर्थन में 100 से ज्यादा देश थे.

व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो) व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 2:56 PM IST
  • संयुक्त राष्ट्र में रूस-यूक्रेन जंग पर फिर चर्चा हुई
  • भारत ने युद्धविराम का समर्थन किया

Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग आज गुरुवार को आठवें दिन भी जारी है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा में जंग के मसले पर फिर बैठक हुई, जिसमें रूस के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया. इसमें रूस से कहा गया है कि वह यूक्रेन से अपनी सेना को वापस बुलाए. यह प्रस्ताव UNGA में पास तो हो गया लेकिन पांच देश (रूस समेत) इसके खिलाफ थे. इन चारों देशों को यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस का दोस्त बताया है.

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193 सदस्यों वाली UN General Assembly में रूसी हमले की निंदा हुई और सेना को वापस बुलाने की बात कही गई. इस मसले पर वोटिंग भी हुई, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया. Aggression against Ukraine नाम का जो प्रस्ताव था उसपर 94 यूएन सदस्यों ने बात की. इसमें से 141 सदस्य सेना वापसी के समर्थन में थे. वहीं 34 ने वोट नहीं दिया. इसके अलावा पांच देशों ने इसके खिलाफ वोट किया.

UN हेडक्वॉर्टर के सामने प्रदर्शन करते लोग

किन देशों ने किया रूस का समर्थन

रूस के अलावा बेलारूस, इरीट्रिया, उत्तर कोरिया और सीरिया ने इस प्रस्ताव के विरोध में वोट डाला. इसपर राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का बयान भी आया था. उन्होंने कहा कि रूस का इन चारों के अलावा कोई दोस्त नहीं बचा है.

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इस प्रस्ताव को करीब 100 देशों ने सह प्रायोजित किया था. इसमें यूक्रेन और अमेरिका के अलावा अफगानिस्तान, अल्बानिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इजरायल, इटली, जापान, कुवैत, म्यांमार, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.

भारत ने क्या कहा

रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत ने न्यूट्रल रुख अपनाया है. भारत की तरफ से पहले ही साफ किया गया है कि हमारी प्राथमिकता यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों और छात्रों को निकालना है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि भारत युद्धविराम का समर्थन करता है. इसके साथ-साथ उन्होंने बॉर्डर पार करने देने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों का शुक्रिया कहा. UN में भारत ने कहा कि मतभेदों को सिर्फ बातचीत और कूटनीति से ही खत्म किया जा सकता है.

 

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