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Russia-Ukraine War: नहीं मिल रहा खाना, कॉफी के सहारे कटा दिन, कीव से आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट

यूक्रेन ने रूस को पिछले चार दिनों से कीव के बाहर रोक कर रखा है. वहीं यूक्रेन रूस के साथ शांति वार्ता के लिए राजी हो गया है. दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो गई है.

यूक्रेन छोड़कर जाते लोग यूक्रेन छोड़कर जाते लोग
aajtak.in
  • कीव,
  • 28 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 2:17 PM IST
  • कीव से साप्ताहिक कर्फ्यू हटाया गया
  • शांति वार्ता से पहले रूस ने कम किए हमले

यूक्रेन और रूस के बीच पांचवें दिन भी जंग जारी है. युद्ध का हालात जानने कीव पहुंचे आजतक के संवाददाता राजेश पवार ने बताया कि कीव में कोई होटल नहीं खुला है. हमारे ठहरने की कोई व्यवस्था नहीं हो पाई. हमने एक सुरक्षित जगह पर शरण लिया है. उन्होंने बताया कि खाने के लिए कुछ नहीं मिल पाया. कॉफी के सहारे पूरा दिन कटना पड़ा लेकिन इन सब चुनौतियों के बीच एक सबसे अच्छी बात यह रही कि कल रात कीव में किसी धमाके के आवाज नहीं सुनाई दी. कहीं बहुत दूर (करीब 6-7 किमी) आवाज सुनाई दी थी. फिलहाल कीव में हम लोगों की रात पहली बार अच्छी गुजरी. रूस-यूक्रेन के बीच बातचीत शुरू होने से पहले रूसी सेना ने हमले की रफ्तार धीमी कर दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसकी पुष्टि खुद यूक्रेनी सेना ने की है.

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दोनों देश के बीच बैठक शुरू

इस बीच कीव से वीकेंड कर्फ्यू भी हटा दिया गया है. यूक्रेन रूस के साथ शांति वार्ता के लिए राजी हो गया है. जल्द ही दोनों देशों के बीच बेलारुस में बातचीत शुरू हो गई है. बैठक से ठीक पहले यह कर्फ्यू हटाया गया है. कीव में टैक्सी फिर से चलने लगी हैं. लोग सुरक्षित जगह पर पहुंचने के लिए सड़कों पर दिखने लगे हैं.

भारत ने कहा- रेलवे स्टेशन पहुंचें छात्र

कर्फ्यू हटते ही कीव स्थित भारतीय दूतावास ने भारतीय छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है. उन्होंने सभी छात्रों को सलाह दी कि वे रेलवे स्टेशन पहुंच जाएं. लोगों को  सुरक्षित निकालने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. सभी छात्र यूक्रेन के पश्चिमी क्षेत्रों में शरण ले लें.

अमेरिका ने कहा- अपने रिस्क पर यूक्रेन छोड़ें

वहीं कीव में अमेरिकी दूतावास ने वहां रह रहे अपने नागरिकों से कहा कि अगर वे यूक्रेन छोड़कर बाहर निकलना चाहते हैं तो खुद से व्यवस्था करके निकलें. हमारी अपील है कि निकलने के लिए जो भी रास्ता चुनें, उस पर एक बार जरूर विचार कर लें. उन्होंने बताया कि कई पोलिश बॉर्डर खासतौर से मोल्डावियन की ओर से बॉर्डर क्रॉस करने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. हम हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया की सीमा से यूक्रेन छोड़ने की सलाह देते हैं.

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इनपुट: राजेश पवार


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