
Russia Ukraine War: जंग के 18 दिन बीत गए हैं, लेकिन अबतक यूक्रेन में हालात सामान्य नहीं हुए हैं. अब युद्ध के 19वें दिन यूक्रेन के 19 शहरों में हवाई हमलों का सायरन बजा है. इसके अलावा राजधानी कीव और खारकीव पर भी रूसी सेना का मिसाइल अटैक जारी है. दोनों देशों के बीच चौथे दौर की बैठक अब होनी है, लेकिन इससे पहले हुई तीन बैठकों में कोई समाधान नहीं निकला था.
इस बीच, राजधानी कीव के करीब चेचेन विद्रोही भी पहुंच चुके हैं. गौरतलब है कि चेचेन्या में सत्ता पर काबिज चेचेन लड़ाके रूस के पक्ष में इस युद्ध में उतरे हैं और यूक्रेन की सेना के खिलाफ लगातार हमले कर रहे हैं. कीव के पास पहुंचकर चेचेन लड़ाकों ने कई वीडियो जारी किए हैं और दावे किए हैं कि कीव के पास यूक्रेन सेना के कई ठिकानों पर उन्होंने हमले किए हैं.
इससे पहले रविवार को रूस ने यूक्रेन के एक सैन्य प्रशिक्षण केंद्र पर हमला किया था. इसमें 180 विदेश हत्यारों को मार गिराने का दावा किया गया था. बताया जा रहा है कि रूस ने सैन्य प्रशिक्षण केंद्र पर 30 से ज्यादा क्रूज मिसाइलों से हमला किया था. दूसरी तरफ यूक्रेन के सैन्य अधिकारियों ने कहा कि रूस के हमले में 35 लोग मारे गए और 134 घायल हो गए. उन्होंने पीड़ितों की राष्ट्रीयता की पहचान का खुलासा नहीं किया है.
रूस के इस रवैये को देखते हुए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से बात की है. इन लोगों के बीच रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की बात हुई है.
जंग में 596 आम लोगों की मौत
इस बीच संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, यह युद्ध आम लोगों को कहर बनकर टूट रहा है. रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग में अब तक 596 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है. वहीं, 1,067 लोग अब तक घायल हुए हैं. दूसरी तरफ जंग के बीच यूक्रेन का दावा है कि उसने 13 मार्च को रूसी सेना के 4 प्लेन और 3 हेलिकॉप्टर मार गिराये हैं. कहा गया कि ये अटैक एंटी एयर क्राफ्ट मिसाइल से किया गया था. यूक्रेन का दावा है कि अबतक वह रूस के 13 हजार के करीब सैनिकों को मार चुका है.
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25 लाख लोग यूक्रेन से भागे
रूसी हमलों से बचने के लिए 25 लाख से अधिक लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने इसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से सबसे तेजी से बढ़ता हुआ शरणार्थी संकट कहा है. इस बीच यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने का काम भी लगभग पूरा हो गया है. ऑपरेशन गंगा के तहत केंद्र सरकार ने यह काम किया था. यूक्रेन पर रूसी हमले से पहले करीब 20 हजार भारतीय वहां रह रहे थे. इनमें से ज्यादातर मेडिकल के छात्र थे.