
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद नाटो ये साफ कर चुका है कि वो यूक्रेन में सेना नहीं भेजेगा. यूक्रेन को लेकर नाटो के रुख को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमीर जेलेंस्की ने ये चेतावनी दी थी कि रूस इतने पर ही नहीं रुकने वाला. सोवियत संघ के विघटन के बाद अस्तित्व में आए अन्य देशों पर भी खतरा मंडरा रहा है. इन सबके बीच यूक्रेन के हालात को लेकर नाटो की बैठक हुई.
नाटो की ओर से बैठक के बाद कहा गया कि हम यूक्रेन को समर्थन देना जारी रखेंगे. नाटो के क्षेत्र में सेना तैनात कर दी गई है जो किसी भी कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार है. नाटो की ओर से ये भी कहा गया है कि रूस अपनी सेना को यूक्रेन से तत्काल वापस बुलाए. नाटो की ये बैठक ऐसे समय में हुई जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साफ संदेश दिया कि यूक्रेन सरेंडर करे. पुतिन के बयान के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बातचीत का न्योता दिया.
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गौरतलब है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने ये भी कहा था कि दुनिया ने रूस से लड़ने के लिए उन्हें अकेला छोड़ दिया है. हम अकेले ही रूस से लड़ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक दिन पहले भी ये साफ किया था कि नाटो देश यूक्रेन में अपनी सेना नहीं भेजेंगे. यूक्रेन को ये लड़ाई खुद ही लड़नी होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान के ठीक एक दिन बाद ही हो रही नाटो की इस बड़ी बैठक पर यूक्रेन के साथ ही यूक्रेन की भी नजरें टिकी हुई हैं.
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बता दें कि रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर हमला कर दिया था. रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के करीब तक पहुंच चुकी है. रूसी राष्ट्रपति ने साफ किया है कि वे यूक्रेन पर कब्जा नहीं करेंगे. उन्होंने कहा है कि यूक्रेन आम नागरिकों को ढाल बना रहा है.