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Ukraine को तहस-नहस कर रहा है रूस, एक्शन के नाम पर NATO ने की सिर्फ 'निंदा'

Russia-Ukraine War: रूस के खिलाफ मदद के लिए नाटो से आस लगाकर बैठे यूक्रेन को अब तक सिर्फ जुबानी आश्वासन ही मिल रहा है जबकि पुतिन की सेना ने उस पर चढ़ाई कर दी है.

NATO यूक्रेन पर रूस के हमले की सिर्फ निंदा कर रहा है. NATO यूक्रेन पर रूस के हमले की सिर्फ निंदा कर रहा है.
aajtak.in
  • कीव,
  • 24 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:48 PM IST
  • अमेरिका ने रूस के खिलाफ अपने सैनिक उतारने से इनकार कर दिया था
  • सिर्फ यूक्रेन के साथ मजबूती से खड़े होने का दावा कर रहा नाटो

रूस ने तमाम देशों की अपील को ठुकराते हुए आखिरकार यूक्रेन पर चढ़ाई कर ही दी. पड़ोसी मुल्क को तीन तरफ से घेरे बैठी पुतिन की सेना इशारा मिलते ही चंद घंटों के भीतर राजधानी कीव तक जा पहुंची है और लगातार हवाई हमले करने में लगी है. उधर, संकटग्रस्त देश को मदद देने की हामी भरने वाला उत्तर अटलांटिक संधि संगठन यानी नाटो अभी तक सिर्फ रूस की 'निंदा' ही कर रहा है. 

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दरअसल, दुनिया का खुद को 'सरपंच' बताने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और नाटो देश युद्ध की आहट के समय से ही यूक्रेन को मदद की दिलासा देने में जुटे थे. इसी शह पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की भी खुद से कई गुना शक्तिशाली रूस से टक्कर के लिए अड़ गए. लेकिन गुरुवार सुबह जब रूसी सेना ने यूक्रेन पर चढ़ाई कर दी और लगातार हवाई हमले कर तहस-नहस और खून -खराबा करना शुरू कर दिया, तब भी अमेरिका या नाटो ने कोई एक्शन नहीं लिया. सिर्फ अब तक 'निंदा' और 'कड़े कदम' उठाने जैसे बयान ही पश्चिमी देशों की तरफ से यूक्रेन के पक्ष में सामने आ रहे हैं.

उधर, अमेरिका ने बीते दिनों रूस पर कुछ आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए थे, जो कि पुतिन के इरादों को किसी भी तरह प्रभावित करने में विफल रहे. इस पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भड़क भी गए थे और उन्होंने कहा था कि अमेरिका सिर्फ रूस को बातों से डराने की कोशिश कर रहा है. बाइडेन की चेतावनी का रूस पर कोई असर नहीं पड़ रहा है. बता दें कि अमेरिका ने साफ कर दिया कि उनका कोई सैनिक रूस से सीधे लड़ाई लड़ने नहीं उतरेगा. 

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हालांकि, राष्ट्रपति जेलेंस्की किसी मदद की परवाह न करते हुए रूस से आखिरी दम तक लड़ने की बात कर रहे हैं और झुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. वह अपनी सेना का मनोबल बढ़ाने के लिए खुद युद्ध के मैदान में कूद गए हैं. रूसी हमले के ठीक बाद यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन से भी फोन पर बातचीत की और सभी देशों को हमलावर देश के खिलाफ उतरने को कहा.

उधर, यूक्रेन की मदद के लिए अमेरिका और नाटो को आस भरी निगाह से देख रही दुनिया को बताने के लिए NATO ने हमले के करीब 8 घंटे बाद अपनी सक्रियता दिखाई है. बेल्जियम स्थित मुख्यालय में सदस्य देशों के साथ सलाह मशवरा करने के बाद नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने फिर वही बात दोहराई है कि अमेरिका समेत ब्रिटेन, बेल्जियम, रिपब्लिक और यूरोपियन यूनियन यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करता है. उनका गठबंधन संकट में घिरे यूक्रेन के साथ मजबूती के साथ खड़ा है.

NATO महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने मीडिया से बातचीत की.

NATO महासचिव ने अपना एक औपचारिक बयान जारी करते हुए कहा कि बिना वजह रूस पर हमला करने वाले रूस की हम निंदा करते हैं. यूक्रेन पर हमला कर रूस ने अंतर्राष्ट्रीय कानूनों को उल्लंघन किया है. हम इस समय यूक्रेन के साथ खड़े हैं. नाटो ने परंपरागत तरीके से तल्ख लहजे में कहा है कि रूस को फौरन यूक्रेन से हट जाना चाहिए. गौरतलब है कि रूसी सेना यूक्रेन को तीनों तरफ से घेरकर राजधानी कीव तक पहुंच चुकी है. 

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NATO का फिर से वही वादा और दावा

एक बार फिर नाटो ने कहा है कि उसने यूक्रेन की रक्षा के लिए अपने 100 से ज्यादा फाइटर प्लेन और 120 से अधिक जंगी जहाजों का बेड़ा उत्तर से भूमध्य सागर में उतार दिया है. सहयोगी को बचाने के लिए जो भी कदम उठाना होगा, उठाएंगे.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय का बयान

यूक्रेन के अलग-थलग पड़ने पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जेड तरार से भी यही सवाल किया गया कि जो बाइडेन कब ममद के लिए आगे आएंगे? जवाब में तरार बोले कि हम यूक्रेन को एक बिलियन डॉलर से ज्यादा की मदद कर चुके हैं. साथ ही संकटग्रस्त यूक्रेन को अमेरिका सैटेलाइट, कर्ज (Loan), सैनिकों को जरूरी सहायता दे रहे हैं.

तरार ने दावा किया कि नाटो गठबंधन में शामिल देश फ्रांस, जर्मनी, यूके, बेल्जियम, जर्मनी  जैसे देश यूक्रेन के साथ खड़े हुए हैं. हालांकि, राष्ट्रपति बाइडेन साफ कर चुके हैं कि अमेरिका अपने सैनिक रूस से लड़ने नहीं भेजेगा. मगर इसका मतलब यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि यूक्रेन की कोई मदद नहीं की जा रही. 

यूक्रेन के लिए सीधे तौर पर न लड़ने के सवाल पर अमेरिकी प्रवक्ता ने साफ किया कि नाटो या अमेरिका में इस लड़ाई में उतरकर तनाव को और ज्यादा बढ़ाना नहीं चाहता है. लेकिन कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाकर रूस की कमर तोड़ने का काम करने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभी तो सिर्फ प्रतिबंधों की शुरुआत हुई है.

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