
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग को एक महीना हो गया. 24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. माना जा रहा था कि ये जंग ज्यादा दिन नहीं चलेगी और रूस की मजबूत सेना के सामने यूक्रेन की सेना घुटने टेक देगी. मगर ऐसा हुआ नहीं. जंग अभी भी जारी है और किसी अंजाम तक नहीं पहुंची है.
इस एक महीने की जंग में यूक्रेन को तो नुकसान हुआ ही है, पर रूस की हालत भी खराब हो गई है. रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगा दिए गए हैं, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था को झटका लगा है. वहीं, एक महीने की जंग में रूस को अब तक कोई बड़ी कामयाबी हासिल नहीं हुई है. रूस की सेना को हर जगह यूक्रेन की सेना के साथ संघर्ष करना पड़ रहा है. लेकिन सवाल ये उठता है कि इस एक महीने की जंग में किसे क्या मिला?
इस जंग से किसे क्या हासिल हुआ?
रूस को क्या मिला?
- कब्जाः इस जंग में रूस को अब तक कुछ बड़ा हासिल नहीं हो सका है. रूस की सेना ने युद्ध के पहले ही दिन चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर कब्जा कर लिया था. माना जा रहा था कि रूस की सेना जल्द ही यूक्रेन की राजधानी कीव भी कब्जा लेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. कीव पर कब्जे को लेकर रूस की सेना का यूक्रेन की सेना के साथ संघर्ष चल रहा है. कीव के बाद दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में भी रूस की पकड़ मजबूत नहीं हो सकी है. इसके अलावा मारियूपोल और चेर्नीहिव में रूसी सेना भारी बमबारी जरूर कर रही है लेकिन जीत अभी भी काफी दूर है.
- प्रतिबंधः यूक्रेन के साथ जंग शुरू कर रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था को खतरे में डाल लिया है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर कई सारे प्रतिबंध लगा दिए हैं. रूस को अंतरराष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम SWIFT से निकाल दिया गया है. यूरोपीय देशों में स्थित रूसी अरबपतियों की संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है. रूस में काम कर रहीं विदेशी कंपनियों ने भी अपना कारोबार या तो बंद कर दिया है या फिर सीमित कर दिया है. इतना ही नहीं, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन ने रूसी विमानों के लिए अपना एयरस्पेस भी बंद कर दिया है. अमेरिका ने रूस से गैस और तेल खरीदने पर भी रोक लगा दी है.
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यूक्रेन को क्या मिला?
- सैन्य मददः अमेरिका ने यूक्रेन को 1,400 स्टींगर मिसाइल, 4600 जैवलीन एंटी-टैंक मिसाइल, 5 Mi-17 हेलीकॉप्टर, 300 ग्रेनेड लॉन्चर, 5 हजार राइफल, 1 हजार पिस्टल समेत कई सारे हथियार दिए हैं. यूरोपीय देशों के अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने भी मदद दी है. यूरोपियन यूनियन ने यूक्रेन के 1 अरब यूरो की सैन्य मदद दी है. कनाडा ने रॉकेट लॉन्चर्स और हैंड ग्रेनेड दिए हैं. ऑस्ट्रेलिया ने 51 अरब डॉलर की सैन्य सामग्री दी है. जापान ने बुलेटप्रूफ जैकेट भेजी हैं.
- दुनिया का साथः रूस के साथ जंग में यूक्रेन को दुनिया का साथ मिला है. अमेरिका समेत पश्चिमी देश मिलकर यूक्रेन के साथ खड़े हैं. कोई भी देश सीधे तौर पर तो यूक्रेन की मदद नहीं कर रहा है, लेकिन सैन्य हथियार और पैकेज दे रहा है. यूरोपीय देशों ने यूक्रेन के शरणार्थियों को नौकरियां देने की बात कही है. अमेरिका ने 1 लाख यूक्रेनी नागरिकों को शरण देने को कहा है. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस को चेताया है कि अगर उसने यूक्रेन के खिलाफ केमिकल हथियार का इस्तेमाल किया तो अंजाम बुरा होगा. दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये पहली बार है जब दुनिया एकजुट हुई है.
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एक महीने की जंग में किसे कितना नुकसान हुआ?
यूक्रेन को कितना नुकसान?
- यूक्रेन की मीडिया द कीव इंडिपेंडेंट का दावा है कि एक महीने की जंग में 128 बच्चों के अलावा 977 आम नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 1,594 लोग घायल हुए हैं. सैनिकों की मौत का आंकड़ा 12 मार्च तक का है. 12 मार्च तक यूक्रेन के 1300 से ज्यादा सैनिक मारे जा चुके थे.
- मीडिया का दावा है कि रूस की सेना ने यूक्रेन की 4,431 रिहायशी इमारतों को तबाह कर दिया है. रूस की सेना की ओर से यूक्रेन पर 1200 से ज्यादा मिसाइलें दागी गईं हैं. वहीं, जब से युद्ध शुरू हुआ है, तब से अब तक 36 लाख से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है.
रूस को कितना नुकसान?
- पूर्वी यूरोप की मीडिया Nexta TV का दावा है कि इस जंग में रूस की सेना ने अपने 530 टैंक गंवा दिए हैं. यूक्रेन की सेना के भी 74 टैंक तबाह हुए हैं, लेकिन उसने रूसी सेना के 117 टैंक पर कब्जा भी किया है. दावा है कि यूक्रेन की सेना के पास युद्ध के समय जितने टैंक थे, उससे 43 टैंक ज्यादा हो गए हैं.
- इस जंग में कितनी रूसी सैनिक मारे गए हैं, इसका आधिकारिक आंकड़ा रूस की ओर से 2 मार्च को दिया गया था. तब रूस ने माना था कि इस जंग में उसके 500 सैनिक मारे गए हैं. हालांकि, एक दिन पहले ही NATO ने दावा किया है कि इस जंग में रूस के 7 हजार से 15 हजार के बीच सैनिक मारे जा चुके हैं. NATO का दावा है कि अफगानिस्तान में 10 साल में रूस ने 15 हजार सैनिक गंवाए थे.
एक महीना तो हुआ, जंग कब खत्म होगी?
- रूस और यूक्रेन की जंग को एक महीना तो हो चुका है लेकिन ये जंग अभी तक किसी अंजाम पर नहीं पहुंची है. कई दौर की बातचीत के बाद भी दोनों देशों के बीच मसला सुलझ नहीं रहा है. इसी बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस जंग को 9 मई से पहले खत्म करना चाहते हैं. यूक्रेनी सेना के जनरल स्टाफ का दावा है कि रूसी सेना को आदेश दिया है कि किसी भी हाल में ये जंग 9 मई तक खत्म हो जानी चाहिए.
- 9 मई की तारीख के पीछे वजह ये है कि इस दिन रूस हर साल विक्ट्री परेड का आयोजन करता है. ये परेड मॉस्को के रेड स्क्वायर पर की जाती है. विक्ट्री परेड का आयोजन सोवियत सेना के नाजी जर्मनी सेना पर जीत के लिए की जाती है. 9 मई 1945 को एडोल्फ हिटलर की नाजी जर्मनी सेना ने सरेंडर कर दिया था. तब से ही रेड स्क्वायर पर विक्ट्री परेड का आयोजन किया जाता रहा है.