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Russia Ukraine War: यूक्रेन के साथ जंग के बीच भारत के रुख पर क्या बोला रूस?

Russia Ukraine War: रूस ने हालिया तनाव पर भारत के तटस्थ रुख की सराहना की है. साथ ही रूसी राजनयिक ने भारत से ये उम्मीद जताई है कि वो यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देगा. रूस ने सोमवार को इन इलाकों को यूक्रेन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था.

रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में हमले शुरू कर दिए हैं (Photo-Twitter/Radio Free Europe) रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में हमले शुरू कर दिए हैं (Photo-Twitter/Radio Free Europe)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:07 PM IST
  • रूस ने यूक्रेन के मुद्दे पर भारत के रुख का स्वागत किया
  • रूसी राजनयिक ने भारत-रूस रक्षा सौदे पर भी दी जानकारी
  • इमरान खान की रूस यात्रा को लेकर स्पष्ट की कई बातें

यूक्रेन-रूस तनाव पर भारत के निष्पक्ष और स्वतंत्र रुख का रूस ने स्वागत किया है. भारत में रूस के कार्यवाहक राजदूत रोमन बाबुश्किन ने कहा है कि रूस पर हालिया प्रतिबंधों का असर एस-400 मिसाइल सिस्टम और भारत द्वारा खरीदे गए अन्य रक्षा उपकरणों की डिलीवरी पर नहीं होगा. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मॉस्को की चल रही यात्रा से भारत और रूस के बीच संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

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द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोमन बाबुश्किन ने स्पष्ट किया कि रूस-पाकिस्तान आर्थिक संबंधों पर चर्चा कर रहे हैं. पाकिस्तान से रूस रक्षा संबंध स्थापित करने की नहीं सोच रहा. बाबुश्किन ने कहा कि रूस अपनी नीति पर अभी भी टिका हुआ है कि कश्मीर एक द्विपक्षीय मुद्दा है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को यूक्रेन के दो अलगाववादी क्षेत्रों दोनेत्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र क्षेत्र की मान्यता दे दी थी जिसके बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक आपात बैठक बुलाई गई थी. अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने रूस के इस कदम की कड़ी आलोचना की थी और रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे.

आपात बैठक में भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि टी.एस. तिरुमूर्ति ने क्षेत्र के विकास और सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए सभी पक्षों से तनाव कम करने की अपील की थी. भारत ने कहा था कि कूटनीतिक बातचीत से ही समस्या का समाधान किया जा सकता है.

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अब जबकि रूस ने यूक्रेन पर हमले शुरू कर दिए हैं, भारत ने अपना निष्पक्ष रुख बरकरार रखा है. यूएन में फिर से भारत ने कहा है कि तनाव को तत्काल कम करने की जरूरत है. 

भारत के रुख की सराहना करते हुए रूसी राजनयिक ने कहा, 'भारत ने इस मुद्दे पर जो रुख अपनाया है, रूस इसका स्वागत करता है. भारत एक वैश्विक शक्ति की अपनी स्थिति के अनुसार काम कर रहा है. भारत हमेशा एक संतुलित और स्वतंत्र रुख अपनाता है.'

उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सहित विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्तरों पर हालिया तनाव को लेकर चर्चा की है. उन्होंने कहा कि हमारा सहयोगी भारत अच्छी तरह से जानता है कि पुतिन ने ऐसा क्यों किया. रूसी राजनयिक ने साथ ही ये भी कहा कि रूस को उम्मीद है कि भारत समेत उनके सभी सहयोगी देश दोनेत्स्क और लुहान्स्क की स्वतंत्रता को मान्यता देंगे.

रूसी राजनयिक ने कहा कि अमेरिका के हालिया वित्तीय प्रतिबंध और CAATSA कानून का असर 5 बिलियन डॉलर के S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद पर नहीं पड़ेगा. भारत रूस से S-400 मिसाइल खरीद रहा है लेकिन उसे डर है कि अमेरिका CAATSA कानून के तहत उस पर प्रतिबंध लगाएगा. अमेरिका रूस से रक्षा सौदा करने वाले देशों पर इस कानून का इस्तेमाल करता है.

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राजनयिक ने कहा, 'रक्षा खरीद को हमारे समझौतों और चर्चा की गई समयसीमा के अनुसार ही पूरा किया जा रहा है, और प्रतिबंधों से इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा.'

इमरान खान की रूस यात्रा पर बोले रूसी राजनयिक

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान रूस की दो दिवसीय यात्रा पर हैं. यूक्रेन पर रूसी हमले के बीच इमरान खान गुरुवार यानी आज रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे. दोनों के बीच आर्थिक और ऊर्जा संबंधों पर चर्चा होने की उम्मीद है. 23 सालों में ये किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक रूस यात्रा है.

यात्रा से ठीक पहले इमरान खान ने एक रूसी टीवी चैनल को एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की थी. उन्होंने भारत सरकार पर अल्पसंख्यकों के प्रति नस्वलादी विचारधारा का आरोप लगाया था. उन्होंने भारत के जम्मू-कश्मीर में सरकार की कार्रवाईयों की भी आलोचना की थी.

इसे लेकर बाबुश्किन ने कहा, 'पाकिस्तान के साथ हमारे स्वतंत्र संबंध हैं. हम एक द्विपक्षीय और आर्थिक एजेंडे को साथ लेकर चल रहे है और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के हम दोनों ही सदस्य हैं. हम उम्मीद करते हैं कि अफगानिस्तान पर भी बातचीत होगी लेकिन हम पाकिस्तान से रक्षा सौदों की उम्मीद नहीं करते हैं, और कश्मीर पर हमारी नीति पहले जैसी ही है.'

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इस महीने की शुरुआत में एक बयान में, रूसी विदेश मंत्रालय ने कश्मीर में हस्तक्षेप न करने की अपनी नीति को दोहराया था. रूस कहता रहा है कि कश्मीर विवाद भारत-पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय विवाद है. 

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