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रूस-यूक्रेन युद्ध के तीन हफ्ते, कई इलाकों में 13 दिन से बिजली नहीं, -5 डिग्री में जिंदा रहने की जद्दोजहद

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन में जंग को तीन हफ्ते हो चुके हैं. तीन हफ्तों की जंग अभी तक किसी मुकाम तक नहीं पहुंच सकी है. यूक्रेन के मारियूपोल में हालात खराब हैं. वहां लोग -5 डिग्री तापमान में रहने को मजबूर हैं.

जंग में यूक्रेन बुरी तरह तबाह हो रहा है. (फाइल फोटो-AP/PTI) जंग में यूक्रेन बुरी तरह तबाह हो रहा है. (फाइल फोटो-AP/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 1:01 PM IST
  • मारियूपोल में 13 दिन से बिजली-पानी नहीं
  • संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, 700 लोग मारे गए
  • यूक्रेन का दावा, मारियूपोल में 2400 की मौत

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन में जंग खतरनाक मोड़ पर आ चुकी है. युद्ध के 21 दिन बीत जाने के बाद भी रूसी सेना को अब तक कीव पर जीत नहीं मिल सकी है. लिहाजा, यूक्रेन की सेना को घुटने टेकने पर मजबूर करने की जिद पर अड़ी रूसी सेना ने हमले तेज कर दिए हैं. 

इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) ने रूस से यूक्रेन पर हमले रोकने की अपील की है. कोर्ट ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि रूस की सेना लगातार रिहायशी इलाकों पर बमबारी कर रही है और आम लोगों को निशाना बना रही है. 

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वहीं, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि रूस-यूक्रेन की जंग में अब तक 700 लोगों के मारे जाने का अनुमान है. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि ये संख्या हजारों में है. 

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रूसी हमले में तबाह यूक्रेन की एक इमारत. (फाइल फोटो-AP/PTI)

मारियूपोल में हालात खराब, -5 डिग्री में रहने को मजबूर लोग

- सबसे बुरे हालात यूक्रेन के मारियूपोल में है. इस पर कब्जे के लिए रूस की सेना काफी ज्यादा हमले कर रही है. यूक्रेन का दावा है कि रूसी हमलों में मारियूपोल में अब तक 2,400 से ज्यादा आम नागरिकों की मौत हो चुकी है.

- यहां पिछले 13 दिन से न बिजली है, न गैस है और न ही पानी है. रात में यहां का तापमान -5 डिग्री सेल्सियस से तक पहुंच जाता है. इन हालातों में यहां लोग शेल्टर में रहने को मजबूर हैं. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अब भी यहां 4 लाख से ज्यादा फंसे हुए हैं. 

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- स्थानीय मीडिया का ये भी दावा है कि रूस की सेना ने मारियूपोल के एक ड्रामा थियेटर पर बमबारी की है. इस थियेटर में करीब हजार से ज्यादा लोग छिपकर रह रहे थे. दावा है कि रूस ने सबसे ताकतवर बम इस थियेटर पर गिराया है. इस हमले में मारे गए लोगों की संख्या अब तक सामने नहीं आई है. 

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रूसी हमले के बाद यूक्रेन की एक जगह. (फाइल फोटो-AP/PTI)

... तो क्या और खतरनाक होगी लड़ाई?

- रूस और यूक्रेन की जंग और खतरनाक मोड़ पर पहुंचने की आशंका भी जताई जा रही है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने हाल ही में कहा था कि यूक्रेन में रूस को कुछ खास कामयाबी नहीं मिली है, जिससे पुतिन निराश और गुस्से में हैं और किसी भी हद तक जा सकते हैं.

- अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन समेत पश्चिमी देशों के कई नेताओं ने इस जंग में अब केमिकल और बायोलॉजिकल हथियार के इस्तेमाल होने का अंदेशा जताया है. 

- एक समय रूस के पास केमिकल हथियारों का सबसे बड़ा जखीरा था. हालांकि, 2017 में रूस ने दावा किया था कि उसने अपने सभी केमिकल हथियार नष्ट कर दिए हैं. पश्चिमी देशों का मानना है कि रूस अपनी ही सेना पर केमिकल अटैक कर सकता है और उसके बाद यूक्रेन पर इल्जाम लगाकर वहां केमिकल हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. अगर केमिकल हथियारों का इस्तेमाल होता है तो चंद सेकंड और मिनटों में ही कई सारे लोगों की मौत हो सकती है.

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- इसके अलावा न्यूक्लियर अटैक का खतरा भी मंडरा रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन न्यूक्लियर हमले की चेतावनी दे चुके हैं. उन्होंने न्यूक्लियर डेटोरेंट फोर्स को भी अलर्ट पर रखा है. ऐसा माना जा रहा है कि अगर रूस को कामयाबी नहीं मिली तो वो न्यूक्लियर हमला करने से भी बाज नहीं आएगा. रूस के पास करीब 6 हजार परमाणु हथियार हैं जो दुनिया में सबसे ज्यादा है. जानकार मानते हैं कि आज के परमाणु हथियार हिरोशिमा और नागासाकी पर गिरे बमों से भी कई गुना खतरनाक है. 

रूस रिहायशी इमारतों पर लगातार बमबारी कर रहा है. (फाइल फोटो-AP/PTI)

3 हफ्ते, 30 लाख से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन छोड़ा

24 फरवरी से शुरू हुई इस जंग ने लोगों को अपना घर छोड़ने को भी मजबूर कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इस जंग के तीन हफ्तों में अब तक 30.63 लाख से ज्यादा लोगों ने यूक्रेन छोड़ दिया है. इनमें से ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी एजेंसी से जुड़े फिलिपो ग्रांडी ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये पहली बार है जब इतनी तेजी से पलायन हो रहा है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, हर दिन करीब 1.50 लाख लोग यूक्रेन छोड़ रहे हैं और हर सेकंड एक बच्चा शरणार्थी बन रहा है.

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