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'सीरिया के कसाई' को यूक्रेन में रूसी सेना की कमान, क्या है पुतिन का प्लान?

Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी अब जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव को सौंप दी है. जनरल ड्वोर्निकोव को 'सीरिया का कसाई' कहा जाता है. जनरल ड्वोर्निकोव की कमान में रूस ने सीरिया की जंग लड़ी थी.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव. (फाइल फोटो-AP/PTI) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव. (फाइल फोटो-AP/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST
  • पुतिन ने जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव को सौंपी कमान
  • लोगों पर अत्याचार-क्रूरता के लिए कुख्यात हैं ड्वोर्निकोव
  • 9 मई को यूक्रेन पर जीत का ऐलान करना चाहते हैं पुतिन

Russia-Ukraine War: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के साथ जंग को और लंबा खींचने के मूड में हैं. उन्होंने यूक्रेन जंग की कमान अब जनरल अलेक्जेंडर ड्वोर्निकोव को सौंप दी है. अमेरिका के मुताबिक, जनरल ड्वोर्निकोव लोगों पर अत्याचार और क्रूरता करने के लिए कुख्यात हैं. पुतिन ने जनरल ड्वोर्निकोव को कमान ऐसे समय में दी है, जब रूसी सेना पर यूक्रेन में 'नरसंहार' करने का आरोप लग रहा है. 

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जनरल ड्वोर्निकोव ने 1982 में प्लाटून कमांडर से अपना मिलिट्री करियर शुरू किया था. उन्होंने चेचन्या में लड़े गए दूसरे युद्ध और सीरिया की जंग में अहम भूमिका निभाई है. 2016 में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जनरल ड्वोर्निकोव को 'हीरो ऑफ रशिया मेडल' से नवाजा था. ये रूस के सबसे बड़े पुरस्कारों में से एक है. जनरल ड्वोर्निकोव 2016 से साउथ मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट की कमान संभाल रहे हैं.

जनरल ड्वोर्निकोव की नियुक्ति पर यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने कहा कि वो (रूस) अब एक और नया प्लान लेकर आए हैं, लेकिन हमारे पास अपनी रणनीति है. वहीं, अमेरिकी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर (NSA) जैक सुलिवान ने CNN से बात करते हुए कहा कि ये जनरल यूक्रेनी लोगों के खिलाफ और ज्यादा अपराध और क्रूरता दिखाएगा.

सीरियाई सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल फारेस अल-बायोश ने बताया कि ये कमांडर 'वॉर क्रिमिनल' है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन में जनरल ड्वोर्निकोव को कमांड देने का मकसद एक ही समय में कई जगहों पर लड़ाई में तेजी लाना हो सकता है.

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सीरिया युद्ध में संभाली थी कमान

1961 में जन्मे ड्वोर्निकोव ने सोवियत मिलिट्री स्कूल से अपना करियर शुरू किया. 1982 में उन्होंने मॉक्सो हाई कमांड ट्रेनिंग स्कूल से पढ़ाई की और फिर सोवियत आर्मी में जुड़ गए. उसके बाद सोवियत और रूसी आर्मी में उनका कद लगातार बढ़ता गया. 

सितंबर 2015 में ड्वोर्निकोव सीरिया में रूसी सेना के पहले कमांडर थे. 2016 में उन्होंने सीरिया में मिलिट्री ऑपरेशन का जिम्मा संभाला. सीरिया में तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरू हो गया था. असद ने रूस से मदद मांगी थी. इस युद्ध में अमेरिका भी शामिल हो गया था. 

सीरिया की जंग में जमकर तबाही मची थी. रूस की सेना ने सीरिया के विद्रोहियों पर ताबड़तोड़ बमबारी की थी. इस जंग में रूसी सेना पर केमिकल हथियारों के इस्तेमाल करने का आरोप भी लगा था. ब्रिटेन की सिरिया ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स (SOHR) के मुताबिक, सितंबर 2017 तक रूसी हमलों में 5,703 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें से एक चौथाई बच्चे थे.

उस समय सीरिया में रूसी सेना की कार्रवाई की दुनियाभर में आलोचना हुई थी. अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने रूस पर 'वॉर क्राइम' का इल्जाम लगाया था. सीरिया में रूसी सेना की कार्रवाई के कारण पश्चिमी देशों में जनरल ड्वोर्निकोव को 'सीरिया का कसाई' भी कहा जाता है.

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क्या है पुतिन का प्लान?

रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा करने का इरादा छोड़ दिया है. कुछ दिन पहले ही रूसी सेना ने कहा था कि अब उनका फोकस डोनबास को डिमिलिटराइज कराने पर है. डोनबास वही इलाका है, जहां 8 साल से रूस समर्थित अलगाववादियों और यूक्रेनी सेना की बीच संघर्ष जारी है. डोनेत्स्क और लुहंस्क भी डोनबास में ही हैं. ये वो दो इलाके हैं जिन्हें जंग शुरू होने से दो दिन पहले पुतिन ने स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी थी. 

एक्सपर्ट का मानना है कीव में रूसी सेना को उम्मीद के मुताबिक कामयाबी हाथ नहीं लगी है, इसलिए उसने अपना पूरा फोकस अब डोनबास में शिफ्ट कर दिया है. डोनबास के क्रामातोर्स्क रेलवे स्टेशन पर रूसी सेना ने हमला किया था. इस हमले में अब तक 57 लोगों के मारे जाने का दावा यूक्रेन ने किया है. इस मिसाइल हमले के पीछे जनरल ड्वोर्निकोव का ही दिमाग माना जा रहा है. 

जनरल ड्वोर्निकोव की नियुक्ति को कुछ एक्सपर्ट जंग को लंबा खींचने के इरादे से जोड़ रहे हैं. हालांकि, एक्सपर्ट ये भी मानते हैं कि पुतिन चाहते हैं कि 9 मई से पहले-पहले यूक्रेन के ज्यादा से ज्यादा इलाके पर रूसी सेना का कब्जा हो जाए. 

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, जनरल ड्वोर्निकोव को ब्लैक सी और क्रीमिया की जिम्मेदारी भी दी गई है. 2014 में रूस ने क्रीमिया को अपने में मिला लिया था. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पुतिन क्रीमिया और रूस के बीच एक लैंड कॉरिडोर बनाना चाहते हैं, ताकि यूक्रेन तक रूसी सेना की पहुंच आसान हो जाए, लेकिन यूक्रेनी सेना की जवाबी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है.

पुतिन की एक ख्वाहिश ये भी है 9 मई तक यूक्रेन के ज्यादा से ज्यादा हिस्सों पर रूसी सेना का नियंत्रण हो जाए. 9 मई 1945 को हिटलर की नाजी सेना ने घुटने टेक दिए थे. इसलिए मॉस्को के रेड स्क्वायर पर हर साल 'विक्ट्री परेड' का आयोजन किया जाता है. पुतिन इस साल 9 मई को यूक्रेन पर जीत का ऐलान भी करना चाहते हैं. इससे पहले यूक्रेनी सेना के जनरल स्टाफ ने भी दावा किया था कि पुतिन किसी भी हाल में इस जंग को 9 मई तक खत्म करना चाहते हैं.

 

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