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Russia-Ukraine War: यूक्रेन की राजधानी पर रूस का सीधा हमला, क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है?

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच जारी तनाव अब युद्ध में बदल गया है. दोनों देशों के बीच छिड़ी जंग ने तीसरे विश्व युद्ध का खतरा भी बढ़ा दिया है. रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने किसी बाहरी को दखल न देने की बात कही है तो वहीं अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस को जवाब देने को कहा है.

रूस और यूक्रेन के बीच आज सुबह जंग शुरू हो गई है. (फाइल फोटो-AP/PTI) रूस और यूक्रेन के बीच आज सुबह जंग शुरू हो गई है. (फाइल फोटो-AP/PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 4:02 PM IST
  • रूस-यूक्रेन की जंग से तीसरे विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा
  • पुतिन की चेतावनी, कोई बाहरी आया तो अंजाम बुरा होगा
  • अमेरिका-ब्रिटेन ने कहा- रूस को जवाब दिया जाएगा

Russia-Ukraine War: दूसरा विश्व युद्ध खत्म हो चुका था, लेकिन अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया था. शीत युद्ध के दौरान अक्टूबर 1962 में ऐसा वक्त भी आया, जब दुनिया परमाणु युद्ध के मुहाने पर पहुंच गई थी. उस समय सोवियत संघ ने चोरी-छिपे क्यूबा के पास परमाणु हमला करने वाली मिसाइलें तैनात कर दी थीं. जिन जगहों पर ये मिसाइलें तैनात की गई थीं, वहां से अमेरिका का फ्लोरिडा तट महज 150 किलोमीटर दूर था. अगर उस समय जरा सी भी ऊंच-नीच होती तो तीसरा विश्व युद्ध शुरू हो जाता.

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उस समय तो तीसरा विश्व युद्ध शुरू होते-होते टल गया, लेकिन दुनिया में एक बार फिर से तीसरे विश्व युद्ध का संकट गहराने लगा है. रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरू हो गई है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी 'बाहरी' बीच में आया तो अंजाम बुरा होगा. उनका इशारा अमेरिका और NATO पर था. 

पुतिन ने पश्चिमी ताकतों को धमकाते हुए कहा, 'जो कोई भी बाहर से दखल देने का विचार करेगा, अगर आप ऐसा करते हैं तो आपने इतिहास में जो भी नतीजे भुगते हैं, उससे कहीं ज्यादा गंभीर अंजाम भुगतना होगा. मुझे उम्मीद है कि आप मुझे सुन रहे होंगे.'

यूक्रेन पर हमले के पुतिन के ऐलान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने ट्वीट किया, 'इस हमले से होने वाली मौतों और तबाही के लिए रूस अकेला जिम्मेदार होगा और अमेरिका और उसके सहयोगी एकसाथ और निर्णायक तरीके से इसका जवाब देंगे.' उन्होंने आगे लिखा कि 'दुनिया रूस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराएगी.'

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Russia alone is responsible for the death and destruction this attack will bring, and the United States and its Allies and partners will respond in a united and decisive way.

The world will hold Russia accountable.

— President Biden (@POTUS) February 24, 2022

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने भी ट्विटर पर कार्रवाई करने की बात कही है. उन्होंने लिखा, 'यूक्रेन में हो रही भयावह घटनाओं से स्तब्ध हूं. मैंने आगे के कदमों पर  के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से बात की है. यूक्रेन के खिलाफ अकारण ही हमले की शुरुआत करके राष्ट्रपति पुतिन ने रक्तपात और विनाश का रास्ता चुना है. यूके और उसके सहयोगी इसका निर्णायक जवाब देंगे.'

I am appalled by the horrific events in Ukraine and I have spoken to President Zelenskyy to discuss next steps.

President Putin has chosen a path of bloodshed and destruction by launching this unprovoked attack on Ukraine.

The UK and our allies will respond decisively.

— Boris Johnson (@BorisJohnson) February 24, 2022

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तो क्या ये तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत है?

इसे समझने के लिए थोड़ा इतिहास में जाना होगा. समझना होगा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद कैसे दुनिया में शीत युद्ध (Cold War) की शुरुआत हो गई थी. 1939 से 1945 तक दूसरा विश्व युद्ध लड़ा गया. इसके खत्म होने के बाद दुनिया दो धड़ों में बंट गई. एक धड़ा अमेरिका का था और दूसरा सोवियत संघ का.

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माना जाता है कि 1945 से 1989 तक शीत युद्ध चला. इस दौरान अमेरिका और सोवियत संघ सीधे तौर से तो एक-दूसरे से नहीं टकराए लेकिन दोनों के बीच तनातनी चलती रही. सोवियत संघ को सीमित करने के लिए अमेरिका ने NATO बनाया तो इसके जवाब में रूस ने वारसा संधि की. 

अमेरिका पश्चिमी देशों को अपने साथ लाने की कोशिश करता रहा और सोवियत संघ पूर्वी यूरोप के देशों से दोस्ती करता रहा. लेकिन दिसंबर 1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद हालात बदल गए. दुनिया में अब अमेरिका ही एकमात्र शक्ति बचा. 

तीसरे विश्व युद्ध की आशंका क्यों, 3 बड़ी वजहें

- दो धड़ों में बंटी दुनिया : दूसरे विश्व युद्ध के बाद ये पहली बार है जब दुनिया दो धड़ों में बंटी है. अमेरिका के नेतृत्व वाले NATO के सारे 30 देश यूक्रेन का साथ देने की बात कर रहे हैं. वहीं, अगर युद्ध लंबा चला तो रूस को चीन और ईरान का साथ मिल सकता है. चीन और ईरान के अमेरिका से टकराव भी रहे हैं.

- हथियारों और सैनिकों की तैनाती : यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का कहना है कि उनकी सीमा के पास 2 लाख से ज्यादा सैनिक तैनात हैं. रूस ने पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुहंस्क में सेना पहले ही भेज दी थी. इन दोनों को रूस ने सोमवार को ही स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दी है. वहीं, NATO ने बताया है कि उसने 100 से ज्यादा लड़ाकू विमान और 120 से ज्यादा जंगी जहाजों को अलर्ट पर रखा है. यूक्रेन के पड़ोसी NATO देशों में भी अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों के सैनिक मौजूद हैं.

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- यूक्रेन की राजधानी कीव तक पहुंचा रूस : रूस का कहना था कि उसका मकसद यूक्रेन के किसी इलाके पर कब्जा करना नहीं, बल्कि यूक्रेन को डिमिलिटराइज करना है. हालांकि, रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमला करना शुरू कर दिया है. NATO ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस यूक्रेन के खिलाफ आक्रामक रवैया अपनाता है उसे उसकी कीमत चुकानी होगी.

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कैसे शुरू हुआ था पहला और दूसरा विश्व युद्ध?

- पहला विश्व युद्ध : 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के उत्तराधिकारी आर्चड्यूक फर्डिनेंड और उनकी पत्नी की हत्या कर दी गई. आर्चड्यूक अपनी पत्नी के साथ बोस्निया के साराएवो के दौरे पर थे. हत्या का आरोप सर्बिया पर लगा. 28 जुलाई 1914 को ऑस्ट्रिया ने सर्बिया के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया. धीरे-धीरे बाकी देश भी इसमें शामिल होते चले गए. 11 नवंबर 1918 को जर्मनी के सरेंडर के बाद युद्ध खत्म हुआ. इस युद्ध के लिए जर्मनी को जिम्मेदार ठहराया गया और 28 जून 1919 को उससे वर्साय की संधि पर हस्ताक्षर करवाए गए. इस संधि के तहत जर्मनी पर न सिर्फ कई प्रतिबंध लगे, बल्कि उसे अपना बड़ा हिस्सा भी गंवाना पड़ा.

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- दूसरा विश्व युद्ध : फरवरी 1933 में जर्मन नेशनल सोशलिस्ट पार्टी (नाजीवाद) के नेता एडोल्फ हिटलर जर्मनी के चांसलर बन गए. उन्होंने वर्साय की संधि पलटने का वादा किया. मार्च 1938 में जर्मनी और ऑस्ट्रिया एक हो गए. 1 सितंबर 1939 को जर्मनी की सेना पोलैंड में घुस गई और इसी के साथ दूसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया. हिटलर की सेना ने यूरोपीय देशों पर कब्जा करना शुरू कर दिया. बाद में हिटलर ने अमेरिका के खिलाफ भी जंग शुरू कर दी. जर्मनी की सेना को सोवियत संघ में हार मिली. बाद में अमेरिका, ब्रिटेन और सोवियत संघ ने मिलकर जर्मनी पर बमबारी कर दी. 30 अप्रैल 1947 को हिटलर ने आत्महत्या कर ली और 8 मई को जर्मनी ने सरेंडर कर दिया. अगस्त में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु हमला हुआ, जिसके बाद 2 सितंबर 1945 को उसने भी सरेंडर कर दिया और दूसरा विश्व युद्ध खत्म हुआ.

 

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