
Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन की जंग में अब केमिकल और बायोलॉजिकल हथियारों के इस्तेमाल का खतरा भी बढ़ गया है. हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने कहा था कि यूक्रेन में लंबी खींचती जंग ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) में गुस्सा और निराशा बढ़ा दी है और अब वो जंग जीतने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. वहीं, अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देश भी इस बात का अंदेशा जता चुके हैं कि यूक्रेन पर रूस केमिकल या बायोलॉजिकल हथियार का इस्तेमाल कर सकता है.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) ने एक इंटरव्यू में चिंता जताई थी कि रूस यूक्रेन में केमिकल हथियार का इस्तेमाल कर सकता है. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने भी कहा था कि यूक्रेन पर रूस केमिकल या बायोलॉजिकल हथियार से हमला कर सकता है. वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने चेतावनी दी थी कि अगर रूस केमिकल अटैक करता है तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा (Andrzej Duda) ने भी कहा था कि रूस यूक्रेन पर केमिकल अटैक कर सकता है जो NATO के लिए गेम चेंजर साबित होगा.
हालांकि, अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की ओर केमिकल या बायोलॉजिकल हथियार के इस्तेमाल के आरोपों को रूस ने खारिज किया है. रूस का कहना है कि इन हथियारों को इस्तेमाल के आरोप जो लगाए जा रहे हैं, वो आधारहीन हैं.
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क्या होते हैं केमिकल या बायोलॉजिकल हथियार?
- केमिकल हथियार : इसमें केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे हथियारों के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को नुकसान पहुंचाने या मारने के लिए किया जाता है. इसमें जो केमिकल इस्तेमाल होता है, उससे इंसान के शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचता है. जैसे शरीर बुरी तरह जल जाता है या फिर पैरालाइज हो जाता है या काम करना बंद कर देता है और कई बार इसमें मौत भी हो जाती है.
- बायोलॉजिकल हथियार : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, बायोलॉजिकल हथियार के जरिए कोई बैक्टिरिया, वायरस या फंगस का इस्तेमाल होता है. ऐसे हथियारों को इस्तेमाल करने का मकसद लोगों को बीमार करना होता है. कई मामलों में इससे मौतें भी होती हैं. बायोलॉजिकल हथियारों के इस्तेमाल से महामारी फैलने का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे न सिर्फ इंसान बल्कि जानवरों और पेड़-पौधों को भी नुकसान होता है.
इन्हें लेकर क्या है अंतरराष्ट्रीय कानून?
- केमिकल हथियार : 1997 में केमिकल वेपन के इस्तेमाल को लेकर एक कानून बना था, जिसमें तय हुआ कि रिहायशी इलाकों में या आम नागरिकों को नुकसान पहुंचाने के लिए मकसद से ऐसे हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. हालांकि, जंग में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है. इस कानून पर रूस ने भी हस्ताक्षर किए थे.
- बायोलॉजिकल हथियार : इसके इस्तेमाल को लेकर 1972 में कानून बना था. इसमें तय हुआ कि कोई भी देश बायोलॉजिकल या टॉक्सिन हथियारों को न तो बनाएगा और न ही इसका इस्तेमाल करेगा. इस कन्वेंशन में रूस समेत 183 देशों ने हस्ताक्षर किए थे.
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रूस पर कब-कब लगे ऐसे हथियारों के इस्तेमाल के आरोप?
- 1999 से 2009 के बीच रूस ने चेचन्या के खिलाफ दूसरा युद्ध लड़ा था. इस दौरान अक्टूबर 2002 में रूस पर चेचन विद्रोहियों के खिलाफ केमिकल हथियार का इस्तेमाल करने का आरोप लगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें 120 लोगों की मौत हो गई थी.
- 2004 में यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव हुए, जिसमें रूस समर्थित विक्टर यानुकोविच (Viktor Yanukovych) की हार हुई. उन्हें पश्चिमी देशों के समर्थक माने जाने वाले विक्टर युशचेन्को (Viktor Yushchenko) ने हराया था. 2004 में युशचेन्को की हत्या हो गई. आरोप लगा कि रूस ने एक केमिकल देकर उनकी हत्या करवाई थी.
- नवंबर 2006 में ब्रिटिश जासूस एलेक्जेंडर लित्विनेनको की लंदन के एक होटल में हत्या हो गई. बताया गया कि उनकी चाय में एक खतरनाक केमिकल पोलोनियम 210 मिलाया गया था. उनकी हत्या का आरोप रूस पर लगा. एलेक्जेंडर पहले रूस की खुफिया एजेंसी KGB में जासूस थे, जो बाद में ब्रिटेन के जासूस बन गए.
- सीरिया में बशर अल-असद की सरकार के खिलाफ बगावत शुरू हुई, जो बाद में गृह युद्ध में तब्दील हो गई. इस गृह युद्ध में अमेरिका और रूस भी कूद गए. अमेरिका असद सरकार के खिलाफ था तो रूस उसके समर्थन में. माना जाता है कि इस युद्ध में रूस ने 85 बार केमिकल हथियारों का इस्तेमाल किया था. अगस्त 2013 में सीरिया के घौटा में भी केमिकल अटैक हुआ था, जिसमें 1700 से ज्यादा लोग मारे गए थे. बताया जाता है कि लोग घरों से निकल आए थे, उनके मुंह और नाक से झाग निकल रहा था और बाद में उनकी मौत हो गई.
- मार्च 2018 में रूसी सेना के पूर्व अफसर सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी यूलिया पर भी नर्व अटैक हुआ था. दोनों कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे, जिसके बाद उनकी जान बच गई थी. सर्गेई स्क्रिपल बाद में ब्रिटेन के जासूस बन गए थे. ब्रिटेन ने रूस पर सर्गेई और उनकी बेटी की हत्या की कोशिश करने का आरोप लगाया था.
- अगस्त 2020 में रूस के विपक्षी नेता अलेक्सेई नवेलनी (Alexei Navalny) जब फ्लाइट से मॉस्को जा रहे थे, तभी रास्ते में उनकी तबियत बिगड़ गई. उनकी तबियत इतनी बिगड़ी कि उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा. बाद में जांच में सामने आया कि नवेलनी को नोविचोक (Novichok) नाम का नर्व एजेंट दिया गया था जो केमिकल हथियार की लिस्ट में आता है. इसका आरोप भी रूस पर ही लगा.