
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों का विरोध किया है. उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध सभी के लिए नुकसानदायक हैं. जिनपिंग ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ एक वीडियो शिखर सम्मेलन के दौरान ये बातें कहीं.
जिनपिंग ने कहा, "हम संकट के नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए एक साथ प्रयास करना चाहते हैं. विश्व अर्थव्यवस्था के संदर्भ में रूस पर लगे प्रतिबंधों का वैश्विक रूप से वित्त, ऊर्जा संसाधनों, परिवहन और आपूर्ति शृंखला की स्थिरता पर प्रभाव पड़ेगा, जबकि दुनिया पहले ही कोविड महामारी के दुष्परिणामों को झेल रही है. ऐसे में ये प्रतिबंध सभी पक्षों के लिए हानिकारक है.
चीन ने फिर दोहराई मध्यस्थता की बात
अमेरिका और उनके साथी देशों द्वारा यूक्रेन के साथ विवाद को बढ़ाने के रूस के आरोपों का चीन ने समर्थन किया है. इतना ही नहीं उसने रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग में हिस्सा भी नहीं लिया था. जिनपिंग ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध पर चिंता और गहरा दुख जाहिर किया है. उन्होंने दोनों पक्षों से शांति वार्ता आगे बढ़ाने का आग्रह किया. साथ ही उन्होंने फिर दोहराया कि चीन इस युद्ध को रोकने के लिए मध्यस्थता की भूमिका निभाने के लिए तैयार है.
रूस के खिलाफ वोटिंग में भारत नहीं आया
पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा और यूक्रेन से रूसी सेना की तत्काल वापसी की मांग वाले प्रस्ताव पर वोटिंग हुई थी. इसमें भारत ने भी हिस्सा नहीं लिया था. भारत ने कहा था कि समस्या का कूटनीतिक हल निकाला जाना चाहिए. हालांकि भारत ने यह जरूर कहा कि हमें सभी की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करना चाहिए.
संयुक्त अरब अमीरात भी है रूस के साथ
खाड़ी क्षेत्र में यमन के हूती विद्रोहियों के हमले के खिलाफ संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और सऊदी अरब आदि देशों का एक संगठन भी है, जिसे अमेरिका का समर्थन हासिल है. इधर, रूस से भी यूएई के संबंध मजबूत हैं. रूस दुनिया का शीर्ष तेल उत्पादक देश है और यूएई भी तेल का बड़ा उत्पादनकर्ता है. दोनों देश आर्थिक रूप से एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. यूक्रेन के मुद्दे पर यूएई ने बिना रूस की आलोचना किए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा था कि मुद्दे को कूटनीतिक तरीके से सुलझाया जाना चाहिए. यूक्रेन युद्ध को रोकने के प्रस्ताव पर वोटिंग में यूएई ने हिस्सा नहीं लिया था.
यूएस अब तेल के आयात पर लगाएगा बैन!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका अब रूस के कच्चे तेल और कोयले के आयात पर प्रतिबंध लगाने जा रहा है. वहीं इसकी जानकारी होते ही रूस के उप प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने चेतावनी भी दे दी है. उन्होंने कहा कि अगर रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगा तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे. कच्चे तेल के दामों में 300 डॉलर प्रति बैरल या उससे ज्यादा की भी बढ़ोतरी हो सकती है.