
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग तेज होती जा रही है. 24 फरवरी को शुरू हुई ये लड़ाई अब आठवें महीने में पहुंचने वाली है. इस बीच रूसी अधिकारियों ने खेरसॉन में रहने वाले नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने के निर्देश जारी किए हैं. दरअसल, रूसी अधिकारियों को आशंका है कि यूक्रेनी सेना शहर पर कब्जे करने की कार्रवाई के दौरान आम लोगों को निशाना बना सकती है. अभी तक खेरसन में रह रहे लोगों को निकालने का काम काफी धीमी गति से चल रहा था. लेकिन अब लोगों को तत्काल प्रभाव से शहर छोड़ने को कहा गया है.
बता दें कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने खेरसॉन में तत्काल अंतरराष्ट्रीय ऑब्जर्वर भेजने की मांग की थी. जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि दक्षिणी यूक्रेन के खेरसॉन क्षेत्र में मौजूद एक डैम में रूसी सैनिकों ने चारों ओर से बम लगा दिया है. Kakhovka Hydroelectric Power Plant नाम का ये डैम अभी रूसी फौज के कब्जे में है. इस डैम का इस्तेमाल यूक्रेन की सरकार बिजली बनाने के लिए करती है. इस डैम को Dnieper River पर बनाया गया है. इसी डैम से नॉर्थ क्रीमिया नहर को पानी पहुंचता है.
इन चार क्षेत्रों पर है रूस का कब्जा
गौरतलब है कि हाल ही में रूस ने दावा किया था कि उसने यूक्रेन के चार क्षेत्र डोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क और जेपोरीजिया में जनमत संग्रह कराया है और यहां के लोग रूस में मिलना चाहते हैं. लेकिन खेरसॉन में रूसी अधिकारियों ने यूक्रेनी हमले की आशंका में नागरिकों से कुछ क्षेत्रों को खाली करने को कहा था. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि खेरसन के लोग अपना घर छोड़कर बाहर नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन अधिकारी उन्हें मार्शल लॉ का हवाला देकर घर को जबरदस्ती छोड़ने का आदेश दे रहे हैं.