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डैम में लगाया इतना बारूद कि उड़ते ही डूब जाएगा खेरासन, यूक्रेन को घुटनों पर लाने का पुतिन का लैंडमाइन प्लान

रूस और यूक्रेन की लड़ाई अब ऐसे मोर्चे पर पहुंच चुकी है जहां रूस यूक्रेन के रणनीतिक महत्व की चीजों को निशाना बना रहा है. राष्ट्रपति जेलेंस्की को डर सता रहा है कि रूसी सैनिक खेरासन में मौजूद एक डैम को ब्लास्ट से तबाह कर सकते हैं.

यूक्रेन के डोनस्टक क्षेत्र में रूसी सेना के रास्ते में लैंड माइन लगाते यूक्रेनी सैनिक (फाइल फोटो-पीटीआई) यूक्रेन के डोनस्टक क्षेत्र में रूसी सेना के रास्ते में लैंड माइन लगाते यूक्रेनी सैनिक (फाइल फोटो-पीटीआई)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 11:03 AM IST

रूस और यूक्रेन के बीच की लड़ाई किसी मुकाम पर पहुंचती नहीं दिख रही है.  24 फरवरी को शुरू हुई ये लड़ाई अब आठवें महीने में पहुंचने वाली है. इस बीच दोनों सेनाओं को बडा नुकसान हुआ है. यूक्रेन और रूस दोनों ने जंग में अरबों डॉलर झोंक दिया है. 

इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूसी सेनाओं के एक खतरनाक प्लान का खुलासा किया है और खेरासन में तत्काल अंतरराष्ट्रीय ऑब्जर्वर भेजने की मांग की है. जेलेंस्की ने आरोप लगाया है कि दक्षिणी यूक्रेन के खेरासन क्षेत्र में मौजूद एक डैम में रूसी सैनिकों ने चारों ओर से बम लगा दिया है.  Kakhovka Hydroelectric Power Plant नाम का ये डैम अभी रूसी फौज के कब्जे में है. 

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इस डैम का इस्तेमाल यूक्रेन की सरकार बिजली बनाने के लिए करती है. इस डैम को Dnieper River पर बनाया गया है.  इसी डैम से नॉर्थ क्रीमिया नहर को पानी पहुंचता है. 

डूब जाएगा खेरासन

यूक्रेन का आरोप है कि रणनीतिक महत्व के इस डैम को तबाह करने की साजिश रूसी सेनाएं रच रही है. राष्ट्रपति जेलेंस्की के अनुसार इस डैम को रूसी सेनाओं ने माइंस और बमों से भर दिया है. जेलेंस्की ने कहा है कि अगर इस डैम में लगे माइंस को विस्फोट किया गया तो अभूतपूर्व तबाही होगी.  इसकी वजह से खेरासन में अचानक बाढ़ आ जाएगा और भारी नुकसान होगा. 80 से ज्यादा आबादी वाले इलाके जलमग्न हो जाएंगे. 

यूक्रेन का काखोवका डैम (फोटो- विकीपीडिया)

बता दें कि इसी डैम से दक्षिणी यूक्रेन के सिविलियन इलाकों में पानी की सप्लाई होती है. डैम में अगर ब्लास्ट किया जाता है तो पूरा पानी बह जाएगा और दक्षिणी यूक्रेन में पानी की सप्लाई नहीं हो सकेगी. 

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इससे पहले राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोपियन यूनियन से कहा कि रूस के नेतृत्व ने यूक्रेन के एनर्जी सिस्टम को जंग के मैदान को तब्दील करने का सिग्नल दे दिया है.  जेलेंस्की ने कहा है कि अगर डैम को ध्वंस कर दिया जाता है तो नॉर्थ क्रीमियन कैनाल का वजूद ही खत्म हो जाएगा क्योंकि धमाके के बाद डैम का सारा पानी बह जाएगा. इससे जो तबाही होगी वो भी बड़े पैमाने पर होगी. 

रूस की एक महिला सैनिक यूक्रेन में निशाना लगाती हुई (फाइल फोटो- पीटीआई)

सबसे बड़ा खतरा तो ये है...

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि अगर डैम में ब्लास्ट किया जाता है तो सबसे बड़ी चुनौती न्यूक्लियर पावर प्लांट की कूलिंग की होगी.  उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में जैपोरिझिया न्यूक्लियर पावर प्लांट में कूलिंग के लिए पानी ही नहीं बचेगा, और ऐसी स्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण होगी. 

यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि रूस अपने इस मंसूबे को अंजाम दे इससे पहले ही अतंरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक यहां आएं और स्थिति का जायजा लें. 

 

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