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पश्चिमी देशों पर भड़के पुतिन, बोले- जैसे भारत को लूटा, रूस को भी चाहते हैं लूटना

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने क्रेमलिन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन को अपने देश में शामिल करने के आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्य युग में पश्चिम ने अपने औपनिवेशिक शासन की शुरुआत की.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
गीता मोहन
  • मॉस्को,
  • 30 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार शाम (भारतीय समय अनुसार) यूक्रेन के कब्जाए गए चारों इलाकों रूस का औपचारिक हिस्सा घोषित कर दिया है. क्रेमलिन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन को अपने देश में शामिल करने के आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए. कार्यक्रम को संबोधित करने हुए पुतिन ने जमकर पश्चिमी देशों पर निशाना साधा. 

इस दौरान उन्होंने यूक्रेन के साथ फिर से बातचीत करने की भी बात कही. हालांकि उन्होंने सख्त लहजे में यह भी कहा कि बातचीत के दौरान कब्जे में लिए गए इलाकों पर चर्चा नहीं होगी. वहीं यूक्रेन ने रूस के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि जब तक पुतिन राष्ट्रपति रहेंगे, तब तक कोई बातचीत नहीं होगी. इस दौरान पुतिन ने भारत का भी जिक्र करते हुए कहा कि पश्चिमी देशों ने जैसे भारत को लूटा, वैसा ही करने के लिए रूस को भी कॉलोनी बनाना चाहते हैं.

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अपने संबोधन के दौरान पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस को कमजोर और विघटित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मध्य युग में पश्चिम ने अपने औपनिवेशिक शासन की शुरुआत की. अमेरिका के लोगों का नरसंहार, भारत और अफ्रीका की लूट, चीन के खिलाफ युद्ध, अफीम युद्ध. पश्चिम ने पूरे देश को ड्रग्स पर निर्भर बनाकर पूरे समूहों का नरसंहार कर दिया. वे जानवरों की तरह लोगों का शिकार करते थे. यही सबके लिए पश्चिमी देश रूस को 'कॉलोनी' बनाना चाहते हैं. हमें गर्व महसूस होता है कि 20वीं सदी में हमारे देश ने उपनिवेशवाद विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया, जिससे कई देशों को स्वतंत्रता मिली.

पश्चिम पर गैस पाइपलाइनों में तोड़फोड़ का आरोप

पुतिन ने पश्चिम देशों पर जर्मनी में रूसी गैस पाइपलाइनों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया. पश्चिम रूस को कमजोर और विघटित करने का एक नया मौका ढूंढ रहा है, वे इस सच्चाई से बाहर नहीं आ पा रहे हैं कि हमारा इतना महान देश है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन के लोग अब रूसी नागरिक हो चुके हैं. अगर इन पर हमला हुआ तो उसे रूस पर हमला माना जाएगा. रूस अपने नागरिकों और अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से जवाबी कार्रवाई करेगा.

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रूस ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर कब्जा किया

बता दें कि रूस ने 23 से 27 सितंबर के बीच डोनेत्स्क, लुहांस्क, जेपोरीजिया और खेरसान में जनमत संग्रह करवाया था. इसके बाद दावा किया है कि चारों इलाकों के ज्यादातर लोगों ने रूस के साथ आने के पक्ष में वोट दिया है. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, दावा है कि डोनेत्स्क में 99.2%, लुहांस्क में 98.4%, जेपोरीजिया में 93.1% और खेरसान में 87% लोगों ने रूस के साथ जाने के पक्ष में वोट डाला है.

यूक्रेन ने नाटो के लिए किया आवेदन

यूक्रेन के 4 इलाकों पर रूस के कब्जे के बाद यूक्रेन ने नाटो के लिए आवेदन किया है. वहीं अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस पर और भी सख्ती की है. उधर, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस को एक 'आतंकवादी देश' और 'खून का प्यासा' बताया. दक्षिणी ज़ापोरिज्जिया में रूसी गोलाबारी के बाद ज़ेलेंस्की ने कहा, "केवल पूर्ण आतंकवादी ही ऐसा कर सकते हैं. खून के प्यासे! हर यूक्रेनी जीवन के लिए तुम निश्चित रूप से जवाब दोगे." इसके साथ ही यूक्रेन ने नाटो देशों की सूची में शामिल होने की अपनी कोशिशों को और भी तेज कर दिया है.

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