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गैस खरीदारों से सिर्फ रूबल में पेमेंट लेगा रूस, 1 अप्रैल से आदेश प्रभावी; पुतिन ने लगाई मुहर

Russia-Ukraine War: रूस से गैस और ऑयल खरीदने के लिए यूरोपीय देश अब तक डॉलर या यूरो में भुगतान करते रहे हैं. बता दें कि यूरोपीय देश अपनी जरूरत की करीब 40 फीसदी गैस का आयात रूस से करते हैं. पुतिन ने उनकी इसी कमजोरी को अपनी अर्थव्यस्था को गिरने से बचाने के लिए इस्तेमाल किया है.

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (फाइल फोटो) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • मॉस्को,
  • 31 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:49 PM IST
  • यूरो और डॉलर में पेमेंट नहीं लेगा रूस
  • रूबल में ही बेचेगा गैर मित्र देशों को गैस

रूस के गैर मित्र देशों को अब 1 अप्रैल से रूसी गैस के लिए रूबल में भुगतान करना होगा. अगर भुगतान रूबल में नहीं किए गए तो उनके अनुबंध रोक दिए जाएंगे. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने गुरुवार इस संबंध में एक सरकारी आदेश पर मुहर लगा दी. पुतिन ने कहा कि रूसी प्राकृतिक गैस खरीदने के लिए यूरोपियन यूनियन के देशों को रूसी बैंकों में खाते खोलने होंगे. इन खातों के जरिए ही शुक्रवार से गैस का भुगतान लिया जाएगा.

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पुलिस ने आगे कहा, अगर रूबल में भुगतान नहीं किए गए, तो हम इसे खरीदारों की ओर से एक डिफ़ॉल्ट मानेंगे और फिर वह उसके नतीजों के लिए तैयार रहें. उन्होंने कहा कि कोई भी हमें मुफ्त में कुछ नहीं बेचता है, और हम भी उनके लिए कोई चैरिटी नहीं चलाने जा रहे हैं, यानी मौजूदा अनुबंधों को रोक दिया जाएगा. 

उधर, पश्चिमी कंपनियों और सरकारों ने मौजूदा अनुबंधों के उल्लंघन के रूप में इस कदम को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि गैस खरीदने का अनुबंध पहले यूरो या डॉलर में तय हुआ था और इस तरह बीच में इसे तोड़ा नहीं जा सकता है. 

पुतिन के नए आदेश के तहत विदेशी खरीदारों को अपनी करेंसी रूसी बैंक में ट्रांसफर करनी होगी, जिसके बदले उन्हें रूबल दे दिए जाएंगे और फिर वह गैस का पेमेंट कर सकेंगे. पुतिन ने कहा कि यह बदलाव रूस की संप्रभुता को मजबूत करने के लिए था, और कि रूस सभी अनुबंधों से जुड़े अपने दायित्वों पर कायम रहेगा. 

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रूबल के बहाने पुतिन का बड़ा दांव 

दरअसल, अमेरिका समेत यूरोपियन यूनियन के देशों ने यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं. इसके चलते  रूस की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ रहा है. इस गिरावट से उबरने के लिए पुतिन ने बड़ा दांव चल दिया है. 

गैस के लिए रूस पर निर्भर है यूरोप 

बता दें कि यूरोप की लगभग एक तिहाई गैस की आपूर्ति करता है, इसलिए पुतिन के पास गैस और ऑयल ही पश्चिम के प्रतिबंधों के जवाब में सबसे बड़े हथियार हैं. हैरानी की बात यह है कि यूरोपीय देश रूस पर गैस के लिए इस कदर निर्भर हैं कि उन्होंने इसका आयात बंद नहीं किया है. अगर रूस से ऊर्जा का आयात बंद यूरोपियन देश बंद कर देते हैं तो उनकी अर्थव्यवस्था धराशायी हो जाएगी और ठंड से जूझ रहे लोगों की भी जिंदगी मुश्किल में पउ़ जाएगी. 

रूसी मुद्रा मजबूत हुई

खास बात यह है कि रूबल में पेमेंट की व्यवस्था को लागू करने के पुतिन के फैसले के बाद रूसी मुद्रा मजबूत हुई है, जिसमें 24 फरवरी के बाद से ऐतिहासिक गिरावट देखी गई थी. एक डॉलर के मुकाबले रूसी रूबल का भाव 85 पर पहुंच गया है जो कि145 के निचले स्तर से काफी हद तक सही है. 

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