
एक 16 साल के रूसी लड़के पर वीडियो गेम (Video Game) में वर्चुअल बिल्डिंग (Virtual Building) को उड़ाने की योजना बनाने का आरोप लगा. इस मामले में लड़के को मिलिट्री कोर्ट द्वारा पांच साल की जेल सुनाई गई है. इस सजा पर विपक्ष ने रूसी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
'डेली मेल' की रिपोर्ट के मुताबिक, 16 वर्षीय लड़के का नाम निकिता उवारोव (Nikita Uvarov) है, जिसे Minecraft Video Game में बनाई गई FSB (Federal Security Service) की एक वर्चुअल बिल्डिंग को उड़ाने की प्लानिंग के आरोप में 5 साल की जेल हुई है.
मामले के एक वकील Pavel Chikov ने बताया है कि 16 वर्षीय निकिता उवारोव को साइबेरिया में एक मिलिट्री कोर्ट द्वारा 'आतंकवादी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण' के आरोप में सजा सुनाई गई. वहीं दो अन्य प्रतिवादियों को आपराधिक आरोपों से मुक्त कर दिया गया है. हालांकि, उन्हें निलंबित सजा दी गई है, क्योंकि उन्होंने केस में जांच टीम का सहयोग किया था.
सजा पर सरकार की आलोचना
गौरतलब है कि निकिता उवारोव को जेल में डालने के बाद रूस की पुतिन सरकार (Vladimir Putin Govt) पर सवाल उठ रहे हैं. आरोप लग रहे हैं कि इस मामले की सुनवाई बंद दरवाजों के पीछे हुई. इसके पहले भी विवादास्पद कानून, जिसके तहत आतंकवाद के आरोप लगाकर किसी को भी सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है, को लेकर सवाल खड़े किए जाते रहे हैं.
बताया गया कि 2020 में निकिता उवारोव और दो अन्य लड़कों को Siberia के शहर Kansk में हिरासत में लिया गया था. दावा किया गया कि पुलिस को उनके फोन से लोकप्रिय ब्लॉक-बिल्डिंग गेम Minecraft में बनाई गई FSB बिल्डिंग को उड़ाने की योजना के बारे में सुराग मिला.
जांचकर्ताओं के अनुसार, तीनों किशोर तात्कालिक विस्फोटक उपकरण बनाना सीख रहे थे और बिल्डिंग में विस्फोट करने का अभ्यास कर रहे थे. लड़कों को शुरू में 'आतंकवादी संगठन में शामिल होने' जैसे बेहद गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ा, लेकिन सबूतों के अभाव में केस खारिज हो गया.
'मैं आतंकवादी नहीं हूं...'
सुनवाई के दौरान उवारोव ने आरोपों से इंकार करते हुए कहा था- 'इस अदालत में मैं आखिरी बार कहना चाहता हूं कि मैं आतंकवादी नहीं हूं. 'मैं सिर्फ अपनी पढ़ाई खत्म करना चाहता हूं, शिक्षा प्राप्त करना चाहता हूं और यहां से कहीं दूर जाना चाहता हूं.' हालांकि, अब उसे Virtual Building को उड़ाने की योजना बनाने के आरोप में 5 साल जेल की सजा सुनाई गई है.
सोशल मीडिया पर विपक्ष के कई नेताओं ने इस सजा की निंदा की है. जेल में बंद क्रेमलिन के आलोचक एलेक्सी नवलनी के सहयोगी हुसोव सोबोल ने भी ट्विटर पर रूसी सरकार की निंदा की है. विपक्ष ने दावा किया कि सरकार अपने आलोचकों को फर्जी मामलों में जेल में डाल देती है.