
अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरुपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश रचने वाले निखिल गुप्ता इन दिनों पुलिस की हिरासत में हैं. इस बीच न्यूयॉर्क स्थित अमेरिकी अदालत ने निखिल गुप्ता के वकीलों द्वारा दायर याचिका पर सरकार को जवाब देने का आदेश दिया है. गुप्ता के वकीलों ने मांग की है कि सरकार पन्नू की हत्या की साजिश रचने से संबंधित मामलों के सबूत उपलब्ध कराए.
4 जनवरी, 2024 को, बचाव पक्ष के वकील ने दस्तावेज की मांग को लेकर अदालत के समक्ष एक एक प्रस्ताव दायर किया, जिसमें अनुरोध किया गया कि अदालत एक आदेश दे जिसमें सरकार को निर्देश दिया जाए कि वह बचाव पक्ष के वकील को संबंधित दस्तावेज प्रदान करे. इसके बाद अमेरिकी जिला न्यायाधीश विक्टर मारेरो ने आदेश जारी करते हुए सरकार को आदेश दिया कि वो तीन दिनों के भीतर इसका जवाब दे.
क्या है मामला
अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि एक अज्ञात भारतीय सरकारी कर्मचारी के निर्देश पर निखिल गुप्ता ने अमेरिका में खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को मारने की साजिश रची थी. निखिल को 30 जून को अमेरिकी सरकार के अनुरोध पर चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि एक भारतीय नागरिक फिलहाल चेक गणराज्य की हिरासत में है. उसके प्रत्यर्पण की याचिका फिलहाल लंबित है. हमें तीन बार कॉन्सुलर एक्सेस मिला था.
कौन है निखिल गुप्ता?
अमेरिकी न्याय विभाग की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता एक भारतीय नागरिक हैं. संयुक्त राज्य अमेरिका और चेक रिपब्लिक के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि के तहत गुप्ता को इसी साल 30 जून को चेक रिपब्लिक के अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया.
एक कथित भारतीय सरकारी कर्मचारी, जिसका नाम दस्तावेज़ में नहीं है, लेकिन उसे CC-1 के नाम से संबोधित किया गया है. कहा गया है कि CC-1 भारत और अन्य जगहों पर निखिल गुप्ता सहित अन्य लोगों के साथ मिलकर अमेरिकी धरती पर एक वकील और राजनीतिक कार्यकर्ता की हत्या की साजिश रचने का काम कर रहा था. दस्तावेज में CC-1 को सुरक्षा और खुफिया विभाग की पृष्ठभूमि वाला बताया गया है.
किलर निकला अमेरिकी एजेंट!
अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, भारत में बैठे CC-1 के कहने पर निखिल गुप्ता ने हत्या के लिए एक 'किलर' की तलाश शुरू की. इसी तलाश में निखिल का संपर्क एक ऐसे शख्स से हुआ जो अपराधियों के साथ उठना-बैठना था. लेकिन यह शख्स कोई किलर नहीं बल्कि अमेरिकी एजेंसियों का एक खुफिया सोर्स था. इस सोर्स ने निखिल गुप्ता को 'हिटमैन' (सुपारी किलर) बताकर एक शख्स से मिलवाया. यानि सोर्स और कथित हिटमैन दोनों डीईए (ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन) के साथ काम कर रहे थे. यानि हिटमैन भी अमेरिकी एजेंसियों का एक अंडरकवर अफसर था.