
विदेश मंत्री एस जयशंकर और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के बीच मंगलवार शाम को सूडान में फंसे भारतीयों को लेकर ट्विटर युद्ध छिड़ गया. सिद्धारमैया ने कर्नाटक के आदिवासी समुदाय के 31 लोगों को गृहयुद्ध में फंसे सूडान से वापस लाने में सरकार की निष्क्रियता का आरोप लगाया जिसके बाद दोनों नेताओं में ट्विटर पर गरमागरम बहस छिड़ गई.
सिद्धारमैया ने अपने एक ट्वीट में लिखा, 'ऐसी खबरें हैं कि कर्नाटक के 31 लोग जो हक्की पिक्की जनजाति के हैं, सूडान में फंसे हैं जहां गृहयुद्ध चल रहा है.'
उन्होंने ट्वीट में सरकार पर आरोप लगाया कि सूडान में इन जनजातियों के पास खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं है और सरकार ने अभी तक उन्हें वापस लाने के लिए कार्रवाई शुरू नहीं की है.
उनके आरोपों पर एस जयशंकर ने तीखा पलटवार करते हुए ट्वीट किया, 'आपके ट्वीट से स्तब्ध हूं. जीवन दांव पर है...राजनीति मत कीजिए.' जयशंकर ने अपने ट्वीट में जानकारी दी कि सूडान में 14 अप्रैल से गृहयुद्ध शुरू होने के बाद से भारतीय दूतावास लगातार वहां फंसे भारतीयों के संपर्क में है.
उन्होंने लिखा कि सुरक्षा कारणों से वहां फंसे भारतीयों की जानकारी को साझा नहीं किया जा सकता. सूडान में भयंकर गोलीबारी चल रही है जिस कारण वहां फंसे भारतीयों का कहीं आना-जाना रुका है.
'फंसे लोगों का राजनीतिकरण गैर जिम्मेदाराना'
जयशंकर ने सिद्धारमैया की आलोचना करते हुए आगे लिखा, 'वहीं फंसे लोगों की स्थिति का राजनीतिकरण करना आपके लिए घोर गैर जिम्मेदाराना है. चुनावी लक्ष्यों के लिए ऐसा करना किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता.'
जयशंकर के इन ट्वीट्स के जवाब में सिद्धारमैया ने तंज के लहजे में ट्वीट किया, 'चूंकि आप विदेश मंत्री हैं, इसलिए आपसे मदद की अपील की. अगर आप स्तब्ध होने में व्यस्त हैं तो कृप्या हमें उस व्यक्ति के बारे में बता दीजिए जो हमारे लोगों को लाने में हमारी मदद कर सके.'
कांग्रेस के कई नेताओं ने नरेंद्र मोदी सरकार से तुरंत राजनयिक चर्चा शुरू करने और हक्की-पिक्की समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों तक पहुंचने की मांग की थी.
भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
सूडान में भारतीय दूतावास ने मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि भारतीय फिलहाल खुद को घर में सुरक्षित रखें और बाहर न निकलें.
राजधानी खार्तूम स्थित भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया, 'हम देख रहे हैं कि यहां लूटपाट की घटनाएं हो रही हैं. सभी भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि कृपया बाहर न निकलें और राशन जमा कर लें. स्थिति कुछ दिनों तक ऐसी ही बनी रह सकती है. कृप्या अपने पड़ोसियों से मदद लेने की कोशिश करें. घर पर रहें, सुरक्षित रहें.'
सोमवार को विदेश मंत्रालय ने एक कंट्रोल रूम भी बनाया जिससे सूडान में फंसे भारतीयों को ताजा हालात की जानकारी नियमित रूप से दी जा सके.
सूडान में छिड़ा है गृहयुद्ध
सूडान में सेना और वहां के अर्धसैनिक बल रैपिड सपोर्ट के बीच पिछले चार दिनों से भयंकर लड़ाई चल रही है. इस लड़ाई में अब तक कम से कम 185 लोग मारे गए हैं और 1,800 से अधिक लोग घायल हुए हैं.
इस संघर्ष के कारण लाखों लोग मुश्किल में फंसे हैं और वो अपने लिए खाने-पीने का भी इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अस्पतालों की स्थिति खराब है और लगातार चल रही गोलियों के कारण डॉक्टर घायलों तक पहुंचकर उनका इलाज नहीं कर पा रहे हैं.