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ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग पर हमले को लेकर आया विदेश मंत्री जयशंकर का सख्त बयान

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के बाहर खालिस्तान समर्थकों के हंगामे को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टिप्पणी की है. उन्होंने कहा है कि मिशन और राजनयिकों की सुरक्षा देशों का कर्तव्य होता है जिसे ब्रिटेन ने नहीं निभाया है. उन्होंने कहा कि कुछ देश अपनी सुरक्षा और दूसरों की सुरक्षा में अंतर करते हैं, यह स्वीकार्य नहीं है.

एस जयशंकर ने कहा है कि ब्रिटेन ने अपने दायित्वों को पूरा नहीं किया है (Photo- Reuters) एस जयशंकर ने कहा है कि ब्रिटेन ने अपने दायित्वों को पूरा नहीं किया है (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 9:13 PM IST

ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग के परिसर में खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीय झंडे के अपमान और उच्चायोग में तोड़फोड़ को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सख्त प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि दूतावास या उच्चायोग के परिसर का सम्मान और राजनयिक को सुरक्षा प्रदान करना देशों का कर्तव्य होता है और ब्रिटेन ने अपने कर्तव्य को नहीं निभाया है. 

बेंगलुरु में BJYM युवा संवाद कार्यक्रम में बोलते हुए जयशंकर ने कहा, 'ब्रिटेन ने अपने दायित्वों को पूरा नहीं किया है. दूतावास या उच्चायोग के परिसर का सम्मान सुनिश्चित और राजनयिकों को अपना काम करने के लिए सुरक्षा प्रदान करना देशों का दायित्व है. इन दायित्वों को पूरा नहीं किया गया. इस पर ब्रिटिश सरकार के साथ हमारी बातचीत हुई है.'

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उन्होंने आगे कहा, 'कई देशों की अपनी सुरक्षा के बारे में अलग राय है और दूसरे लोगों की सुरक्षा के बारे में अलग राय है. हम इस अंतर वाली स्थिति को स्वीकार नहीं करेंगे.'

अमृतपाल सिंह मामले को लेकर लंदन में हंगामा

पंजाब के खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह पर पुलिस का कार्रवाई के विरोध में लंदन में खालिस्तान समर्थकों ने बीते दिनों काफी हंगामा किया है. 19 मार्च को खालिस्तान समर्थकों ने उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन के दौरान भारतीय झंडे को मिशन से उतारकर वहां खालिस्तान
का झंडा लगा दिया.

हालांकि, बाद में भारतीय अधिकारियों ने वहां पहले से भी ज्यादा बड़ा तिरंगा लहरा दिया. प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग में तोड़फोड़ की और भारत विरोधी नारे लगाए. 

भारत ने जताई है सख्त आपत्ति

भारत ने उच्चायोग पर हमले और वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था न होने पर सख्त आपत्ति जताई. विदेश मंत्रालय ने ब्रिटिश उच्चायोग के सबसे वरिष्ठ राजनयिक को तलब कर अपना विरोध जताया और उच्चायोग में सुरक्षा न होने पर सवाल किया. भारत ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजनयिक परिसरों और स्टाफ के प्रति ब्रिटिश सरकार की उदासीनता स्वीकार नहीं की जाएगी.

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ब्रिटेन ने भारत की सख्त प्रतिक्रिया के बाद उच्चायोग परिसर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. बावजूद इसके, बुधवार को एक बार फिर खालिस्तान समर्थकों ने उच्चायोग के सामने बवाल किया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर स्याही फेंकी और बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की.

भारत ने इसकी प्रतिक्रिया में नई दिल्ली स्थित ब्रिटिश उच्चायोग और दूतावास के आवास के बाहर सुरक्षा व्यवस्था में कमी कर दी थी. इसके बाद ब्रिटेन के विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने एक बयान में कहा था कि ब्रिटेन भारतीय उच्चायोग में सुरक्षा की समीक्षा कर रहा है. उन्होंने कहा था कि भारतीय उच्चायोग को निशाना बनाकर की गई हिंसा अस्वीकार्य है और उनकी सरकार भारतीय मिशन में सुरक्षा की समीक्षा के लिए स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही है.

हाउस ऑफ कॉमन्स में उठा मामला

भारतीय उच्चायोग में तोड़फोड़ का मामला गुरुवार को लंदन के हाउस ऑफ कॉमन्स में भी उठा. सांसदों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई और भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा की मांग की. कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन ने हिंसा के लिए जिम्मेदार समूहों पर प्रतिबंध लगाने के लिए संसद में डिबेट की मांग की. 

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