
कोरोना संकट काल में आज गुरुवार को दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) देशों के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने भाषण में कश्मीर का जिक्र नहीं किया. इससे पहले बैठक के दौरान पाकिस्तान की ओर से बैठक में एक और बदलाव दिखा, जब उसकी ओर से बैकग्राउंड में कोई नक्शा नहीं लगाया गया. पाकिस्तान के इस बदले सुर को लेकर अब कयास लगाए जाने लगे हैं.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र चार्टर और प्रस्तावों को लागू करने की बात कही. विवादित क्षेत्रों की स्थिति में एकतरफा बदलाव की भी निंदा समेत कई मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन उन्होंने अपने भाषण में एक बार भी कश्मीर शब्द का उल्लेख नहीं किया.
बदलाव के पीछे क्या है रणनीति
इससे पहले विदेश मंत्रियों के इस बैठक में एक और बदलाव देखने को मिला, पाकिस्तान ने इस बार बैकग्राउंड में किसी तरह का नक्शा नहीं लगाया. पिछले दिनों एससीओ में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक में भारत ने पाकिस्तान की ओर से इसी विवादित नक्शा लगाने को लेकर कड़ा विरोध जताते हुए मीटिंग ही छोड़ दी थी.
सार्क विदेश मंत्रियों बैठक में इन बदलावों के पीछे माना जा रहा है कि पाकिस्तान जल्द से जल्द सार्क के 19वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी करना चाहता है.
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी इस बैठक में शामिल हुए तो पाकिस्तान की ओर से विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी शामिल हुए. पाकिस्तान ने इस दौरान बैकग्राउंड में कोई नक्शा नहीं लगाया था. बैठक में भारत ने पाकिस्तान की ओर से किए जा रहे क्रॉस बॉर्डर आतंकवाद के मसले को उठाया.
4 साल बाद हुई बैठक
इससे पहले पिछले दिनों नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने इस बात की पुष्टि की थी कि भारत और पाकिस्तान, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) में विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक में एक साथ हिस्सा लेंगे.
SAARC के विदेश मंत्रियों की आज की बैठक में सदस्य देशों के बीच एक सकारात्मक समझ विकसित करने और साल 2016 से बंद हुई बातचीत को एक बार फिर से बहाल करने की कोशिश होगी. साल 2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी क्षेत्र में हुए आतंकवादी हमले के बाद इस्लामाबाद (पाकिस्तान) में प्रस्तावित SAARC के 19वें सम्मेलन को रद्द कर दिया गया था. तब से SAARC के किसी सम्मेलन का आयोजन नहीं किया गया.
SAARC की स्थापना 8 दिसंबर, 1985 को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुई थी. SAARC की स्थापना के समय इस संगठन में क्षेत्र के 7 देश (भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, मालदीव और श्रीलंका) शामिल हुए थे लेकिन साल 2007 में अफगानिस्तान को भी इस संगठन में शामिल कर लिया गया.