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'लगा बस मरने वाला हूं, इस आंख में रोशनी नहीं...', जज के सामने सलमान रुश्दी ने याद किया चाकूबाज का एक-एक पैंतरा

कोर्ट रुम में सलमान रुश्दी ने आखों पर लगा चश्मा हटाया. दाहिनी आंख की ओर इशारा किया और कहा- आप देख सकते हैं कि यहां क्या बचा है, इस आंख में कोई रोशनी नहीं बची है. अटैकर के 15 चाकू झेलने वाले रुश्दी ने गवाही देते हुए कहा एक समय मुझे ऐसा लगा कि बस अब मरने वाला हूं.

अमेरिकी कोर्ट में सलमान रुश्दी की गवाही. अमेरिकी कोर्ट में सलमान रुश्दी की गवाही.
aajtak.in
  • न्यूयॉर्क,
  • 12 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:36 AM IST

न्यूयॉर्क की एक अदालत. जज के सामने खड़े हैं मशहूर लेखक सलमान रुश्दी. कोर्ट के ही एक कोने में खड़ा है 26 साल का हादी मतार. ये वो शख्स है जिस पर सलमान रुश्दी पर 15 बार छूरा घोंपने का आरोप है. इस हमले ने उनकी आंख की रोशनी छीन ली. 

अदालत में रुश्दी ने जज के सामने अपनी आंखों पर लगा काला चश्मा हटाया और जज की ओर मुखातिब होकर बोले- "आप देख सकते हैं कि यहां क्या बचा है, इस आंख में कोई रोशनी नहीं बची है."

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12 अगस्त 2022 को न्यूयॉर्क देहात में एक टॉक शो के दौरान हुए अटैक के बाद सलमान रुश्दी पहली बार अपने हमलावर के साथ आमने-सामने थे. 

अपनी प्रसिद्ध और विवादास्पद पुस्तक 'द सैटेनिक वर्सेज' के लिए दशकों तक चर्चा में रहे लेखक सलमान रुश्दी ने जज के सामने उस दिन की पूरी कहानी पेश की. 

डार्क सूट, सफेद कमीज और ग्रे टाई पहने हुए कोर्ट में मौजूद सलमान रुश्दी ने कहा, "मुझे लगा था कि यह व्यक्ति मेरे दाहिनी ओर से मेरी ओर तेजी से आ रहा है. उसने मुझे बहुत ज़ोर से मारा. शुरू में मुझे लगा कि उसने मुझे मुक्का मारा है. मुझे लगा कि वह मुझे अपनी मुट्ठी से मार रहा है. लेकिन कुछ ही देर बाद मैंने देखा कि मेरे कपड़ों पर बहुत ज़्यादा खून बह रहा था और उस समय तक वह मुझे बार-बार मार रहा था. चाकू से वार कर रहा था, काट की कोशिश कर रहा था."

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रुश्दी की ये गवाही न्यूयॉर्क मेविले के कोर्ट में चली. जो चॉटोक्वा इंस्टीट्यूशन से कुछ किलोमीटर दूर उत्तर में है, जहां 12 अगस्त, 2022 को उन पर हमला हुआ था. 

रुश्दी ने उपन्यास "द सैटेनिक वर्सेज" को 1988 में लिया था. इस पुस्तक के लिए उन्हें मौत की धमकियां मिली. इसके बाद उन्होंने 1990 के दशक का अधिकांश समय यूनाईटेड किंगडम में छिपकर बिताया. 

सरकारी वकील के अनुसार सलमान रुश्दी को लगभग 15 बार चाकू मारा गया. हादी मतार ने सलमान रुश्दी के सिर, गर्दन, धड़ और बाएं हाथ पर, दाहिनी आंख और पेट पर चाकुओं से वार किया. इस चोट की वजह से उनके दाहिने आंखों की रोशनी चली गई. जिगर और आंतों को नुकसान पहुंचा. 

घटना के बाद जब उन्हें एयरलिफ्ट कर पेन्सिलवेनिया के एक अस्पताल में ले जाया गया तो उनका इलाज करने वाले ट्रॉमा डॉक्टरों ने कहा कि उनका इतना खून बह गया था कि वे मरने के करीब पहुंच गए थे. 

रुश्दी ने बताया कि हमलावर ने बहुत गहरे रंग के कपड़े पहने हुए थे और उसने कोविड फेस मास्क पहना हुआ था.

सलमान रुश्दी ने गवाही देते हुए कहा, "उसकी आंखें क्रूरता से भरी हुई थी, मुझे चक्कर सा आ रहा था."

मतार के वकील ने इस चरित्र चित्रण पर आपत्ति जताई और जज डेविड फोले ने रिकॉर्ड से ही जवाब हटा दिया.

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"ठीक है, क्रूर नहीं," रुश्दी ने कहा. 

चौटाउक्वा डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी जेसन श्मिट ने अपने सवाल को फिर से लिखा और सलमान रुश्दी से पूछा कि वह अपने हमलावर की क्रूरता के बारे में कैसे निष्कर्ष पर पहुंचे.

"उसने मुझे कई बार मारा, लगभग आधा दर्जन बार," रुश्दी ने जवाब दिया.

"एक समय तो मुझे लगा कि बस अब मैं मर रहा हूं. यह मेरे दिमाग में तुरंत आया. 

सलमान रुश्दी पर हमला करने वाला हादी मतार एक लेबनानी-अमेरिकी नागरिक है. मतार इजरायली सीमा के पास हिजबुल्लाह-प्रभुत्व वाले दक्षिणी लेबनान के यारून से आए अप्रवासियों के घर अमेरिका में पैदा हुआ था. 

मुकदमे के पहले दिन, मतार ने कोर्ट रूम में ले जाते समय "फिलिस्तीन को आज़ाद करो" के नारे लगाए. मंगलवार को उसने कहा, "नदी से लेकर समुद्र तक, फिलिस्तीन आज़ाद होगा."

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