
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर बंदरगाह पर एक तेल रिफाइनरी स्थापित करने को लेकर समझौता हुआ है. सऊदी अरब इस डील के तहत रिफाइनरी के लिए 10 अरब डॉलर का निवेश करने जा रहा है. हालांकि, ग्वादर में बनाई जाने वाली इस रिफाइनरी को लेकर चिंताएं अभी से शुरू हो गई हैं क्योंकि बलूचिस्तान के स्थानीय लोगों में पहले से ही विदेशी निवेशकों के प्रति भारी गुस्सा है.
स्थानीय लोग मानते हैं कि विदेशी निवेशक पाकिस्तान की सरकार के साथ मिलकर बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रहे हैं और बदले में उन्हें कुछ नहीं मिलता है.
बलूचिस्तान के चरमपंथी समूह भी अक्सर विदेशी निवेशकों को अपना निशाना बनाते रहे हैं. चरमपंथियों ने बलूचिस्तान में कई चीनी प्रोजेक्ट्स को नुकसान पहुंचाया है और विदेशी नागरिकों की हत्या भी की है. चरमपंथी चीन के कब्जे वाले ग्वादर बंदरगाह पर काम करने वाले चीनी नागरिकों को अपना निशाना बनाते रहे हैं.
मई 2019 में ग्वादर के फाइव स्टार होटल पर चरमपंथी हमला हुआ था जिसमें चीनी लोग ठहरे हुए थे. इसके बाद साल 2018 में बलूचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में तीन चीनी इंजीनियर घायल हुए थे.
विदेशी निवेशकों से नाराज बलूचिस्तान के लोग
महंगाई, गरीबी, विदेशी मुद्रा भंडार की कमी से जूझते पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत बेहद खराब स्थिति में है. यहां के अधिकतर लोग भोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी आधारभूत जरूरतों को भी पूरा नहीं कर पा रहे. बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा लेकिन सबसे कम जनसंख्या वाला प्रांत है. वहां प्राकृतिक संसाधनों की भरमार है फिर भी यह पाकिस्तान का सबसे गरीब प्रांत है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि विदेशी निवेशकों की मदद से प्रांत में संसाधनों का दोहन हो रहा है और उनका हक मारा जा रहा है.
स्थानीय लोग विदेशी प्रोजेक्ट्स के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं. माना जा रहा है कि सऊदी के इस प्रोजेक्ट को भी स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ेगा. डर यह भी है कि तेल रिफाइनरी को बलोच चरमपंथी अपना निशाना बना सकते हैं.
शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान के लोगों से की थी ये अपील
सऊदी और पाकिस्तान के बीच गुरुवार को रिफाइनरी स्थापित करने को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ था. ठीक उसी दिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान के लोगों से अपील की थी कि वो विदेशी निवेशकों का ख्याल रखें जो उनकी बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं.
बलूचिस्तान में बोलते हुए शहबाज शरीफ ने कहा था कि अगर पाकिस्तान के लोग उनके खिलाफ कोई काम करेंगे तो वो पाकिस्तान के बारे में नकारात्मक सोच रखेंगे.
शहबाज शरीफ ने कहा था, 'बलूचिस्तान विशाल खनिजों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है, जिनकी खोज की जानी चाहिए. क्षेत्र के विकास का लाभ यहां के स्थानीय लोगों को दिया जाना चाहिए. यहां के संसाधनों पर पहला अधिकार बलूचिस्तान और यहां के स्थानीय लोगों का है. साथ ही यहां के लोगों को उन दोस्तों का ख्याल रखना चाहिए जो ग्वादर के लोगों की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं.'
इस दौरान शहबाज शरीफ ने अपने नागरिकों से सवाल किया था, 'अगर हम उनके (चीनी नागरिकों) के खिलाफ काम करेंगे तो वे हमारे बारे में क्या सोचेंगे?'
इसके साथ ही शहबाज शरीफ ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वो विदेशियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें.
पाकिस्तान की सबसे बड़ी रिफाइनरी होगी ग्वादर रिफाइनरी
ग्वादर की तेल रिफाइनरी पाकिस्तान की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी होगी. पाकिस्तान की चार सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों ने दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको के साथ मिलकर समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इसके मुताबिक, प्रतिदिन तीन लाख बैरल तेल रिफाइनिंग क्षमता वाली रिफाइनरी स्थापित की जाएगी. पाकिस्तान रिफाइनरी की स्थापना के लिए शुरुआती खर्च का 40-45 फीसद पैसा देगा और बाकी का पैसा सऊदी देगा.
पाकिस्तान में पिछले 10 सालों में स्थापित होने वाली यह पहली रिफाइनरी होगी. पिछले 40 सालों में पाकिस्तान में महज दो तेल रिफाइनरियां स्थापित हुई हैं.