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सऊदी अरबः काबा में मेंटेनेंस का काम शुरू, देखें वीडियो

मक्का सऊदी अरब का वो शहर है, जो दुनिया के मुसलमानों की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. मक्का स्थित मस्जिद के फर्श का दायरा 1 लाख 60 हजार यार्ड है, जहां एक साथ 12 लाख लोग नमाज पढ़ सकते हैं. यह मस्जिद काबा के चारों तरफ बनी है.

काबा मस्जिद में मेंटेनेंस का काम शुरू (फोटो-@theholymosques) काबा मस्जिद में मेंटेनेंस का काम शुरू (फोटो-@theholymosques)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

सऊदी सरकार के आदेश के बाद मक्का के पवित्र काबा का मेंटेनेंस का काम शुरू हो गया है. मेंटेनेंस का काम 9 दिसंबर यानी शनिवार से शुरू किया गया है. काबा की मरम्मत करने में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और मैटेरियल का उपयोग किया जा रहा है. 

मेंटेनेंस का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि काबा के चारों ओर एक बैरियर लगाया गया है और मेंटेनेंस में लगे मजदूर उमराह कर रहे लोगों के बीच मस्जिद परिसर की सफाई कर रहे हैं. हज और उमराह करने के लिए प्रति वर्ष लाखों मुसलमान सऊदी अरब जाते हैं.

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मरम्मत में लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल

सऊदी प्रेस एजेंसी एपीए के मुताबिक, काबा का मेंटेनेंस सऊदी वित्त मंत्रालय के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की देखरेख और संबंधित सरकारी एजेंसियों के समन्वय से किया जाता है. मेंटेनेंस के दौरान लेटेस्ट टेक्नोलॉजी और अंतरराष्ट्रीय मानकों का ध्यान रखते हुए वर्कफ्लो को प्राथमिकता दी जाती है. मेंटेनेंस में वर्षा जल निकासी के लिए बनी ड्रेनेज सिस्टम की मरम्मत, छत को संगमरमर से ढंकना, वाटर वाल्वो को सही करना और दरवाजों की मरम्मत करना शामिल है. 

सऊदी किंग सलमान की ओर से काबा की मरम्मत कराने का फैसला इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि किंग सलमान काबा समेत सऊदी की दो पवित्र मस्जिद के संरक्षक हैं. किंग सलमान ने काबा की मरम्मत कराने का फैसला काबा को संरक्षित रखने के प्रयासों के तहत लिया है जिससे यह पवित्र मस्जिद अपनी सर्वोत्तम स्थिति में बनी रहे.

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सऊदी की जीडीपी में हज और उमराह का अहम योगदान

मक्का में होने वाली हज और उमराह का सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में अहम योगदान है. साल-दर साल हज के लिए जाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है. 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हज और उमराह से सऊदी की जीडीपी को 12 अरब डॉलर से ज्यादा की कमाई होती है, जो सऊदी की कुल जीडीपी का करीब 7 फीसदी है. तेल के बाद हज और उमराह से सऊदी अरब को सबसे ज्यादा कमाई होती है.

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