Advertisement

रूस से होड़ में सऊदी अरब ने उठाया ये कदम, भारत को होगा बड़ा फायदा

पिछले चार महीनों में यह पहली बार है जब सऊदी अरब ने एशियाई खरीदारों के लिए क्रूड ऑयल की कीमत में कटौती की है. चूंकि, भारत भी एशिया रीजन में आता है और सऊदी अरब से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीदता है. ऐसे में सऊदी अरब के इस फैसले से भारत को भी फायदा होगा.

सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (फोटो-रॉयटर्स) सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (फोटो-रॉयटर्स)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के उद्देश्य से अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए हुए हैं. ऐसे में अपनी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए रूस कई देशों को रियायती कीमतों पर तेल बेच रहा है. ऑयल मार्केट में रूस की एंट्री से सऊदी अरब को काफी नुकसान हुआ है. पिछले एक साल के भीतर ही रूस ने तेल निर्यात में सऊदी अरब की बादशाहत को कड़ी चुनौती दी है. 

Advertisement

दरअसल, रूस जिन देशों को रियायती कीमतों पर कच्चा तेल निर्यात करता है, उनमें ज्यादातर एशियाई देश हैं. मतलब यह है कि रियायती कीमतों की मदद से रूस ने मुख्यतः एशियाई देशों को अपनी ओर आकर्षित किया है.

रूस ने एशियाई देशों में किस तरह से सऊदी अरब की बादशाहत को टक्कर दी है, इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जो रूस यूक्रेन युद्ध से पहले भारत को एक प्रतिशत से भी कम तेल निर्यात करता था. आज सऊदी अरब, इराक और यूएई जैसे देशों को पछाड़ते हुए भारत के लिए नंबर 1 तेल निर्यातक देश बन चुका है. हाल ही में रूस ने एक और एशियाई देश पाकिस्तान को भी रियायती कीमतों पर तेल निर्यात करने का फैसला किया है.  

सऊदी अरब का बड़ा फैसला

एशियाई रीजन में रूस के बढ़ते फुटप्रिंट से निपटने के लिए सऊदी अरब ने बड़ा कदम उठाया है. रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के शीर्ष तेल निर्यातक देश सऊदी अरब चार महीनों में पहली बार एशियाई खरीदारों के लिए कच्चे तेल की कीमत में कटौती की है. सऊदी तेल कंपनी सऊदी अरामको की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, जून में लोड होने वाली अरब लाइट ग्रेड के तेल की कीमत मई की तुलना में 25 सेंट प्रति बैरल कम कर दी गई है. 

Advertisement

हालांकि, यह कटौती भी बाजार की अनुमानित कटौती 40 सेंट से कम है. ऐसा माना जा रहा था कि पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगियों (OPEC+) की ओर से अचानक तेल उत्पादन में कटौती की घोषणा के बाद सऊदी अरब कच्चे तेल की कीमत में लगभग 40 सेंट की कटौती करेगा. क्योंकि तेल उत्पादन में कटौती के बाद लगातार बढ़ती कीमत और रिफाइन तेल की बढ़ती आपूर्ति के कारण एशियाई रिफाइनरियां सुस्त हैं. ऐसे में तेल की कीमत में कटौती से कुछ रिफाइन कंपनियां तेल खरीद में कटौती या सप्लाई धीमा कर सकती हैं.

सिंगापुर के एक व्यापारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए कहा, "एशियाई रिफाइन कंपनियों के लिए मई महीना काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ रिफाइन कंपनियां पहले से ही अपनी बैलेंस शीट में ब्रेक-ईवन तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रही हैं. अगर ऐसे में स्थिति में जल्द सुधार नहीं होता है, तो वे सिर्फ रन रेट को एडजस्ट करेंगे."

फीडस्टॉक की मांग को कम करने और तेल की कीमतों पर दबाव डालने के लिए कई एशियाई रिफाइन कंपनियों ने दूसरी और तीसरी तिमाही में मेन्टेनेंस शटडाउन करने का फैसला किया है.

मार्केट सऊदी की ओर से जून में होने वाली तेल सप्लाई की आपूर्ति पर बारीकी से निगरानी करेगा और ओपेक प्लस के परफॉर्मेंस का आकलन करेगा. 

Advertisement

अन्य ग्रेडों के तेल की कीमत में भी कटौती

अरब लाइट ग्रेड के अलावा एशियाई देशों को निर्यात होने वाली अन्य ग्रेडों के तेल की कीमत में भी सऊदी अरब ने कटौती की है. पिछले महीने की तुलना में अरब मीडियम की कीमतों में 80 सेंट और अरब हैवी ग्रेड में 90 सेंट की कटौती की है. एक अन्य व्यापारी ने कहा कि हैवी ग्रेड की कीमतों में बड़ी कटौती अनएक्सपेक्टेड है. लेकिन कीमत में कटौती के बाद आधिकारिक बिक्री मूल्य बाजार की प्रतिस्पर्धाओं के करीब है. 

वहीं, अन्य रीजन की बात करें तो उत्तर-पश्चिम यूरोप के लिए सऊदी अरब ने जून महीने के लिए अरब लाइट ग्रेड के तेल की अधिकारिक बिक्री मूल्य 2.10 डॉलर प्रति बैरल तय किया है, जो ICE ब्रेंट ग्रेड के तेल की कीमत से 1.10 डॉलर प्रति बैरल ज्यादा है. जबकि अमेरिका के लिए अरब लाइट ग्रेट के तेल की कीमत 6.25 डॉलर प्रति बैरल है. मई की तुलना में यह 50 सेंट की कटौती है.

सऊदी अरब का कच्चा तेल सबसे महंगा

अप्रैल 2023 में भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से जारी डेटा के अनुसार, फरवरी महीने में भारत ने इराक से औसतन 76.19 डॉलर प्रति बैरल तेल खरीदा. वहीं, रूस ने फरवरी महीने में भारत को 76.92 डॉलर प्रति बैरल तेल निर्यात किया. जबकि भारत ने सबसे ज्यादा महंगा तेल सऊदी अरब से खरीदा. फरवरी महीने में भारत ने सऊदी अरब से औसतन 87.66 डॉलर प्रति बैरल तेल खरीदा.  

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement