
सऊदी अरब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में मध्य-पूर्व की बड़ी ताकत बनकर उभर रहा है लेकिन मानवाधिकारों के मामले में किंगडम को आलोचनाएं झेलनी पड़ रही है. मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में दर्जन भर से अधिक देशों ने सऊदी अरब में महिलाओं की स्वतंत्रता, सत्ता के पक्ष में न बोलने पर मुकदमे, धड़ल्ले से नागरिकों को मौत की सजा देना और यमन से लगी अपनी सीमा पर कथित तौर पर प्रवासियों की हत्या करना जैसे मुद्दों के लेकर इस्लामिक देश की कड़ी आलोचना की.
नवंबर 2018 के बाद से संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पहली बार सऊदी अरब के मानवाधिकार रिकॉर्ड की औपचारिक समीक्षा की गई. इस दौरान सऊदी के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पिछली समीक्षा के बाद से उनके देश ने महिलाओं के लिए 50 से अधिक सुधार किए हैं.
प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद को बताया कि सऊदी अरब ने सजा के तौर पर कोड़े मारने की सजा को खत्म कर दिया है, अब वहां नाबालिगों को फांसी नहीं दी जा सकती, जज स्वतंत्र हैं और प्रवासी श्रमिकों को अब कानून ने बेहतर सुरक्षा दी है.
समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की अध्यक्ष हला अल तुवैजरी ने कहा, 'इसमें प्रगति लगातार हो रही है.'
जर्मनी की प्रतिनिधि क्रिस्टीना हक ने कहा कि जर्मनी महिला अधिकारों में सुधार की व्यापक कोशिशों के लिए सऊदी अरब की सराहना करता है लेकिन सऊदी में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की स्वतंत्रता के अधिकार पर 'गंभीर प्रतिबंध' हैं.
'आतंकवाद की अपनी परिभाषा बदले सऊदी अरब'
सऊदी मानवाधिकारों की समीक्षा बैठक के दौरान सदस्य देशों ने बार-बार सऊदी से आग्रह किया कि वो आतंकवाद की अपनी परिभाषा को बदले. सऊदी के वर्तमान आतंकवाद की परिभाषा ऐसी है कि किंगडम की आलोचना करने पर भी लोगों को मुकदमे का सामना करना पड़ता है.
अमेरिका ने इस दौरान यमन से लगी सऊदी की सीमा पर प्रवासियों की हत्या का मुद्दा उठाया. इस तरह की हत्याओं को पहली बार मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने पिछले साल उजागर किया था.
मानवाधिकार परिषद में अमेरिकी राजदूत मिशेल टेलर ने कहा कि सऊदी अरब उन सभी आरोपों की व्यापक और पारदर्शी जांच करे जो उसके सुरक्षाबलों पर लग रहे हैं. आरोप हैं कि सऊदी अरब के सुरक्षा बल सऊदी से लगी यमन सीमा पार करने वाले प्रवासियों की हत्या, उनके साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं. अमेरिका ने कहा कि सऊदी इसे रोके और इन आरोपों की जांच कर एक सार्वजनिक रिपोर्ट जारी करे.
इस दौरान कई देशों ने घरेलू कामगारों के लिए सुरक्षा की कमी, लिंग आधारित हिंसा और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, मीडिया कर्मियों के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई पर चिंता जताई.
जहां एक तरफ दर्जन भर से अधिक देश सऊदी की आलोचना कर रहे थे वहीं, सऊदी के समर्थक देश मोरक्को, बहरीन और कतर आदि उसके मानवाधिकार में सुधार की सराहना भी कर रहे थे.