
पांच साल पहले सऊदी अरब से भागकर ऑस्ट्रेलिया पहुंचीं दो बहनों की रहस्यमयी मौत का मामला अभी भी नहीं सुलझा है. इन दोनों बहनों के शव पुलिस ने सात जून को सिडनी के उनके अपार्टमेंट से बरामद किए थे.
पुलिस का कहना है कि दोनों बहनों आसरा अब्दुल्ला असलेही (24) और अमाल अब्दुल्ला असलेही (23) की मौत शव मिलने के लगभग एक महीने पहले हुई थी. शव बरामद होने के लगभग दो महीने बाद भी पुलिस को मौत की वजह पता नहीं चल पाई है.
पुलिस को इन दोनों बहनों के अपार्टमेंट में जबरन घुसने के कोई सुराग नहीं मिले हैं. शवों के शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान भी नहीं हैं. पुलिस ने मौत को संदेहास्पद बताया है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, डिटेक्टिव इंस्पेक्टर क्लॉडिया अलक्रॉफ्ट ने आम जनता से अपील करते हुए कहा था, हमारे पास इन लड़कियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है. हमें उम्मीद है कि हमारी जांच में मदद करने के लिए लोग आगे आएंगे.
वे कौन थीं?
इन दोनों बहनों के बारे में सार्वजनिक तौर पर अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है. दोनों बहनें 2017 में सऊदी अरब से भागकर ऑस्ट्रेलिया आई थीं. दोनों ने यहां स्थाई शरण के लिए प्रशासन से गुहार भी लगाई थी.
दोनों बहनें ट्रैफिक कंट्रोलर (Traffic Controller) के तौर पर काम करती थीं. वे साथ में वोकेशनल एजुकेशन स्कूल में पढ़ भी रही थीं. पड़ोसियों का कहना हैं कि ये बहनें ज्यादा किसी से घुलती-मिलती नहीं थीं.
दोनों बहनें जिस बिल्डिंग में रहती थीं. वहां के मैनेजर ने स्थानीय मीडिया को बताया कि मौत से कुछ महीने पहले दोनों बहनों ने उनसे सिक्योरिटी फुटेज चेक करने को कहा था.
बिल्डिंग मैनेजर माइकल बेयर्ड का कहना है कि दोनों को चिंता थी कि उनके ऑर्डर किए गए खाने से छेड़छाड़ की जाती है. लेकिन सीसीटीवी फुटेज की जांच में कुछ भी पता नहीं चला.
उन्होंने कहा कि इन दोनों बहनों को कोई चिंता थी, जो इन्हें सता रही थी.
पुलिस का कहना है कि मृतकों के परिवार पर संदेह करने के भी कोई सबूत नहीं हैं.
मौत का कोई सुराग?
हालांकि, पुलिस ने इस मामले पर चुप्पी साध रखी है. यह मामला ऑस्ट्रेलिया में सुर्खियों में बना हुआ है. आत्महत्या, हत्या और साजिश जैसे कई तरह के अंदेशे जताए जा रहे हैं.
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स से बेशक कुछ सुराग मिले हैं लेकिन पुलिस ने अभी किसी तरह की पुष्टि नहीं की है.
ऑस्ट्रेलिया के एक अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन दोनों महिलाओं में से एक को अपनी सेक्शुअलिटी की वजह से सऊदी अरब में उत्पीड़न का डर था जबकि दूसरी महिला नास्तिक थी. रूढ़िवादी देश सऊदी अरब में होमोसेक्शुअलिटी और नास्तिकता दोनों ही गैरकानूनी है.
ऑस्ट्रेलियन ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (एबीसी) ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इन महिलाओं के कमरे से ईसाई धर्म के क्रूस लगे नेकलेस मिले हैं.
एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया कि इन दोनों बहनों के ऑस्ट्रेलिया में स्थाई शरण की गुहार को खारिज कर दिया गया था और ये अपने घर का किराया भरने में मशक्कत कर रही थीं.
एक अज्ञात शख्स ने एबीसी को बताया कि उन्हें इन बहनों की मौत से पहले कई बार इनकी बिल्डिंग की लॉबी में एक अनजान शख्स मिला था. एक बार पूछने पर उसने बताया था कि वह इन दोनों बहनों के अपार्टमेंट से आ रहा है.
ऑस्ट्रेलिया में सऊदी का निर्वासित समुदाय हाशिए पर
आसरा और अमाल की मौत से ऑस्ट्रेलिया में सऊदी अरब की महिलाएं डरी हुई हैं. एक कार्यकर्ता और कलाकार साफा ने बताया, हममें से कई महिलाएं डरी हुई हैं. सऊदी से भागकर विदेशों में बस चुकी महिलाओं के लिए सऊदी की सरकार और उनके परिवार खतरा बने रहते हैं.
साफा ने डीना अली लासलूम (Dina Ali Lasloom) के मामले का उल्लेख करते हुए बताया कि वह 2017 में सऊदी अरब से भागकर फिलीपींस चली गई थीं लेकिन बाद में उसे सऊदी लौटने के लिए विवश किया गया. तभी से डीना की कोई खबर नहीं है.
वह कहती हैं कि इस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि आसरा और अमाल दोनों ने सिडनी में खुद की जान ले ली. उनके साथ जरूर कुछ गलत हुआ है. इसी वजह से वे डरी हुई थीं और उन्होंने खुद को औरों से अलग कर लिया था.
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने नहीं की मदद
ऑस्ट्रेलिया के ह्यूमन राइट्स वॉच रिसर्चर सोफी मैकनेल कहती हैं कि यह स्पष्ट है कि ऑस्ट्रेलिया सरकार से इन बहनों को किसी तरह की मदद नहीं मिली. किसी दूसरे देश से आकर बसे लोगों के लिए जिंदगी को एक नए सिरे से शुरू करना मुश्किल होता है लेकिन सऊदी की महिलाएं विशेष रूप से अधिक वल्नेरेबल होती हैं.
मैकनेल ने कहा, अगर आप सीरियाई या अफगानी हैं तो आप उन लोगों के बड़े वर्ग में शामिल हो सकते हैं, जो समान स्थिति में हैं. लेकिन सऊदी से आए लोगों का समुदाय बहुत छोटा है. उनमें बहुत डर और भ्रांतियां हैं. इसके अलावा वे कई तरह की आर्थिक दिक्कतों का सामना करते हैं.
मैकनेल कहती हैं, दोनों बहनें यहां खुद की सुरक्षा के लिए आई थीं लेकिन हमने उनकी कोई मदद नहीं की.
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