
इजरायल और हमास के बीच पिछले एक महीने से जारी जंग के बीच सऊदी अरब में मुस्लिम देशों का जमावड़ा लगा हुआ है. सऊदी अरब की मांग पर बुलाए गए ओआईसी और अरब लीग की आपातकालीन बैठक में शामिल होने के लिए दुनिया भर के मुस्लिम देशों के नेता रियाद पहुंचने लगे हैं.
दरअसल, शनिवार को सऊदी अरब में इस्लामिक सहयोग संगठन और अरब लीग की बैठक होनी है. इस बैठक में मुस्लिम देशों के लीडर इजरायल की ओर से गाजा में जारी कार्रवाई पर चर्चा करेंगे. सऊदी अरब ने यह बैठक गाजा में जारी इजरायल की कार्रवाई को रोकने के लिए अमेरिका और इजरायल पर दबाव डालने के लिए बुलाई है.
शुक्रवार देर रात सऊदी अरब विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि शनिवार को रियाद में जो दो आपातकालीन बैठकें होनी थी. उसे संयुक्त रूप से एक साथ ही आयोजित की जाएगी.
बयान में आगे कहा गया है कि यह संयुक्त बैठक फिलिस्तीनी क्षेत्र गाजा पट्टी की स्थितियों को ध्यान में रखकर बुलाई गई है. क्योंकि सदस्य देशों को वर्तमान स्थिति में इस बैठक की जरूरत महसूस होती है. बयान में यह भी कहा गया है कि सऊदी किंग ने यह बैठक अरब लीग और इस्लामिक सहयोग संगठन के साथ सलाह-मशविरा के बाद बुलाई है.
पाकिस्तान, तुर्की और कतर भी शामिल
इस बैठक में ईरान, तुर्की, कतर और पाकिस्तान के साथ-साथ दर्जनों इस्लामिक देश हिस्सा ले रहे हैं. शिखर सम्मेलन में गाजा में जारी इजरायल की कार्रवाई की कड़ी निंदा करने और फिलिस्तीनियों के विस्थापन को रोकने का आह्वान करने की उम्मीद है.
इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की इस आपातकालीन बैठक में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने के लिए पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर शुक्रवार को ही सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंच गए हैं.
ओआईसी और अरब लीग की इस आपातकालीन बैठक में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन, कतर के शेख तमीम बिन हमद अल थानी और सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद भी शामिल हो रहे हैं. इस बैठक में कतर और सीरिया का शामिल होना इसलिए भी अहम हो जाता है क्योंकि अरब लीग में कतर और सीरिया की इसी साल वापसी हुई है.
क्या कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा?
सऊदी अरब के नेतृत्व में हो रहे इस बैठक को लेकर कयास लगाए जाने लगे हैं कि क्या इस बैठक में गाजा और इजरायल को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा. यह चर्चा इसलिए भी अहम हो जाती है क्योंकि बैठक से पहले ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि बातचीत के बजाय अब इस संघर्ष को लेकर कार्रवाई करने का समय आ गया है.
रियाद के लिए रवाना होने से पहले तेहरान एयरपोर्ट पर रईसी ने कहा कि गाजा शब्दों का अखाड़ा नहीं है. अब इस पर एक्शन होना चाहिए. आज इस्लामिक देशों की एकता बहुत ही महत्वपूर्ण है. मार्च में चीन की मध्यस्थता में हुए समझौते के बाद किसी भी ईरानी राष्ट्रपति की यह पहली रियाद यात्रा है. चीन की मध्यस्थता की वजह से कई सालों के बाद सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों की बहाली हुई है.
इसके अलावा सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी शुक्रवार को गाजा पट्टी में जारी इजरायली हमले की कड़ी निंदा की है.