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आतंकी मसूद अजहर पर सवालों से बचते रहे शहबाज शरीफ, लेकिन बिलावल बोले- अफगानिस्तान में छिपा है

SCO Summit 2022: अंतरराष्ट्रीय निगरानी संस्था FATF के दवाब में पाकिस्तान लगातार यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि वह आतंकवादियों पर कार्रवाई कर रहा है. ऐसा इसलिए ताकि वह FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आ सके. हाल ही में पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनल कमांडर साजिद मीर पर भी कार्रवाई करने का दावा किया था लेकिन कुछ समय पहले तक वह साजिद मीर को मरा हुआ बता रहा था.

SCO Summit में पाकिस्तान के पीएम और विदेश मंत्री भी शामिल हुए (फाइल फोटो) SCO Summit में पाकिस्तान के पीएम और विदेश मंत्री भी शामिल हुए (फाइल फोटो)
गीता मोहन
  • नई दिल्ली ,
  • 16 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST

SCO Summit 2022: एससीओ समिट के बाद पाकिस्तान ने एक बार फिर जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के अफगानिस्तान में छिपने होने का दावा किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एएनआई से कहा कि आतंकवादी मसूद अजहर अफगानिस्तान में है. अजहर अब केवल भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा नहीं रहा. यह भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच एक त्रिपक्षीय मुद्दा बन गया है.

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वहीं एएनआई ने पाक पीएम शहबाज शरीफ से भी मसूद अजहर से बारे में जानने की कोशिश की लेकिन वह सवालों से बचते नजर आए. हालांकि सुरक्षाबलों ने उन्हें भी सवाल पूछने से मना कर दिया. वैसे पहले से ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक-दूसरे के देश में मसूद अजहर के छिपने होने का दावा कर रहे हैं. 

 

पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को लिखा था पत्र

पाकिस्तान ने पिछले दिनों FATF की कार्रवाई से बचने के लिए अफगानिस्तान को पत्र लिखकर मसूद अजहर को गिरफ्तार करने की मांग की थी. पाकिस्तान ने पत्र में कहा था कि मसूद अजहर के अफगानिस्तान के नंगरहार और कुनार इलाकों में छिपे होने की संभावना है. ऐसे में उसे गिरफ्तार कर सूचित किया जाना चाहिए.

अफगानिस्तान ने कहा- कोई पत्र नहीं मिला

इस पत्र पर तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद का जवाब भी सामने आया था. तालिबान ने कहा था कि जैश ए मोहम्मद चीफ अफगानिस्तान में नहीं है. यह एक ऐसा संगठन है जो पाकिस्तान में हो सकता है.

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वैसे भी वह अफगानिस्तान में नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें पाकिस्तान की सरकार से कोई पत्र नहीं मिला. हालांकि, इस पत्र के बारे में समाचारों में सुना है.हम इस पर यही कहना चाहते हैं कि यह सच नहीं है. 

काबुल-इस्लामाबाद के रिश्तों पर पड़ सकता है असर

अफगानिस्तान में तालिबानी विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसे आरोप काबुल और इस्लामाबाद के रिश्तों पर असर डाल सकते हैं. मंत्रालय ने कहा, हम सभी पक्षों से बिना सबूत और दस्तावेजों के ऐसे आरोपों से बचने की अपील करते हैं. इस तरह के मीडिया के आरोप द्विपक्षीय संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं. 

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