
पाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन का आज पहला दिन था. विदेश मंत्री एस जयशंकर में इस सम्मेलन में पहुंचे हैं. यहां उनकी पीएम शहबाज शरीफ से भी मुलाकात हुई. इतना ही नहीं शहबाज शरीफ आगे आकर विदेश मंत्री जयशंकर से हैंड शेक किया. दोनों नेताओं ने कुछ बातचीत भी की.
एससीओ समिट के पहले दिन शहबाज शरीफ ने विदेशी नेताओं के लिए डिनर की व्यवस्था की थी. इसी के लिए वह तमाम नेताओं का स्वागत कर रहे थे, जब विदेश मंत्री जयशंकर से भी उन्होंने मुलाकात और बात की. हालांकि, दोनों नेताओं ने शॉर्ट टर्म में क्या बात की, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन दोनों नेता आपस में बातचीत करते नजर आए. इसके बाद दोनों नेताओं ने तस्वीर भी क्लिक कराई.
यह भी पढ़ें: SCO समिट के लिए इस्लामाबाद पहुंचे जयशंकर, 9 साल बाद पाकिस्तान में भारत के विदेश मंत्री
9 साल में पहली बार पाकिस्तान का दौरा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ऐसे पहले विदेश मंत्री हैं जो 9 साल में पहली बार पाकिस्तान दौरे पर गए हैं. इससे पहले 2015 में सुषमा स्वराज ने विदेश मंत्री के रूप में पाकिस्तान का दौरा किया था. पाकिस्तान में एससीओ समिट ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव है. ऐसे में विदेश मंत्री जयशंकर का इस सम्मेलन में शिरकत के लिए जाना काफी अहम है.
पाकिस्तान में जयशंकर का स्वागत
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पहुंचने के बाद सोशल मीडिया साइट एक्स पर तस्वीरें भी शेयर कीं, जहां पाकिस्तान विदेश मंत्रालय में साउथ एशिया के डायरेक्टर जनरल इलियास महमूद निजामी ने उनका स्वागत किया. वह 3.30 बजे इस्लामाबाद के नूर खान एयरबेस पर लैंड किया था, जहां उनके स्वागत में अन्य पाकिस्तानी अधिकारी भी मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें: SCO समिट के लिये पाकिस्तान पहुंच रहे एस जयशंकर, साथ होंगे ये 14 दिग्गज, इमरान की पार्टी ने वापस लिया प्रदर्शन
पाकिस्तानी नेताओं से नहीं होगी द्विपक्षीय वार्ता
विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान सिर्फ एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए गए हैं. यहां पाकिस्तानी नेताओं के साथ उनकी कोई द्विपक्षीय वार्ता शेड्यूल नहीं है. पाकिस्तानी मीडिया में यह खबर भी चल रही है कि विदेश मंत्री ने इससे इनकार किया है. वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने बताया कि किसी भी देश के प्रतिनिधि सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय वार्ता नहीं कर सकते.